तिलक और गोखले से भेंट : भारत आकर गांधी जी ने बाल गंगाधर तिलक और पंडित गोपाल कृष्ण गोखले से भेंट की। | तिलक ने उनसे कहा, “पूर्ण स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है। इसे मैं लेकर रहूंगा।” | गोखले ने उनसे कहा, “गांधी जी ! दक्षिण अफ्रीका में मैंने आपको जन-आंदोलन का नेतृत्व
करते देखा है। आप भारत आए हैं तो सबसे पहले भारत में रहने वाले लोगों को करीब से देखिए। उनकी समस्याओं को जानिए और जैसा आंदोलन तथा सत्याग्रह आपने वहां चलाया है, वैसा ही यहां पर चलाइए। फीनिक्स जैसा आश्रम यहां भी स्थापित कीजिए। उसका सारा व्यय हम वहन करेंगे।”
“गोखले जी!” गांधी जी बोले, “आपके आदेशों का पालन | मैं अवश्य करूंगा। स्वाधीनता मुझे भी प्रिय है। ब्रिटिश हुकूमत
से हमें मुक्ति पानी ही होगी।”
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