Love Shayari

इश्क तो बेपनाह हुआ कसम से,
गलती बस ये हुई कि हुआ तुमसे !!!

 

एहसास के दामन में आंसू गिरा कर देखो,
प्यार कितना है कभी हमे आज़मा कर देखो,
बिछड़ कर तुमसे क्या होगी दिल की हालत,
कभी किसी आईने पर पत्थर गिरा कर देखो।

दाँतो तले उँगलियाँ दबा के तेरी बातें सौ बार पढ़ी हमने …
कितने ही जुगनू आये गएँ तुझसे ना नज़र हटा पाएं हम!!!

 

हर एक हसीन चहरे में गुमान उसका था,
वस सका न इस दिल कोई क्योंकि ये मकान उसका था,
मिट गया हर एक गम मेरे दिल से,
लेकिन जो मिट न सका मेरे दिल से वो नाम उसका था।

 

मेरे इश्क़ के तरीके बेहद जुदा हैं.. औरों से,
मुझे तन्हा होने पर भी इश्क़ करना आता है.. तुमसे !!

 

मोहब्बत की शमा जला कर तो देखो,
ये दिलो की दुनिया सज़ा कर तो देखो,
तुझे हो न जाए मोहब्बत तो कहना,
ज़रा हमसे नजरे मिला कर देखो।

 

नज़र, नमाज़, नज़रिया
सब कुछ बदल गया
तुझसे इश्क़ क्या हुआ
मेरा खुदा ही बदल गया…!

 

अपनी मोहब्बत से सजाना है तुझको,
कितनी चाहत है तुझसे ये बताना है तुझको,
राहों में तेरी बिछाकर मोहब्बत अपनी,
इश्क के सफर पर ले जाना है तुझको।

 

ले जाओ ना इस टूटी छतरी को …
मुहोब्बत की बारिश में आधा आधा भीगेंगे …

 

तुझ पर एतवार करना हैं,
दिल जान से प्यार करना है,
मेरी ख्वाइश ज्यादा नही बस इतनी हैं,
तुझे हर लम्हे में अपना बना कर रखना है।

 

??ये #चाय की #मोहब्बत.
तुम क्या #जानो जनाब.!!??
हर #घूंट मे बस..
#तुम को ही #याद करते है??

 

किसी मोड़ पर उसका दीदार हो जाये,
काश उसे भी मुझ पर एतवार हो जाये,
उसकी पलके झुकें और इकरार हो जाये,
काश उसे भी मुझ से प्यार हो जाये।

बहुत हुई कडवाहट ….अब अल्पविराम दो
मीठा कर लो मुँह …….मुस्कुराहट इनाम दो

 

चुपके से आकर मेरे दिल में उतर जाते हो,
सांसो में मेरी खुशबू बन कर बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोतें जागते अब तो तुम ही तुम नज़र आते हो।

 

जिक्र करता है ये दिल सुबह शाम तेरा,
बहते हैं आँसू और बनता है नाम तेरा,
किसी और को क्यों देखे ये आँखे मेरी,
जब दिल पर लिखा है मेरे नाम तेरा।

 

खुदा कसम ना खुश हूँ ना उदास हूँ
मैं जिसकी याद में गुम हूँ उसी के पास हूँ…….!!

 

?”तुम जो कहना चाहो कहो,
ये हक भी है तुम्हारा…..
हम तो यही कहेंगे की
“दिल” तुम पे हमने है “हारा”!!..?

 

अभी मशरूफ हूँ काफी,कभी फुर्सत से सोचूँगी,
कि तुझको याद रखने में,मैं क्या क्या भूल जाती हूँ….!!

 

तेरे “भींगे होंठो” को देखा तो एक बात उठी जहन में..
वो लफ्ज़ कितने नशीले होंगे,जो इनसे होकर गुजरते हैं?

 

बिन तेरे #महफ़िल अधुरी लगती है,
#बिन तेरे ये ज़िन्दगी #अधुरी लगती है!
#इंतज़ार है तेरा कब से इस #दिल को,
बिन तेरे हर #धड़कन अधुरी #लगती हैं!.
दिल से..