एक सही उपाय पर फिर भी क्यूँ पछताय | Ek Sahi Upay Par Fir Bhi Kyun Pacchtae एक सही उपाय पर फिर भी क्यूँ पछताय
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झूठ के पांव नहीं होते | Jhuth Ke Panv Nahi Hote झूठ के पांव नहीं होते | Jhuth Ke Panv Nahi Hote : किसी जंगल में
रहस्य को रहस्य रहने दो | Rehsy Ko Rehsy Rehne Do रहस्य को रहस्य रहने दो | Rehsy Ko Rehsy Rehne Do : राजा के एक
मूर्खो को सलाह देने का परिणाम | Murkho ko Salah Dene Ka Parinam मूर्खो को सलाह देने का परिणाम | Murkho ko Salah Dene Ka
ललकार – बंदर की | Lalkaar – Bandar Ki ललकार – बंदर की | Lalkaar – Bandar Ki : एक बार अर्जुन, भारत के सभी तीर्थ-स्थलों
खुद को जानो | Khud Ko Jano खुद को जानो | Khud Ko Jano : किसी गहन वन में एक सिंहनी ने दो शावको को
नादान की जानलेवा सलाह | Nadan Ki Jaanleva Salah नादान की जानलेवा सलाह | Nadan Ki Jaanleva Salah : किसी गाँव में मंथरक नाम का एक
आँखे मुंदकर विश्वास करना मुर्खता की चोटी हैं | Ankhe Mundkar Vishwas Karna Murkhta Ki Choti Hain आँखे मुंदकर विश्वास करना मुर्खता की चोटी हैं
अच्छी सलाह को मत करो नज़रंदाज़ | Acchi Salah Ko Mat Karo Nazarandaz अच्छी सलाह को मत करो नज़रंदाज़ | Acchi Salah Ko Mat Karo
बेचारी बिल्ली | Bechari Billi बेचारी बिल्ली | Bechari Billi : एक गरीब बूढ़ी औरत किसी टूटे-फूटे से झोंपड़े में रहा करती थी। उसने एक बिल्ली
बिना बिचारे जो करे सो पाछे पछताए | Bina Bichare Jo Kare So Pacche Pacchtae बिना बिचारे जो करे सो पाछे पछताए | Bina Bichare
चालाक ईश्वर के चार दामाद | Chalak Ishwar Ke Char Damad चालाक ईश्वर के चार दामाद | Chalak Ishwar Ke Char Damad : किसी समय उज्जयिनी
बन्दर का बदला | Bandar Ka Badla बन्दर का बदला | Bandar Ka Badla : बहुत समय पहले चंद्र नामक राजा राज्य किया करता था। राजा
ज्ञानवान मुर्ख | Gyanwan Murkh ज्ञानवान मुर्ख | Gyanwan Murkh : एक बार चार मित्र ब्राह्मण थे और एक ही गांव के रहने वाले थे। पर
लालच का फल बुरा ही होता हैं | Lalach Ka Fal Bura Hi Hota Hain लालच का फल बुरा ही होता हैं | Lalach Ka