अच्छी सलाह को मत करो नज़रंदाज़ | Acchi Salah Ko Mat Karo Nazarandaz अच्छी सलाह को मत करो नज़रंदाज़ | Acchi Salah Ko Mat Karo
बेचारी बिल्ली | Bechari Billi बेचारी बिल्ली | Bechari Billi : एक गरीब बूढ़ी औरत किसी टूटे-फूटे से झोंपड़े में रहा करती थी। उसने एक बिल्ली
बिना बिचारे जो करे सो पाछे पछताए | Bina Bichare Jo Kare So Pacche Pacchtae बिना बिचारे जो करे सो पाछे पछताए | Bina Bichare
चालाक ईश्वर के चार दामाद | Chalak Ishwar Ke Char Damad चालाक ईश्वर के चार दामाद | Chalak Ishwar Ke Char Damad : किसी समय उज्जयिनी
बन्दर का बदला | Bandar Ka Badla बन्दर का बदला | Bandar Ka Badla : बहुत समय पहले चंद्र नामक राजा राज्य किया करता था। राजा
ज्ञानवान मुर्ख | Gyanwan Murkh ज्ञानवान मुर्ख | Gyanwan Murkh : एक बार चार मित्र ब्राह्मण थे और एक ही गांव के रहने वाले थे। पर
लालच का फल बुरा ही होता हैं | Lalach Ka Fal Bura Hi Hota Hain लालच का फल बुरा ही होता हैं | Lalach Ka
घमंड मृत्यु का द्वार खोलता हैं | Ghmand Mrityu Ka Dwar Kholta Hain घमंड मृत्यु का द्वार खोलता हैं | Ghmand Mrityu Ka Dwar Kholta
जिस पर जो बीतती हैं, वही जान पाता हैं | Jis Par Jo Bitati Hain Vahi Jaan Pata Hain जिस पर जो बीतती हैं, वही
विश्वासपात्र बनना सीखो | VishwasPatr Bnna Sikho विश्वासपात्र बनना सीखो | VishwasPatr Bnna Sikho : एक समय एक चालाक मगरमच्छ किसी तालाब के किनारे रहता था।
तुम जो नहीं हो, वह सबको मत दिखाओ | Tum Jo Nahi Ho Vo Sabko Mat Dikhao तुम जो नहीं हो, वह सबको मत दिखाओ
किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat
मित्रता का मजाक | Mitrta Ka Mjaak मित्रता का मजाक | Mitrta Ka Mjaak : एक गांव में धर्मबुद्धि और पापबुद्धि नामक दो मित्र रहते थे।
भगवान् विष्णु का भक्त | Bhagwan Vishnu ka Bhakt भगवान् विष्णु का भक्त | Bhagwan Vishnu ka Bhakt : रान्ति देव–भगवान् विष्णु का भक्त एक
ब्राह्मण्ड ओर अर्जुन | Brhmand Aur Arjun ब्राह्मण्ड ओर अर्जुन | Brhmand Aur Arjun : एक बार अर्जुन, भगवान् कृष्णा से मिलने द्वारका गए. श्रीकृष्ण द्वारका