आँखे मुंदकर विश्वास करना मुर्खता की चोटी हैं | Ankhe Mundkar Vishwas Karna Murkhta Ki Choti Hain आँखे मुंदकर विश्वास करना मुर्खता की चोटी हैं
Category: Short Moral Stories in Hindi
अच्छी सलाह को मत करो नज़रंदाज़ | Acchi Salah Ko Mat Karo Nazarandaz अच्छी सलाह को मत करो नज़रंदाज़ | Acchi Salah Ko Mat Karo
चालाक ईश्वर के चार दामाद | Chalak Ishwar Ke Char Damad चालाक ईश्वर के चार दामाद | Chalak Ishwar Ke Char Damad : किसी समय उज्जयिनी
ज्ञानवान मुर्ख | Gyanwan Murkh ज्ञानवान मुर्ख | Gyanwan Murkh : एक बार चार मित्र ब्राह्मण थे और एक ही गांव के रहने वाले थे। पर
लालच का फल बुरा ही होता हैं | Lalach Ka Fal Bura Hi Hota Hain लालच का फल बुरा ही होता हैं | Lalach Ka
घमंड मृत्यु का द्वार खोलता हैं | Ghmand Mrityu Ka Dwar Kholta Hain घमंड मृत्यु का द्वार खोलता हैं | Ghmand Mrityu Ka Dwar Kholta
जिस पर जो बीतती हैं, वही जान पाता हैं | Jis Par Jo Bitati Hain Vahi Jaan Pata Hain जिस पर जो बीतती हैं, वही
विश्वासपात्र बनना सीखो | VishwasPatr Bnna Sikho विश्वासपात्र बनना सीखो | VishwasPatr Bnna Sikho : एक समय एक चालाक मगरमच्छ किसी तालाब के किनारे रहता था।
किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat Aao किसी के झांसे में मत आओ | Kisi Ke Jhanse Mein Mat
भगवान् विष्णु का भक्त | Bhagwan Vishnu ka Bhakt भगवान् विष्णु का भक्त | Bhagwan Vishnu ka Bhakt : रान्ति देव–भगवान् विष्णु का भक्त एक
ब्राह्मण्ड ओर अर्जुन | Brhmand Aur Arjun ब्राह्मण्ड ओर अर्जुन | Brhmand Aur Arjun : एक बार अर्जुन, भगवान् कृष्णा से मिलने द्वारका गए. श्रीकृष्ण द्वारका
कन्या और चूहे का विवाह | Kanya Aur Chuhe Ka Vivah कन्या और चूहे का विवाह | Kanya Aur Chuhe Ka Vivah : बहुत समय पहले
समझदार बनो गीदड़ की तरह | Samjhdar bano Geedad Ki Tarah समझदार बनो गीदड़ की तरह | Samjhdar bano Geedad Ki Tarah : किसी जंगल
दुष्ट की दुष्टता छूटती नहीं | Dusht Ki Dushtta Chhuti Nahi दुष्ट की दुष्टता छूटती नहीं | Dusht Ki Dushtta Chhuti Nahi : किसी राजा
दयालु – अम्बरीश | Dayalu – Ambrish दयालु – अम्बरीश | Dayalu – Ambrish : एक बार राजा अंबरीश भगवान् विष्णु की प्रार्थना में ध्यान मग्न