Chalak Lomdi Ki Chalaki | चालाक लोमड़ी की चालाकी

Chalak Lomdi Ki Chalaki | चालाक लोमड़ी की चालाकी

Chalak Lomdi Ki Chalaki | चालाक लोमड़ी की चालाकी : “तुम मुझे इतना गौर से क्यों देख रहे हो?” पूछा लोमड़ी ने खरगोश से।
“मैं यह सोच रहा था, ” खरगोश बोला, “कि क्या तुम वास्तव में उतनी चतुर हो जितना लोग कहते हैं, या कहीं ऐसा कहने वाले मूर्ख तो नहीं”
“हूं।” कुछ सोचते हुए लोमड़ी बोली, “अच्छा सवाल है। क्यों नहीं तुम ऐसा करते कि मेरे घर आज खाने पर आ जाते। वहीं आराम से बैठकर इस बात पर विचार कर लेंगे।” | खरगोश नियत समय पर लोमड़ी के घर जा पहुंचा। कुछ देर बाद उसे ऐसा संदेह हुआ कि कुर्सी-मेज तो सब व्यवस्थित हैं, लेकिन भोजन का कोई चिह्न नजर नहीं आ रहा।
कुछ ही देर में खरगोश का संदेह विश्वास में बदल गया और वह वहां से जितना तेज भाग सकता था, भाग निकला।
| अब आप ही बताएं…लोमड़ी चतुर थी या नहीं? जब खरगोश ने उसके घर आने की दावत स्वीकार कर ली थी, तो उसे क्या पड़ी थी कुछ बनाने की।

Chalak Lomdi Ki Chalaki | चालाक लोमड़ी की चालाकी | Fun Story in Hindi

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.