भोला धन्ना और धूर्त ब्राह्मण : ब्राह्मण की बात सुनकर भोला-भाला धन्ना सकपका गया। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या कहे। कुछ सोचकर वह बोला, “पंडित जी ! मैं तो गरीब आदमी हूं । पूजा करवाने के बदले आपको दान-दक्षिणा आदि देने की सामर्थ्य मुझमें नहीं है। आप तो मुझे बस प्रभु से मिलन की राह बता दीजिए। आप मेरे गुरु बन जाइए। आप तो रोज ही प्रभु से मिलते हैं, बस एक बार मुझे भी भगवान से मिला दीजिए।”
धन्ना की बात सुनकर ब्राह्मण हंस पड़ा और बोला, “अरे मूर्ख बुद्धि! क्या प्रभु ऐसे ही राह चलते मिल जाते हैं? उन्हें पाने के लिए बड़ी भारी तपस्या करनी पड़ती है। उनकी तपस्या के लिए ज्ञान प्राप्त करना पड़ता है और ज्ञान देवी सरस्वती की कृपा से ही प्राप्त होता है।”
“यह देवी सरस्वती कौन हैं पंडित जी ?” धन्ना ने ब्राह्मण से पूछा।
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