शंखचूड़-तुलसी विवाह : बद्रिकाश्रम में शंखचूड़ और तुलसी की भेंट हुई तो शंखचूड़ ने उससे गंधर्व-विवाह का प्रस्ताव किया। तुलसी शंखचूड़ की निश्छलता से प्रभावित हो गई। दोनों ने ब्रह्मा के आशीर्वाद से गंधर्व-विवाह कर लिया। कुलगुरु शुक्राचार्य ने धर्म ध्वज की पुत्री तुलसी और दंभ पुत्र शंखचूड़ को आशीर्वाद दिया और उसे असुरों का अधिपति नियुक्त कर दिया। | शंखचूड़ ने दैत्यों की सेना को संगठित किया और अपनी शक्ति तथा साम्राज्य को बढ़ाने के लिए इंद्र लोक पर चढ़ाई कर दी। देव और दानवों के मध्य भयानक युद्ध छिड़ गया। कुछ ही दिनों में दैत्यों ने देवताओं को पराजित करके स्वर्ग से भागने को विवश कर दिया। | पराजित देवता ब्रह्मा को साथ लेकर विष्णु भगवान के पास पहुंचे। शंखचूड़ और उसका पिता दंभ मेरा बड़ा भक्त है। मैं भगवान शिव से पूछकर बताऊंगा कि क्या करना चाहिए। इस तरह से समझा-बुझाकर विष्णु ने देवताओं को विदा कर दिया।
Go2Win - भारतीय दर्शकों के लिए स्पोर्ट्सबुक और कैसीनो का नया विकल्प आज के दौर…
Ole777 समीक्षा Ole777 एक क्रिप्टो वेबसाइट (crypto gambling website) है जिसे 2009 में लॉन्च किया…
मोटापे से छुटकारा किसे नहीं चाहिए? हर कोई अपने पेट की चर्बी से छुटकारा पाना…
दशहरा पर निबंध | Essay On Dussehra in Hindi Essay On Dussehra in Hindi : हमारे…
दिवाली पर निबंध Hindi Essay On Diwali Diwali Essay in Hindi : हमारा समाज तयोहारों…
VBET एक ऑनलाइन कैसीनो और बैटिंग वेबसाइट है। यह वेबसाइट हाल में ही भारत में लांच…