किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao

किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao

किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao : बहुत पहले एक व्यापारी अपनी बैलगाड़ी पर सवार होकर मथुरा जा रहा था. उसकी बैलगाड़ी में दो बैल जूते हुवे थे, संजीवक और नंदक. जब व्यापारी की बैलगाड़ी जंगल से गुज़र रही थी, तब एकाएक संजीवन बैल थककर जमीन पर गिर पड़ा. व्यापारी ने उसे उठाने की बहुत कोशिश की लेकिन कुछ फायदा न हुआ. बैल जमीन पर बिना हिले – डुले पड़ा रहा. अकिर्कार व्यापारी को बैल वाही छोड़कर आगे बढ़ जाना पड़ा.

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किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao : संजीवक बैल ने सोचा मैंने अपने मालिक की ईमानदारी से सारी उम्र सेवा की है, मेरे मालिक ने मुझे त्यागकर मेरी वफादारी का यह इनाम दिया है? बैल ने सोचा अब मेरे पास दो ही तरीके बचे हैं या तो मैं अपने आपको किस्मत के हवाले कर यहीं पर मर जाऊं या फिर मैं अपनी बची-खुची ताकत को इकट्ठा कर अंत तक लड़ता रहूं। संजीवक बैल ले साहस करके खड़े होने का प्रयास किया। आखिरकार वह लड़खड़ाता हुआ बड़ी मुश्किल से खड़ा हो पाया।

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किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao
किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao : संजीवक बैल अपने स्वामी के पास वापस नहीं जाना चाहता था। वह जंगल में ही धीरे-धीरे चलने लगा। वह वहां पर उगी हरी-हरी घास खाने लगा। नदी से स्वच्छ पानी पीने लगा। कुछ समय बाद संजीवक में फिर से फुर्ती और ताकत वापस आ गई। वह फिर से हट्टा-कट्टा और ताकतवर हो गया। वह शेर की तरह दहाड़ने लगा। उसकी ऊंची और डरावनी आवाज जंगल में दूर तक गूंजती थी।
एक दिन पिंगलक नामक शेर नदी पर पानी पीने आया, तभी उसने बैल के दहाड़ने की आवाज सुनी। इतनी डरावनी आवाज सुनकर शेर बहुत डर गया। वह डर के मारे भागकर अपनी गुफा में छिप गया। उसने सोचा कि कोई बहुत बड़ा और ताकतवर जानवर मेरे जंगल में घुस आया है अन्यथा कोई आम जानवर इस तरह की आवाज नहीं निकाल सकता।

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किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao : शेर के दो गीदड़ मंत्री थे। एक का नाम दमनक और दूसरे का कारतक था। वे चालाक और बदमाश थे। वे हमेशा राजा का चहेता बनने का मौका ढूंढ़ते रहते थे। जब दमनक नामक गीदड़ ने अपने राजा को डरा हुआ देखा, तब वह शेर के पास गया और बड़ी होशियारी से बोला-‘महाराज! आपको किसने डराया है। मुझे जल्दी बताइए, मैं उसको लाकर आपके सामने खड़ा कर दूंगा।’
शेर क्योंकि राजा था, वह गीदड़ के सामने यह मानने को तैयार नहीं था कि वह किसी से डरा हुआ है, परंतु चालाक गीदड़ ने उससे किसी तरह सच उगलवा ही लिया। गीदड़ ने शेर से कहा-‘महाराज! अब आपको किसी से डरने की जरूरत नहीं। मैं उस डरावनी आवाज का जल्दी ही पता लगा लूगा।’ यह कहकर वह ध्यान से जंगल की ओर चला और उसे शीघ्र ही पता चल गया कि वह अजीबी-गरीब डरावनी आवाज निकालने वाला और कोई नहीं, केवल एक सामान्य बैल है। गीदड़ बहुत खुश हुआ और बैल के पास जाकर उसे डराता हुआ बोला-‘इस जंगल का राजा शेर तुम्हारी इस खंखारती हुई आवाज से बहुत नाराज है, अगर तुम्हें अपनी जिंदगी प्यारी है, तो मेरे साथ चलो और उससे क्षमा मांग लो।” बैल इस नए वार से डर गया और गीदड़ के पीछे-पीछे चल पड़ा।

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किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao
किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao : चालाक गीदड़ राजा के दरबार में पहुंच गया और झुककर शेर से बोला – ‘मैंने जोर से आवाज निकालने वाले जानवर को ढूंढ़ लिया है। वह एक बैल है जिसे शिव भगवान का आशीर्वाद प्राप्त है और वह कहता है कि भगवान शिव ने उसे जंगल में जहां मर्जी घूमने की इजाजत दे रखी है।” पिंगलक नामक शेर बहुत घबरा गया। गीदड़ बोलता गया-‘जब मैंने यह सुना, तब मैंने उससे कहा कि इस जंगल का राजा शेर है और उसे शिव की रानी पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त है। यदि तुम यहां आराम से रहना चाहते हो, तो तुम्हें शेर का मित्र बनकर रहना पड़ेगा।’

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किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao : ‘तुमने यह बहुत अच्छा काम किया है।’ शेर ने खुश होकर दमनक नामक गीदड़ से कहा-‘तुम उस बैल को मेरे पास लेकर आओ।” जब बैल शेर के पास आया, तब शेर ने अपनी दोस्ती पक्की करने के लिए बैल का स्वागत करते हुए अपना पंजा उसके आगे बढ़ा दिया। समय के साथ-साथ शेर और बैल की दोस्ती बढ़ती गई। बैल बुद्धिमान और शांत स्वभाव का था, वह शेर को बुद्धि और अपने ऊपर काबू रखने का ज्ञान सिखाने लगा। वे दोनों पक्के दोस्त बन गए और घंटों आपस में बातचीत करते रहते। यह देखकर जंगल के सारे जानवर शेर के दरबार से दूर रहने लगे। शेर ने शिकार करना भी छोड़ दिया, क्योंकि वह सारा समय अपने नए दोस्त के साथ बात करने में बिताने लगा था। शेर के दोनों गीदड़ मंत्री इस अवस्था को देखकर बहुत दुखी हुए और उनकी मित्रता को तुड़वाने का यत्न करने लगे।

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किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao
किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao : कारतक गीदड़ ने दमनक गीदड़ से कहा-‘यह सब तुम्हारा किया धरा है। तुम ही बैल को शेर के पास लाए थे और अब वे दोनों अलग नहीं हो रहे यह सच है। पर अब हम दोनों मिलकर अपनी बुद्धि द्वारा इस समस्या का उपचार कर सकते हैं।’ दोनों मंत्रियों ने मिलकर एक योजना बनाई।

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दमनक गीदड़ शेर के पास जाकर बोला-‘महाराज! मैं एक बुरी खबर लेकर आपके पास आया हूं। मेरा दिल भी दुखी है, पर क्या करूं? इस संजीवक बैल की आपके राज्य पर बुरी नज़र है। वह आपको मारकर खुद राजा बनना चाहता है।’ पिंगलक शेर यह सुनकर हैरान रह गया। ‘मैं इस पर विश्वास नहीं कर सकता’, अपना सिर घुमाते हुए शेर ने कहा-‘वह मेरे दिल के इतना करीब है। वह मेरे खिलाफ क्यों होगा?’

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किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao : गीदड़ ने मीठे शब्दों में कहा-‘मैं जानता हूं कि आपका नरम दिल एक मित्र की दगाबाजी से आहत हुआ है, परंतु मैंने अपना कर्तव्य समझकर आपको बता दिया कि आप अपने पास एक धोखेबाज (दुश्मन) को रख रहे हैं। आपको शीघ्र ही उसे मार डालना चाहिए।’
अगले दिन वह गीदड़ बैल के पास गया और उसे एक अलग कहानी सुना दी-‘राजा शेर तुम्हें मारने के लिए षड़यंत्र रच रहा है, वह तुम्हारा मांस जंगल के सभी जानवरों में बांटना चाहता है। अच्छा होगा यदि तुम अपने नुकीले सींगों से शेर को मार दो, इससे पहले कि वह तुम्हें मारे।” बैल ने उत्तर दिया-‘मेरा दिल इस पर विश्वास नहीं करता कि मेरा सच्चा मित्र, मुझे मारना चाहता है।’
‘लेकिन यह सच है।’ गीदड़ ने कहा-‘अभी यदि तुम उसके पास जाओगे, तो उसको धमकी-भरी स्थिति में बैठा पाओगे, उसकी नीयत खराब हो गई है।’

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किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao
किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao : संजीवक बैल शेर के दरबार में चला गया। जब शेर ने बैल को सावधानीपूर्वक आते देखा, तो उसे गीदड़ के कहे वाक्य याद आ गए। वह तुरंत अकड़ कर अपनी पूंछ ऊपर उठाकर नीचे झुककर बैठ गया। जब बैल ने शेर को आक्रामक स्थिति में देखा, तो वह भी सावधान हो गया। उसने अपने पैर आगे फैला लिये और अपने नुकीले सींग आगे बढ़ा दिए। शेर ने सोचा कि बैल मुझ पर वार करने आ रहा है, वह तुरंत बैल पर दहाड़ता हुआ झपट पड़ा। दोनों जानवरों में काफी देर तक युद्ध चलता रहा। सारी जमीन लहू से तर हो गई। आखिर में शेर ने बैल को मार डाला।
बाद में शेर ने बैल को मरा हुआ देखा, तो उसे बहुत अफसोस हुआ, क्योंकि कभी वही बैल उसका प्यारा मित्र था। दमनक नामक गीदड़ ने उसके कान भर दिए थे, इसलिए उसने बैल को मार डाला।

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