शत्रु को आश्रय देने का परिणाम | Shatru Ko Ashray Dene Ka Parinam शत्रु को आश्रय देने का परिणाम | Shatru Ko Ashray Dene Ka
Author: Hind Patrika
चंडख की कथा | Chandakh Ki Katha चंडख की कथा | Chandakh Ki Katha : किसी वन में चंडख नाम का एक गीदड़ रहता था। एक
कपटियो का साथ | Kapatiyo Ka Sath कपटियो का साथ | Kapatiyo Ka Sath : किसी वन में मदोत्कट नाम का एक सिंह रहता था। उसके
कछुवे का पतन | Kachhuve Ka Patan कछुवे का पतन | Kachhuve Ka Patan : किसी जलाशय में कम्बुग्रीव नाम का एक कछुआ रहता था। उसके
यद्भविष्य और उसका परिवार | Yuddhvishy Aur Uska Parivar यद्भविष्य और उसका परिवार | Yuddhvishy Aur Uska Parivar : एक जलाशय में तीन मत्स्य (मछलियां) रहते
मक्खी और मेढकों की मेल की शक्ति | Makhi Aur Maendhako Ki Mel Ki Shakti मक्खी और मेढकों की मेल की शक्ति | Makhi Aur
स्वार्थ – साधन की कपटनीति | Swarth – Sadhan Ki Kapatniti स्वार्थ – साधन की कपटनीति | Swarth – Sadhan Ki Kapatniti : किसी वन में
मुर्ख को उपदेश देने का फल | Murkh Ko Updesh Dene Ka Fal मुर्ख को उपदेश देने का फल | Murkh Ko Updesh Dene Ka
समुद्र से हेकड़ी | Samudr Se Haekadi समुद्र से हेकड़ी | Samudr Se Haekadi : किसी समुद्र के किनारे एक स्थान में टिटहरी का एक जोड़ा
बन्दर और चिडिया | Bandar Aur Chadiyaa बन्दर और चिडिया | Bandar Aur Chadiyaa : किसी वन में एक शमी का वृक्ष था। उसकी लम्बी शाखाओं
मुर्ख की मुर्खता से पिता का अंत | Murkh Ki Murkhta Se Pita Ka Ant मुर्ख की मुर्खता से पिता का अंत | Murkh Ki
उपाय भी और अपाय भी | Upay Bhi Aur Apay Bhi उपाय भी और अपाय भी | Upay Bhi Aur Apay Bhi : किसी वन प्रदेश
तराजू और बाज | Taraju Aur Baaj तराजू और बाज | Taraju Aur Baaj : किसी नगर में जीर्णधन नामक एक वैश्य का पुत्र रहता था।
राजा और बन्दर | Raja Aur Bandar राजा और बन्दर | Raja Aur Bandar : एक राजा के राजभवन में एक बंदर रहता था। वह वहां
मूर्ख मित्र से विद्वान शत्रु अधिक अच्छा | Murkh Mitr Se Vidhwan Shatru Adhik Accha मूर्ख मित्र से विद्वान शत्रु अधिक अच्छा | Murkh Mitr