अंग्रेजीयत सीखने की धुन : इंग्लैंड में लोग उन्हें जंगली या असभ्य न समझें, इसके लिए उनके मन में अंग्रेजी सभ्यता और शिष्टाचार सीखने की धुन सवार हुई। पहले उन्होंने कई पुस्तकें पढ़ीं, पत्रिकाओं का अध्ययन किया और फिर अपने बालों को नए फैशन के अनुसार कटवाया तथा ‘ आर्मी एण्ड नेवी स्टोर’ से आधुनिक कपड़े सिलवाए। नया हैट और टाइयां खरीदीं, सोने की चेन वाली घड़ी खरीदी । सभ्य समाज में शामिल होने के लिए उन्होंने फ्रेंच भाषा सीखी और नाचना सीखा। बजाने के लिए वायलन खरीदा।।
परंतु शीघ्र ही उन्होंने अनुभव कर लिया कि ये सारी चीजें व्यर्थ हैं। आधुनिक फैशन के कपड़े पहनने से ही कोई सभ्य नहीं हो जाता। वे सोचने लगे कि वे यहां शिक्षा ग्रहण करने आए हैं। वे विद्यार्थी हैं। उन्हें सारी जिंदगी यहां थोड़े ही रहना है। लच्छेदार भाषण देकर, नाच-गाना सीखकर, कोट-पतलून और टाई-हैट पहनकर क्या वे सभ्य बन सकते हैं? नहीं, वे विद्यार्थी हैं और विद्यार्थी के लिए सादा जीवन व्यतीत करना ही श्रेष्ठ है।
इसलिए उन्होंने महंगा दिखावटी जीवन एकदम से त्याग दिया।