पूर्ण स्वराज की मांग

पूर्ण स्वराज की मांग : 26 जनवरी, 1930 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में, जिसकी अध्यक्षता पंडित मोतीलाल नेहरू के पुत्र पंडित जवाहरलाल नेहरू कर रहे थे, गांधी जी ने अंग्रेजों से पूर्ण स्वराज्य की मांग की और आजादी का झंडा फहराया।
गांधी जी ने कहा, “अब समय आ गया है कि हम लोग आपसी फूट को भूलकर कंधे से कंधा मिलाकर आजादी की लड़ाई लड़े। हमें यह आजादी किसी विशेष धर्म अथवा व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए चाहिए।” | 12 मार्च सन् 1930 को गांधी जी ने साबरमती आश्रम से अपना ऐतिहासिक दांडी मार्च शुरू किया
और नमक कानून को तोड़ा। उन्होंने आश्रम से चलने से पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे स्वराज्य प्राप्त किए बिना आश्रम में नहीं लौटेंगे। उन्होंने दांडी तक की 200 मील की पैदल यात्रा 24 दिनों में पूरी की।

पूर्ण स्वराज की मांग

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