Real Stories in Hindi – हम आपके सामने एक ऐसी कहानी लेकर हाज़िर हुए हैं जिसका एक एक शब्द आपको उसके एक एक पात्र के सोच के भीतर घुसने पर मजबूर कर देगा. दोस्तों ये कोई मंघ्दंड कहानी नहीं बल्कि एक सच्ची कहानी हैं जिसे पढ़ कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. आशा करते हैं आपको ये कहानी पसंद आएगी.
नोट : ( यह कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है )
Real Stories in Hindi : सन 1942 की गर्मियों की एक शाम थी | ब्रुक फील्ड (NewYork) में हज़ारों की तादाद में दर्शक सर्कस देखने के लिए इक्टठा हुए |
उस शाम पहले से ही किलर का मन नहीं चाह रहा था कि वह खेल दिखाए | वह जानता था कि बारिश होने के लक्षण देखकर ही जानवर अपना होश – हवास खो बैठते हैं | आज सुबह से ही बादल छाए हुए थे | परंतु समय पर हमेशा की तरह वह अपना सबसे खतरनाक करतब दिखाने के लिए स्टेज पर मौजूद था | स्टेज के ऊपर तम्बू नहीं लगा था |
Real Stories in Hindi : माइक पर घोषणा की गई, “अब आप प्रोफेसर जॉर्ज किलर का दिल कंपा देने वाला करतब देखेंगे |” किलर ने अपना हंटर जोर से लहराया | एक पिंजरे से एक चीता निकल कर आया और हंटर की आवाज सुनकर चुपचाप स्टेज पर बैठ गया | उसके बाद एक शेरनी आई और चुपचाप अपने प्रशिक्षक के आदेश का पालन करके चली गई | फिर और भी कई जंगली जानवर स्टेज पर आए और किलर के संकेतों पर करतब दिखाकर चले गए |
दर्शक जोर – जोर से तालियाँ बजा रहे थे, केवल किलर और उसके साथियों का ध्यान इस बात पर गया कि सब जानवर बैचेन और भयभीत हैं |
Real Stories in Hindi : माइक पर किलर के अंतिम करतब की घोषणा हुई | “अब प्रशिक्षक किलर शेर के जबड़ों में अपनी गर्दन डालकर निकालेंगे |”
बैंड की आवाज के साथ आधे तन भार वाला एक शेर पिंजरे से निकल कर धीरे – धीरे स्टेज पर आया | दूसरे जानवरों की तरह वह भी भयभीत और भयानक दिख रहा था |
Real Stories in Hindi : किलर ने अपना हंटर लहराया और शेर स्टेज के बीचों – बीच रखे एक स्टूल पर उचक कर बैठ गया |
किलर ने धीरे – धीरे अपना हाथ बढाते हुए शेर के सिर पर रख दिया और उसे सहलाते हुए धीरे से शेर के जबड़े खोलने लगा | नियम के अनुसार शेर ने इस काम में कोई बाधा नहीं डाली | मगर किलर ने देखा कि शेर के जबड़े काँप रहे थे |
उसी समय बारिश की हलकी बूंदा बांदी शुरू हो गई | बारिश बहुत ही हल्की थी परन्तु किलर को हर बूंद तीर की नोक की तरह चुभ रही थी | शायद यहीं हाल शेर का भी था | उसने जबड़े ऊँचे नहीं किए थे |
Real Stories in Hindi : किलर की आँखे बंद थी | और गर्दन शेर के जबड़ों के अन्दर | उसने चाहा कि अपने साथियों को इशारा करके शेर के जबडे खुलवाए, परन्तु अब उसके लिए समय बाकी ना रहा था |
उसने अपने होश – हवास ठिकाने रखते हुए गिनती शुरू की | दस के बाद भी शेर ने अपने जबड़े नहीं फैलाए तो किलर ने उँगलियों के हलके – हलके स्पर्श से शेर को याद दिलाया कि जबड़ा खोलने का समय आ गया है |
Real Stories in Hindi : परन्तु शेर का ध्यान इस समय कहीं और ही था | बारिश के कारण शायद अब उसे याद नहीं था की उसके जबड़े के अन्दर उसके मास्टर की गर्दन है |
शेर के जबड़े के बंद होने के कारण किलर को हवा नहीं मिल पा रही थी और उसका दम घुटने लगा था | शेर का ध्यान अभी तक कहीं और था | दर्शक सांस रोके उस दृश्य को देख रहे थे |
Real Stories in Hindi : किलर को अपनी सांस रूकती हुई महसूस हो रही थी | अचानक गोली चलने का धमाका हुआ | यह हवाई फायर किलर के सहायक ने किया था, जिसने शेर की मानसिक स्थिति का अनुमान लगा लिया था | उसका विचार था कि गोली की आवाज से चौंककर शेर अपना जबड़ा खोल देगा | लेकिन शेर ने जबड़े नहीं खोले |
फिर दूसरी गोली चली, मगर किलर को लगा कि वह अँधेरे में डूबता चला जा रहा है |
Real Stories in Hindi : कुछ देर बाद जब किलर ने आँखे खोली तो उसके चेहरे के चारो ओर शेर का जबड़ा नहीं बल्कि, ऑक्सीजन मास्क था | उसे बताया गया कि शेर के जबड़ों के अन्दर वह बेहोश हो गया था | बाद में शेर ने उसे जबड़े से मुक्त तो कर दिया था किन्तु उसके बाद मालुम हुआ कि उसकी हृदय गति रुक गई थी | डॉक्टर के अनुसार वह तीन मिनट तक मुर्दा रहा था |
डॉक्टर ने किलर को काफी दिनों तक पूर्णतया आराम करने को कहा, लेकिन अस्पताल से छुट्टी मिलते ही वह सीधा शेर के पास पहुँच गया |
Real Stories in Hindi : इस घटना से वह तनिक भी भयभीत नहीं हुआ था और फिर उसने अकेले ही अपनी गर्दन शेर के गले में डाल दी |
किलर के विचार में ऐसा करना जरुरी था | वह यह बात शेर पर प्रकट कर देना चाहता था कि आज्ञा का पालन करना शेर का काम है | मास्टर का नहीं |
शेर को जबड़े पर अपने मास्टर की उँगलियों का हल्का सा स्पर्श महसूस हुआ और उसने अपने जबड़े खोल दिए |
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