Hindi Stories for Childrens

Hindi Stories for Childrens : दो मछलियां और एक मेढक एक झील में रहते थे। दोनों मछलियां बहुत होशियार और गुणवान थीं। मेढ़क सीधा-साधा जीव था। वह बहुत होशियार या गुणवान नहीं था, पर सामान्य ज्ञान में बढ़ा-चढ़ा था। तीनों मित्र झील में कमल के फूलों के पास तैरते और बातचीत करते रहते थे। मछलियां अकसर मेढक को अपने गुणों की तारीफ सुनाती रहतीं और मेढक चुपचाप सुनता रहता। एक शाम मछुआरों का समूह झील पर आया। एक मछुआरे ने कहा-‘ये झील मछलियों से भरी है। यदि हम सुबह-सुबह यहां मछली पकड़ने आ जाएं, तो टोकरी भर-भर कर मछलियां ले जा सकते हैं, क्योंकि यहां कोई और मछुआरा नहीं आता।’ सभी मछुआरे उसकी राय मान गए।

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Hindi Stories for Childrens : दोनों मछलियां और मेढक उनकी ये बात सुनकर घबरा गए। मेढ़क ने घबरा कर मछलियों से कहा – ‘तुमने इनकी बातें सुनीं।” कल सुबह हम सभी पकड़े जाएंगे। हमें यहां से शीघ्रातिशीघ्र भाग जाना चाहिए। मछली ने उत्तर दिया – ‘हालांकि ये परेशानी वाली बात है, पर मुझे नहीं लगता कि हमें यहां से भाग जाना चाहिए। तुम्हें पता नहीं मैं सैकड़ों खूबियों वाली मछली हूं और कोई आम मछुआरा मुझे आसानी से नहीं पकड़ सकता। मैं अपनी होशियारी से अपने आपको बचा लूगी।’ मेढक मछली को देख रहा था तभी दूसरी मछली बोली – ‘मैं भी नहीं भाग रही।

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Hindi Stories for Childrens : अगर तुम सैकड़ों खूबियों वाली मछली हो तो मैं हजारों खूबियों वाली मछली हूँ। मैं अपनी बुद्धिमत्ता और चालाकी से अपने आपको बचा लूगी। मैं किसी आम मछुआरे के लिए अपने घर को छोड़कर जाने वाली नहीं। ‘बहुत अच्छा!’ मेढ़क ने आह भरकर कहा- ‘लेकिन मैं अपनी पत्नी के साथ ये झील छोड़कर जा रहा हूं, क्योंकि मुझमें तुम्हारी जैसी खूबियां नहीं हैं और मेरा सामान्य ज्ञान यह कहता है कि जब खतरा पास हो, तो हमें अपने परिवार के साथ किसी और जगह पर चले जाना चाहिए।’ मेढक और उसकी पत्नी तैर कर पास की दूसरी झील में चले गए।

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Hindi Stories for Childrens : मछलियां उन्हें दया की दृष्टि से जाते हुए देखती रहीं। पहली मछली बोली-‘ये कितने बेवकूफ हैं, जो इतने डरपोक होकर भाग रहे हैं।’ अगली सुबह मछुआरे गहरे लंबे-चौड़े जाल लेकर झील पर आ गए और उन्हें बार-बार झील में दूर-दूर तक फेंकने लगे। उन्होंने सैकड़ों मछलियां पकड़ लीं। मेढक की मित्र दोनों मछलियां बचने का उपाय सोचती रहीं, पर वे सफल न हो सकीं। वे भी अन्य मछलियों के साथ जाल में फंस गई। कछुए और मछलियों के साथ वे भी फंस कर मर गई। हैं मछुआरे खुशी-खुशी ढेर सारी मछलियां पाकर दूसरी झील के पास से गुजरे जहां मेढ़क रह रहा था।

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Hindi Stories for Childrens : उसने अपनी दोनों मित्र मछलियों को मछुआरों की टोकरियों में मरे पड़े देखा। वह आह भरकर अपनी पत्नी से बोला – ‘काश इन्होंने मेरी बात मान ली होती!” कभी-कभी सामान्य ज्ञान सैकड़ों-हजारों के खूबियों से ज्यादा लाभकारी होता है। मेरी मित्र सैकड़ों खूबियों से वाली थीं, पर वे खूबियां भी उन्हें मृत्यु से न बचा सकीं।

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Hind Patrika

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