Jab Ghanti Bjaae Banti (Bandar) | जब घंटी बजाए बंटी (बन्दर)

Jab Ghanti Bjaae Banti (Bandar) | जब घंटी बजाए बंटी (बन्दर)

Jab Ghanti Bjaae Banti (Bandar) | जब घंटी बजाए बंटी (बन्दर) : एक चोर जो कहीं से एक घंटी चुराकर जंगल के रास्ते भागा जा रहा था, शेर के हाथों मारा गया। वहीं पास ही कुछ बंदर भी थे, उन्हें वह घंटी मिल गई।
| खेलते-खेलते वे बंदर उस घंटी को बजाने लगे। जब पास के गांववालों ने जंगल से घंटी | की आवाज आती सुनी तो वे डर गए। उन्होंने सोचा, यह कोई दानव है, जो ऐसी आवाज निकाल रहा है।

जब घंटी बजाए बंटी (बन्दर) | Jab Ghanti Bjaae Banti (Bandar)

Jab Ghanti Bjaae Banti (Bandar)  : फिर कुछ दिन इसी डर के साए में बीत गए।
एक दिन एक साहसी लड़का कुछ सोचकर फलों की टोकरी लिए जंगल में जा घुसा। | उसने फलों की टोकरी जमीन पर रख दी और एक पेड़ के पीछे जा छिपा। थोड़ी ही देर में बंदर | वहां आ पहुंचे और घंटी एक ओर फेंककर फल खाने में जुट गए। मौका देखकर लड़के ने घंटी उठाई और गांव की ओर भाग चला।।
गांव में पहुंचकर उसने सभी को वह घंटी दिखाई तो गांव वाले उसकी बहादुरी की | सराहना करने लगे कि कितना साहसी है…जो दानव के हाथों से घंटी छीन लाया।

जब घंटी बजाए बंटी (बन्दर) | Jab Ghanti Bjaae Banti (Bandar)

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