Love Shayari

मैंने देखा नही कोई मौसम,
बस मैंने चाहा है तुझे लम्हा-लम्हा…..!!

 

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यूँ कब तक ख़ामोश रहोगी अब तो दिल की कहदो
लब कुछ कह न पाएँ तो तुम आँखों से ही कहदो !

 

हसीन लबों को देखा, तो देखते ही रह गए
नज़रें मिलती तो शायद हम बुत्त बन जाते

 

यूँ तो मुद्दतें गुजार दी है हमने तेरे बगैर मगर,
आज भी तेरी यादों का एक झोंका मुझे टुकड़ो में बिखेर देता है !!

 

मेरा प्रेम आसमान की तरह है
जिसका कोई जमीं नहीं….

 

नींद पूरी लिया कीजिये, आधी आँखों में हम नहीं समाने वाले…!!?
मिलना है तो रूबरू होइए , यूँ ख्वाबों में हम नहीं आने वाले….!!??

 

#कंही फ़िसल न जाओ कहीं जरा
समहल्के रहना !
#मौसम बारिस काभी है
और मोहब्बत का भी !

 

साथ भीगें बारिश मेंअब यह मुमकिन नहीं
चलो भीगते हैं यादों में तुम कहीं हम कहीं…!!

 

रात की काली घटा में नैन क्यों मटकाये,
दिन में भींगी बिल्ली बनती रात में आँख दिखाये।
?
कौन है वो ?

 

#ससुराल ?कैसा भी हो
#फर्क_नहीं पड़ता,,,
बस #फोन_में_नेटवर्क
#अच्छा होना चाहिए….

 

पनाह मिल जाए..
रूह को जिस का हाथ छूके..
उसी हथेंली में..
घर बना लो..

 

शीशा टूटे और बिखर जाये वो बेहतर है,
दरारें ना जीने देती हैं ना मरने देती हैं।

 

अर्ज़ किया है
तुम तो ऐसे उदास बैठे हो
जैसे बीवी के पास बैठे हो
???

 

हमें मोहब्बत
सिर्फ तुमसे है,
वरना हमें भी
चाहने वाले बहुत है !!
सुना तुमने..‌….

 

गुजर रहा था तेरी गलियों से
सोचा तेरे घर की खिड़कियों को भी सलाम कर लूं
जो कभी मुझे देख कर खुला करती थीं…!!

 

मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ,
सोचता हूँ कि तुझे हाथ लगा कर देखूँ।

 

 
आपकी मुस्कुराहट मेरी पहचान हैं
आपकी खुशी मेरी शान हैं
कुछ भी नहीं आपके बिना मेरी ज़िन्दगी में,
बस इतना समझ लो,आपकी दोस्ती ही मेरी जान है….

 

तेरी आरज़ू ने यही काम किया है।
मेरी ज़िन्दग़ी को बदनाम किया है।
मैं कैसे छुपाऊँ अंज़ाम को सबसे?
दर्द ने नुमाइश तेरे नाम किया है।

 

कसा हुआ है तीर हुस्न का
जरा संभलकर रहिएगा
नजर नजर को मारेगी
तो कातिल हमें ना कहिएगा

 

रिमझिम बारिश में तुझसे मुलाकात का ?
?जवाँ दिलों में धड़कते हुए जज़्बात का ?
?भीगी जुल्फें और होठों पे सरकती बूँदें ?
?कुछ ऐसा मंज़र हो तो मज़ा है बरसात का.