Kindness Quotes in Hindi
Kindness Quotes in Hindi : नम्रता : एक ऐसा भाव हैं जिसे अगर आप लेकर चलेंगे तो लोग सैदव आपका आदर करेंगे और आपकी बातो को सराहेंगे कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें आता कुछ नहीं हैं लेकिन फालतू का आत्मविश्वास दिखा कर वो लोगो को बेवकूफ बनाना की कोशिश करते हैं लेकिन आज के समय में कोई भी आसानी से मुर्ख नहीं बन सकता और उन्हें किसी से बात करते वक़्त ही समझ में आ जाता हैं की सामने वाले व्यक्ति के दिमाग में कुछ भरा भी हैं
Kindness Quotes in Hindi : या फिर केवल भूसा हैं लेकिन यदि कोई समझदार व्यक्ति हैं, साधारण व्यक्ति हैं वो अपने आप में नम्रता के गहने को लिए हुवे बात करता हैं तो भले ही उसके पास ज्ञान कम हो लेकिन फिर भी लोग उसे अच्छा मानते हैं, उसके पीठ पीछे उसकी भलाई ही करते हैं बहुत कम ही लोग होते हैं जो नम्र लोगो की बुराई करते हैं वो कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके मुख से आप किसी के बारे में अच्छा सुनना प्राप्त नहीं कर सकते. इसीलिए चाहे कुछ भी हो जाए, कैसी भी परिस्थिति का सामना आपको करना पद जाए. हमेशा नम्र रहना सीखिए.
धन्यवाद!
Kindness Quotes in Hindi
नम्रता
नम्रता पत्थर की भी मोम कर देती है। – प्रेमचन्द
नम्रता का असर दूर तक जाता है और उसमें कुछ भी खर्च नहीं होता। – स्माइल्स
नम्रता सारे सद्गुणों का दृढ़ स्तम्भ है। – कन्फ्यूशस
मेरा विश्वास है कि वास्तविक महान पुरुष की पहली पहचान उसकी नम्रता है। – रस्किन
अभिमान की अपेक्षा नम्रता से अधिक लाभ होता है। – महात्मा बुद्ध
विनम्रता का अर्थ है, दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना जैसा आप अपने साथ किया जाना पसंद करते हैं। – चेस्टरफील्ड
जिनमें नम्रता नहीं आती, वे विद्या का पूरा सदुपयोग नहीं कर सकते। नम्रता का अर्थ है अहंभाव का आत्यंतिक क्षय। – महात्मा गांधी
गर्ववश देवता दानव बन जाते हैं और नम्रता से मानव देवता। – आगस्टाइन
अपनी नम्रता का गर्व करने से अधिक निंदनीय और कुछ नहीं है। – मारकस औरेलियस
कष्ट और क्षति सहने के पश्चात् मनुष्य अधिक विनम्र और ज्ञानी हो जाता है। – फ्रँकलिन
उड़ने की अपेक्षा जब हम झुकते हैं तब विवेक के ज्यादा नजदीक होते हैं। – वर्ड्सवर्थः
बड़ों के प्रति नम्रता कर्तव्य है, समवयस्क के प्रति विनय की सूचक है, अनुजों के प्रति कुलीनता की द्योतक एवं सबके प्रति सुरक्षा है।- सर टी. मूर
आत्म-सम्मान की भावना ही नम्रता की औषधि है। – डिजरायली
अहं को त्याग अणु से मित्रता कर लो; गगन को भूल जग को अंक में भर लो; इसी में हित निहित शिखरो तुम्हारा है; झुकी, झुककर धरा की वंदना कर लो। – जगदीश वाजपेयी
मानव की लघुता भली, नहीं देव-सा मान। लघुता में ही मनुज की, गुरुता का गुन-गान। – श्रीमन्नारायण