Love Shayari

मुझसे ज्यादा तुझे मेरी आँखें चाहती हैं…
जब भी तुझे सोचती हूं तो ये भर आती हैं…

 

“कुछ हम कोरे- कोरे से,
कुछ हम भी सादे-सादे से…
एक आसमान पर जैसे ,
दो चाँद आधे- आधे से

 

तेरी मोहब्बत ने दिल को
ऐसा बना दिया
इश्क हुआ है जबसे तुमसे
इसने तेरे इश्क में मरना सिखा दिया

 

एक बार ही बहकती है,
ये नज़रें
किसी को देखकर
ये इश्क़? है साहब
सौ बार नही होता…??

 

न थी जिसको मेरे प्यार की कदर
इत्तेफ़ाक़ से उसी को चाह रही थी मै..
उसी दिए ने जलाया मेरे हाथ को
जिस को हवा से बचा रही थी मै….

 

आपके प्यार को सलाम किया हे,
जीने का हर अंदाज़ आपके नाम किया हे,
मांग लीजिये आज खुदा से कुछ भी,
हमने अपनी हर मन्नत को आपके नाम किया हे….

 

तुझे चाँद कहूं या चाँदनी
बस मेरे दिल में है
तुमसे ही मोहब्बत की रोशनी

 

तेरी आँखों के काजल ने
मेरे दिल को
इश्क में घायल कर दिया
देख कर तेरी आँखों के काजल को
निकले कुछ अल्फ़ाज़ दिल से 
तो लोगों ने मुझे शायर कह दिया 

 

सुनो ना जान
भरी महफ़िल में मेरे दिल ने
दिल की मोहब्बत से
तुझे सलाम किया
देखकर तेरी सादगी को
मेरा दिल तेरी सादगी पर
फिदा हो गया 

 

शायरी में दिल हो या दिल में शायरी हो ….
समझता वही है जिसके दिल में मुहब्बत हो .

 

वो पत्थर भी मारे तो उठाकर झोलियां भर दूंं
कभी महबूब के तोफों को ठुकराया नहीं करते

 

???ज़िंदगी रहे ना रहे “दोस्ती रहेगी”???
??पास रहो या ना रहो “जान” यादें हमेशा रहेगी”???

 

इश्क़ की तारीफ़ में क्या लिखूं???
सब छिन लिया सिवाय तन्हाई के….!!

 

जब बात हुई तुमसे तब मोहब्बत,?
बिलकुल ना थी तुमसे………..?!
फिर बात कुछ एसी हुई……….?
‘तुमसे’
की मोहब्बत बेपनाह हो गयी…..?
‘तुमसे’

 

ये तेरी आँखों की मुसकुराहट
और ये तेरी सादगी का श्रिंगार
दिल में इश्क ए मोहब्बत
और भी महक ऊठती है
जिस पल होता है तेरा दीदार

 

यूं ना कहो थमने की
आज इश्क ए बरसात होने दो
यूं ना रोको खुद को
आज खुलकर मोहब्बत की बारिश होने दो

 

आपकी नजर का ही है असर
दिल में दर्द है आठों पहर
अभी छोड़कर मत जाइए
अभी मौत है थोड़ी दूर पर
जिंदगी में बस इंतजार है
आप कह रहीं हाथ थामकर
वही अश्क है, वही दर्द है
हम चल पड़े दिल की राह पर

 

सरे राह…..
जो उनसे नज़र मिली तो
नक़्श दिल के उभर गए,
हम नज़र मिला कर झिझक गए
वो नज़र झुका कर चले गए..!

 

तेरा मेरा रिश्ता सावन और बारिश के जैसा है,,,
बिन बारिश सावन सूना
तुम बिन हम भी अधूरे हैं ???

 

वक़्त तुम्हारे हुस्न पर भी झुर्रियां डाल देगा एक रोज,
तुम अकेली नहीं हो जो खुद को चाँद समझती हो…!!!