Bevkuf Banadr Ka Nyay | बेवकूफ बंदर का न्याय
Bevkuf Banadr Ka Nyay | बेवकूफ बंदर का न्याय : दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे थे। लोमड़ी का कहना था कि भेड़िए ने उसे । लूटा है, जबकि भेड़िया कह रहा था कि लोमड़ी ने उसे धोखा दिया है। जब बात नहीं बनी तो दोनों न्यायालय की शरण में गए, जहां न्यायाधीश के आसन पर बंदर विराजमान था। पूरा मामला बेहद उलझा हुआ तथा विसंगतियों से भरा था। अंत तक बंदर भी कुछ समझ नहीं पाया कि क्या करे। उसका धैर्य भी चुक गया था। । निर्णायक दिन जब आया तो बंदर ने आदेश दिया, “दोनों ही दोषी हैं। भेड़िया सिद्ध ही नहीं कर पाया कि लोमड़ी ने चोरी की है, लेकिन यह भी सब जानते हैं कि लोमड़ी स्वभाव से ही चोर होती है। और चोर तथा झूठ बोलने वाले दोनों की जगह जेल में है। इसलिए मैं दोनों को जेल भेजने का आदेश देता हूं।”