Jobless Son Emotional Story in Hindi | निकम्मा पूत- एक बेरोजगार बेटा (भावुक कर देने वाली कहानी)
Jobless Son Emotional Story in Hindi | निकम्मा पूत- एक बेरोजगार बेटा (भावुक कर देने वाली कहानी) :
अक्षय एक टेबल पर बैठे बैठे मिठाई का मजा ले रहा था की तभी उसके पापा वहां आ पहुँचते हैं।
पापा: खुद पर शर्म आनी चाहिए, तुम यहाँ बैठे बैठे बस फैलते जा रहे हो खा खा कर, तुम मेरे पैसे की मिठाई खा रहे हो। बाहर जाओ और कोई नौकरी खोजो। क्या तुम्हे फिर से याद दिलाना पड़ेगा की तुम बेरोजगार हो?
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अक्षय अपने पापा के सामने कुछ भी नहीं बोल सका और बस सर नीचे कर के जमीन की तरफ देखता रहा। अचानक, अक्षय की माँ कुछ बडबडाती हुई बाहर आई।
“अब आपका बेटा बेरोजगार नहीं है। उसे नौकरी मिल गई और उसने ख़ास आपके लिए मिठाई खरीदी हैं..”
अक्षय के पिता ने उसे देखा और उसके मिठाई के डब्बे से ही एक मिठाई का टुकड़ा उठा लिया।
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“पिताजी, उन्हें मत खाओ, मैंने आपके लिए सुगर फ्री मिठाई खरीदी है, खासकर आपके लिए ही जैसा की माँ ने अभी बताया” अक्षय ने अपने पिता से धीमी आवाज़ में कहा।
चेहरे पर मुस्कराहट और एक मुलायम सी आवाज के साथ उसके पिता ने जवाब दिया,
“बेवकूफ, प्यार की मिठास डाईबीटीस का कारण नहीं बन सकती है।”
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