What is Life in Hindi
What is Life in Hindi : लोग जीवन को एक दलील व्यस्था समझते हैं जबकि ये एक तर्क व्यवस्था नहीं हैं. ये तर्क से ज्यादा एक रहस्य हैं एक पहेली हैं. गणित का मार्ग सीधा साफ़ हैं. परन्तु पहेली सीधी साफ़ नहीं होती. और सीधी साफ़ हो तो पहेली नहीं हो पाती. अब तर्क की निस्पत्ति ये की ये बीज में ही छिपी रहती हैं. तर्क कभी किसी नयी चीज़ को नहीं लाता. रहस्य सदा ही अपने पार चला जाता हैं. आलाउस इन सूत्रों में जीवन के इस रहस्य की विवेचना कर रहा हैं.
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What is Life in Hindi : इसे हम दो तरह से समझे : एक तो – हम कल्पना करे की एक व्यक्ति एक सीधी रेखा पर ही चलता चला जाए. तो अपनी जगह कभी वापस नहीं लौटेगा जिस जगह से यात्रा शुरू होगी वहां कभी वापस नहीं आएगा अगर रेखा उसकी यात्रा की सीधी हैं लेकिन अगर वर्तालाकार हैं तो वो जहाँ से चला हैं वही लौट आएगा. अगर हम यात्रा सीधी कर रहे हैं तो हम जिस जगह से चले हैं वहां कभी भी नहीं आ पाएंगे लेकिन यदि यात्रा का पथ वर्तल हैं circular हैं तो हम जहाँ से चले हैं वही वापस लौट आएँगे. तर्क मानता हैं की जीवन सीधी रेखा की भांति हैं और रहस्य मानता हैं की जीवन वर्तालाकार हैं. circular हैं.
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What is Life in Hindi : इसलिए पश्चिम जहाँ की चेतना ने मनुष्य को गहरे से गहरा प्रभावित किया हैं जीवन को वर्तुल के आकार में नहीं दीखता और पूरब जहाँ जीवन के रहस्य को समझने की कोशिश की गयी हैं लाउस हैं, चाहे कृष्णा, चाहे बुद्ध वहां हमने जीवन को एक वर्तुल में देखा हैं. वर्तुल का अर्थ हैं हम जहाँ से चले हैं वही वापस पहुँच जाएंगे. इसलिए संसार को हमने एक चक्र कहा हैं the Wheel संसार का अर्थ ही चक्र होता हैं. यहाँ कोई भी चीज़ सीधी नहीं चलती. फिर चाहे मौसम हो या आदमी का जीवन.
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What is Life in Hindi : जहाँ से बच्चा यात्रा शुरू करता हैं जीवन की वही जीवन का अंत होता हैं. बच्चा जब पैदा होता हैं तो पहले जो जीवन का चरण हैं वो हैं स्वांस बच्चा स्वांस लेता पैदा नहीं होता हैं पैदा होने के बाद स्वांस लेता हैं. कोई आदमी स्वांस लेते हुवे नहीं मरता. स्वांस छोड़ कर मरता हैं. जिस बिंदु से जीवन चक्र शुरू होता हैं जन्म शुरू होता हैं वही मृत्यु उपलब्ध होती हैं. जीवन एक वर्तुल हैं इसका अगर ठीक अर्थ समझो तो लाउस की बात समझ में आ सकेगी.
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What is Life in Hindi : लाउस कहता हैं सफलता को पूरी सीमा तक मत ले जाना अन्यथा वो असफलता हो जाएगी. अगर सफलता को तुम पूरा ले गए तो तुम अपने ही हाथो से उसे असफलता बना लोगे और यदि यस के वर्तुल को तुमने पूरा खिंचा तो यस ही अप्यस बन जाएगा. यदि जीवन एक रेखा की भांति हैं तो लाउस्य गलत हैं. और जीवन यदि वर्तुल हैं तो लाउस्य सही हैं. ये इस बात पर निर्भर करेगा की जीवन क्या हैं एक सीधी रेखा इसलिए पूरब में इतिहास नहीं लिखा हैं पश्चिम में इतिहास लिखा हैं क्युकी पश्चिम मानता हैं की जो घटना एक बार घटी हैं वो दोबारा नहीं घटेगी.
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What is Life in Hindi : वो unreppeatable हैं. द्वितीयक घटना अद्वित्यक हैं इसलिए jesus का जन्म अद्वित्य हैं दोबारा नहीं होगा और jesus पुन: लुप्त नहीं होंगे इसलिए सारा इतिहास jesus से हिसाब रखता हैं. jesus से पहले और jesus के बाद सारी दुनिया में हम इतिहास को नापते हैं. ऐसा हम राम के साथ नहीं नाप सकते हम ये नहीं ख सकते की राम के पूर्व व राम के बाद इसका मतलब हमे ये भी नहीं पता की राम कब पैदा हुवे. इसका अर्थ यह भी नहीं हैं की हम राम का पूरा जन्म बचा सकते थे परन्तु उनके जीवन की तिथि नहीं बचा सकते थे. ये बहुत महत्वपूर्ण बात हैं पूरब ने कभी इतिहास लिखना नहीं चाहा. क्यूंकि पूरब की दृष्टि से कोई भी चीज़ अद्वित्य नहीं हैं. सभी चीज़े वर्तुल में वापस लौट आती हैं.
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What is Life in Hindi : राम हर युग में होते रहे और हर युग में होते रहेंगे. नाम बदल जाए, रूप बदल जाए लेकिन वो जो मौलिक घटना हैं वो नहीं बदलती वो होती रहती हैं. इसलिए बहुत मीठी कथा हैं की वाल्मीकि ने राम के जन्म से पहले कथा लिखी फिर राम हुवे ऐसा दुनिया में कही भी सोचा भी नहीं जा सकता हैं. राम हुवे बाद में वाल्मीकि ने कथा लिखी पहले. क्यूंकि राम का होना पूरब में एक वर्तुलाकार घटना हैं. जब चाँद घूमता हैं तो कभी उसका ऊपर का हिसा निचे चले जाता हैं कभी निचे का हिस्सा ऊपर आ जाता हैं. जिन कहते हैं की हर क्लब में उनके 24 तीर्थंकर होते रहेंगे.
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What is Life in Hindi : नाम बदलेगा, रूप बदलेगा लेकिन तीर्थं होने की घटना पुनर होती रहेगी इसलिए पूरब ने इतिहास नहीं लिखा हैं. पूरब ने पुराण लिखा पुराण का अर्थ हैं जो सार भूत हैं जो सदा होता रहेगा बार बार होता रहेगा. एक बार इतिहास का अर्थ हैं जो दोबारा कभी नहीं होगा. अगर जीवन वर्तुल में घूम रहा हैं तो बार बार इस चीज़ का हिसाब रखने की जरुरत नहीं की राम कब पैदा होते हैं और कब उनकी मृत्यु हो जाती हैं. राम के होने का क्या अर्थ हैं इतना ही ज्ञात होना काफी हैं.
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What is Life in Hindi : राम का सारभूत व्यक्तित्व क्या हैं इतना ही याद रखना काफी हैं यदि आप ये समझ गए तो ये बाते निरर्थक हो जाती हैं की शरीर कब स्वांस लेना शुरू करता हैं और कब बंद फिर ये बाते अर्थपूर्ण नहीं हैं हम उन्ही चीजों को याद करने की कोशिश करते हैं जो दोबारा खुद को नही दोहराती जो बाते या घटनाए खुद को बार बार दोहराती हैं उनको याद रखने की जरुरत नहीं पड़ती. पूरब की समझ जीवन को एक वर्तुलाकार देखने की हैं और ये समझ महत्वपूर्ण भी हैं क्यूंकि जगत में जितनी गतियाँ हैं.
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What is Life in Hindi : गति मात्र वर्तुल में हैं चाहे चाँद तारे घूम रहे हो, चाहे पृथ्वी घूम रही हो चाहे मौसम घूम रहा हो, चाहे व्यक्ति का जीवन घूम रहा हो. इस जगत में ऐसी कोई भी गति नहीं हैं जो सीधी हो. इस जगत में जहाँ भी गति हैं वहां वर्तुल अनिवार्य हैं. तो अकेला जीवन के सम्बन्ध में अपवाद नहीं होगा लेकिन वर्तुल का अपना तर्क हैं, अपना एक रहस्य हैं और वो यह हैं की जहाँ से हम शुरू करते हैं वही हम वापस पहुँच जाते हैं और जब हमारा ,मन होता हैं की हम और जोर से आगे बढे चले जाएँ और हमे पता नहीं होता की आगे बढ़ने की होड़ में एक जगह से हमने पीछे लौटना शुरू कर दिया.
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What is Life in Hindi : एक ल्हाज़ से जवानी बुढापे से बहुत विपरीत हैं लेकिन एक अर्थ में बहुत विपरीत नहीं हैं जवानी सिर्फ बुढ़ापे में ही पहुँचती हैं और कही पहुँचती नहीं. तो जितना आदमी जवान होता जा रहा हैं उतना बुद्धा होता जा रहा हैं और ये बात लाउस कहता हैं की किसी मरे हुवे पात्र को धोने की कोशिश करने के बजाए उसे अध् भरा ही छोड़ देना बेहतर हैं क्यूंकि जब भी कोई चीज़ भर जाती हैं तो अंत आ जाता हैं वो कुछ भी हो अकेला पात्र ही नहीं पात्र तो केवल विचार के लिए हैं कोई भी चीज़ जब भर जाती हैं तो अंत आ जाता हैं. अगर प्रेम भी भर जाए तो उसका भी अंत आ जाता हैं. जो चीज़ भर जाती है वो मर जाती हैं असल में भर जाना मर जाने का लक्षण हैं और पक जाना गिर जाने की सुचना हैं हम फल जब पक जाएगा तो गिरेगा ही.
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What is Life in Hindi : क्यूंकि जीवन की सभी प्रक्रियाए भरे के लिए आतुर हैं जब आप अपनी तिजोरी भरना शुरू करते हैं तो आगे तो रुकना मुश्किल हैं. तिजोरी तो दूर हैं जब आप अपने पेट को भरने के लिए भोजन डालना शुरू करते हैं तब भी आधे में रुकना मुश्किल हैं. जब आप किसी को प्रेम करना शुरू करते हैं तो आधे में रुकना मुश्किल हैं जब आप सफल होना शुरू करते हैं तो आधे पर रुकना मुश्किल हैं. ना तो आकांशा आपकी आधे पर रुक सकती हैं. सच तो ये हैं जब महत्वकांशा आधे पर पहुँचती हैं तभी बलवान होती हैं और तब आशा बनती हैं की जल्द ही सब पूरा हो जाएगा और जितनी तीव्रता से हम पूरा करना शुरू करते हैं वो उतनी ही तीव्रता से नष्ट होना शुरू हो जाता हैं.
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What is Life in Hindi : तो जिस बात ओ भी पूरा कर ले वो नष्ट हो जाएगी पर आधे पर रुकना बहुत कठिन हैं बड़ा तब हैं क्यूंकि जब हम आधे पर होते हैं तभी पहली दफा आश्वासन आता हैं की अब पूरा हो सकता हैं अब रुकने की कोई भी जरुरत नहीं हैं. जब आप बिलकुल सिंहासन पैर रखने के करीब पहुँच गए हो सारी सीढियाँ पार कर के सीढियों के निचे रुक जाना बहुत आसान था. पहला कदम भी ना उठाना बहुत आसान था क्यूंकि आदमी अपने मन में समझा नहीं सकता की अंगूर खट्टे हैं और लम्बी यात्रा का कष्ट उठाने से भी बच सकता हैं. आलस्य भी सहयोगी हो सकता हैं. परमाद भी रुक सकता हैं.
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What is Life in Hindi : संगर्ष की संभावना और संघर्ष के साहस भी रुकावट बन सकती हैं. आदमी पहला कदम उठाने से रुक सकता हैं लेकिन जब सिंहासन पर आधा कदम उठ जाए और पूरी आशा बन जाए की अब सिंहासन पर पैर रख सकता हूँ तब लाउस कहता हैं पैर को रोक देना क्यूंकि सिंहासन पर पहुंचना सिंहासन से मिलने के अतिरिक्त और कही नहीं मिल सकता. सिंहासन पर पहुँचने के बाद करिए क्या पक जाएगा और गिरेगा सफलता पूरी होगी और असफलता हो जाएगी.
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What is Life in Hindi : प्रेम पूरा होगा और मृत्यु कट जाएगी. जवानी पूरी होगी और बुढ़ापा उतर आएगा. जैसे ही कोई चीज़ पूरी होती हैं वर्तुल पुरानी चीज़ में वापस लौट आता हैं. हम वही आ जाते हैं जहाँ से हमने शुरू किया था बुढा आदमी उतना ही असाहय हो जाता हैं जितना की पहले दिन का बच्चा होता हैं. जीवन की सफलता बच्चे की असफलता में छोड़ जाती हैं.
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