Hasya Kavita in Hindi
Hasya Kavita in Hindi : डरपोक हैं वो लोग जो ऑनलाइन आने से डरते हैं साला जिगर चाहिए टाइम बर्बाद करने के लिए. ये तो था भई मजाक लेकिन हम मानते हैं की भले ही कोई आदमी को या किसी जगह में लिखी गयी कोई पंक्ति जो की ट्रक में लिखी गयी पीछे की कोई छिछोरी लाइन भी हो सकती हैं जिसे पढके लडकियां भी अपनी हंसी रोकने में नाकामयाब ही रहती हैं. अब कुछ आम लाइने आपके सामने पेश कर दूँ. हंस मत पगली, प्यार हो जाएगा” वाह वाह! आजका जमाना तो देखो कीस ट्रक के पीछे लिखी हुई लाइन का गाना बना दिया जाएगा और शायद इसीलिए बना दिया गया हैं क्यूंकि ये लाइन अपने आप में ही मशहूर हैं और फिल्म वाले चाहते हो इन लाईनों के फेमस होने से उनका गाना भी फेमस हो जाएगा अब भई बात चाहे जो भी हो हम जानते की ये लाईने हमेशा नयी ही रहेगी और खासकर हम जैसे कद्रदानो के सामने हमेशा हमेशा ही जो की इन सब लाईनों की बहुत इज्ज़त करते हैं जो कुछ भी किसी भी तरह से हमारे चहरे पर हंसी लाने से पीछे नहीं छुटता और खुद ही अपना पीछा नहीं छुडाता तो चलो भई कुछ ऐसे ही हंसी मजाक और खुश रहने वालो के लिए एक और कारण लेकर आएं हैं या यूँ कहे की बहाना लेकर आएं हैं हम लोग यहाँ आसहा करते हैं. आपको ये हंसी माहोल यहाँ का पसंद आएगा. कुछ शिकायत होने पर हमे जरुर बताइयेगा. अगर आप किसी गम से गुज़र रहे हो या ज़िन्दगी किसी भी मुश्किल के साए में जा रही हो तो घबराइयेगा बिलकुल नहीं क्यूंकि हम जैसे कुछ दीवाने हमेशा इस दुन्य के भले ही चंद लोग हो, कुछ गिने चुने लोग हो उनके होंठो पर खुशियाँ बिछाने में पीछे नहीं हटेंगे.
बस दोस्त! ज़िन्दगी में ये बात हमेशा याद रखना की जब लोगो से दुसरो से, अपने हो या अजनबी जब तक मतलब नहीं रखोगे तभी तक खुश रहोगे नहीं तो जिस दिन उनसे उम्मेदे लगानी शुरू कर दी उस दिन ज़िन्दगी नरक बन जाएगी इसलिए. अगर किसी से उम्मीद लगानी ही हैं तो खुद से लगाओ और काम ऐसा करो की कभी ज़िन्दगी में खुद के किये पर कभी शर्मिंदा ना होना पड़े और एक बात कभी मत भूलना हमेशा ऐसा चलो जैसे ये तुम्हारी बाप की दुनिया हैं और अगर ज़िन्दगी में कुछ ऐसा वैसा हो गया तो कौन से सच में तुम्हारे बाप की दुनिया हैं. हास्य कविता – हसने हँसाने का वक़्त आ गया हैं. आपको हास्य कविता में भिगोने का वक़्त आ गया हैं. किसी भी धारदार विषय को यदि व्यंग के रूप में पेश करो तो वो चीज़ किसी का भी मन मोह लेती हैं. इन हास्य कविताओ के पीछे जो भी सन्देश छिपे हुवे हैं. कृपया कर उन्हें समझने की कोशिश कीजियेगा.
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Hasya Kavita in Hindi : क्युकी असल में वही असली मुदा होती हैं उन कविताओं के निर्माण का. यदि आपको कोई चीज़ समझ में नहीं आती हैं या फिर कुछ भी किसी भी प्रकार की परेशानी होती हैं तो हमे comment section में जा कर अवश्य बताएं. अगर आपके पास अपनी कोई मजेदार व रोचक हास्य कविता हैं. तो HindPatrika आपका स्वागत करती हैं इस हास्य कविता के संग्रह में. और साथ ही साथ अन्य पाठको को भी मौका मिल जाएगा की वो और ज्यादा सुंदर हास्य कविताए पढ़ सके.
धन्यवाद!
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क्लिष्ट :
क्लिष्ट !
गूढ़ !
उलझी हुई !
मुश्किल !
पेचीदा !
मगर दिलचस्प !
उर्दू शायरी की तरह तुम, प्रिय !
समझ में तो,
कम ही आती हो,
मगर,
पढ़ने में तुम्हें ,
मज़ा बहुत आता है !
कुल मिला कर,
कुछ खास,
पल्ले तो नहीं पड़ता,
मगर,
कोशिशों में,समझने के,
प्रयासों में तुम्हें,
वक़्त तुम्हारे साथ,अपना खूब कट जाता है !
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उर्दू शायरी की तरह तुम :
उर्दू शायरी की तरह तुम,
एक कवि-सम्मेलन में
‘नेता जी’ मुख्य अतिथि के रूप में आये हुए थे,
परन्तु गुस्से के कारण
अपना मुँह फुलाये हुए थे ।
उपस्थित अधिकांश कवि
नेताओं के विरोध में कविता सुना रहे थे,
इसलिए, नेता जी को
बिल्कुल भी नहीं भा रहे थे ।
जब उनके भाषण का नम्बर आया
तो उन्होंने यूँ फ़रमाया-इस देश में
बिहारी और भूषण की परम्परा का कवि
न जाने कहाँ खो गया है,
अब तो सत्ता की आलोचना करना ही
कवियों का काम हो गया है ।मैंने कहा-
श्रद्धेय, श्रीमान जी,
हम आज भी करते हैं
आपका पूरा-पूरा सम्मान जी,
लेकिन राजनीति में
अपराधियों की बढ़ती हुई संख्या
एक ही कहानी कह रही है,
ईमानदारों की संख्या तो आजकल
मुश्किल से दो प्रतिशत ही रह रही है ।
जब आप इस प्रतिशत को
उल्टा करके दिखायेंगे,
तो हम भी एक बार फिर से
भूषण और बिहारी की
परम्परा को निभाएंगे ।आपके सम्मान में गीत गाएंगे,
गीतों में आपका अभिनन्दन करेंगे
आपके चरणों मैं सुबह-शाम वन्दन करेंगे ।
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Hasya Kavita in Hindi
बच के कहाँ जाओगी रानी :
बच के कहाँ जाओगी रानी !
हमसा कहाँ पाओगी रानी !
इतने दिनों से नज़र है तुझपे,
रोच गच्चा दे जाती है !
आज तो मौका हाथ आया है !
बस तुम हो और,
बस मैं हूँ, बस !
बंद अकेला और कमरा है !
इतने दिनों से सोच रहा हूँ,
अपने अरमां उड़ेल दूँ,
सारे तुझ पर ,
आज तू अच्छी हाथ आई है !करूँगा सारे मंसूबे पूरे !
आज तो चाहे जो हो जाए,
छोड़ूगा नहीं,
ऐ सोच !
तुझे,
कविता बनाए बिना !!!
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बंदगी के सिवा ना हमें कुछ गंवारा हुआ :
बंदगी के सिवा ना हमें कुछ गंवारा हुआ
आदमी ही सदा आदमी का सहारा हुआ
बिक रहे है सभी क्या इमां क्या मुहब्बत यहाँ
किसे अपना कहे,रब तलक ना हमारा हुआअब हवा में नमी भी दिखाने लगी है असर
क्या किसी आँख के भीगने का इशारा हुआआ गए बेखुदी में कहाँ हम नही जानते
रह गई प्यास आधी नदी नीर खारा हुआशाख सारी हरी हो गई ,फूल खिलने लगे
यूँ लगा प्यार उनको किसी से दुबारा हुआ
Hasya Kavita in Hindi
मियाँ ‘मजाल’ ने देख रखी :
मियाँ ‘मजाल’ ने देख रखी,
कई रमिया और छमिया,
पूरी नहीं तो भी,
लगभग आधी दुनिया,
नुस्खे जांचे परखे है ये सारे,
जो तुम आजमाओ,
आशा नहीं, तो हताशा से नहीं,
नताशा से काम चलाओ !
सुबह होने को दीपक बाबू !
कुछ देर और निभाओ !
Hasya Kavita in Hindi
तुमने आशा से उम्मीद लगाईं :
तुमने आशा से उम्मीद लगाईं,
उसने दिया ठेंगा दिखाई,
लड़कपन में चलता है ये सब,
दिल पर नहीं लेने का भाई.
आशा मुई होती हरजाई,
कभी आए, तो कभी जाए,
पर जाते जाते सहेली किरण को,
भी पास तुम्हारे छोड़ते जाए,
किरण दिखे छोटी बच्ची सी,
मगर है यह बड़ी अच्छी सी,
आशा नहीं तो न सही,
किरण से ही दिल बहलाओ !
सुबह होने को दीपक बाबू !
कुछ देर और निभाओ !
बहुत मिलता है जीवन में,
और बहुत कुछ खोता है,
चलता रहता खोना पाना,
होना होता, सो होता है.
निराशा के पल भी प्यारे,
बहुत कुछ सिखला जातें है,
रुकता नहीं कभी भी, कुछ भी ,
ये पल भी बढ़ जातें है.
ख्वाब मिले, उम्मीद मिले,
अवसाद , या धड़कन दीर्घा,
सपना मिले, किरण मिले,
मिले आशा, या प्रतीक्षा,
जो भी मिले बिठालो उसको,
गाडी आगे बढाओ … !
सुबह होने को दीपक बाबू !
कुछ देर और निभाओ !
मिले प्रेम या मिले ईर्षा,
मन न कड़वा रखना.
सारी चीज़े है मुसाफिर,
राह में क्या है अपना ?
सीखते जाओ जीवन से,
अनुभवों को अपने बढ़ाओ,
आशा के जाने से पहले,
एक सपना और पटाओ !
नसीब हुआ जो भी तुमको,
उसी में जश्न मनाओ.
सुबह होने को दीपक बाबू !
कुछ देर और निभाओ !
Hasya Kavita in Hindi
हौसले मिटते नहीं अरमाँ बिखर जाने के बाद :
हौसले मिटते नहीं अरमाँ बिखर जाने के बाद
मंजिलें मिलती है कब तूफां से डर जाने के बाद
कौन समझेगा कभी उस तैरने वाले का ग़म
डूब जाये जो समंदर पार कर जाने के बाद
आग से जो खेलते हैं वे समझते है कहाँ
बस्तियाँ फिर से नहीं बसतीं उजड़ जाने के बाद
आशियाने को न जाने लग गई किसकी नज़र
फिर नहीं आया परिंदा लौटकर जाने के बाद
ज़लज़ले सब कुछ मिटा जाते हैं पल भर में मगर
ज़ख्म मिटते है कहाँ सदियाँ गुज़र जाने के बाद
आज तक कोई समझ पाया न यह राज़े-हयात
आदमी आखिर कहाँ जाता है मर जाने के बाद
प्यार से जितनी भी कट जाए वही है ज़िंदगी
याद कब करती है दुनिया कूच कर जाने के बाद
Hasya Kavita in Hindi
जिंदगी का भरोसा नहीं, कब क्या, दिखा दे :
जिंदगी का भरोसा नहीं, कब क्या, दिखा दे,
Windows का नया version आया हो गोया !
सवाल-ए-जिंदगी, क्या करें, क्या न करें,
Abort,Retry,Fail ? सामने आया हो गोया !
अचानक हो गया वो यूँ दुनिया से रुखसत,
Ctrl Alt Del किसी ने दबाया हो गया !
धीरे धीरे हुए सपने मक्कमल ऐसे,
Inkjet से print out बाहर आया हो गया !
दिल बहला सभी का आगे बढ़ जाते ‘मजाल’,
फलसफा Fwd Email का अपनाया हो गोया !
Hasya Kavita in Hindi
मोटूराम :
मोटूराम ! मोटूराम !
दिन भर खाते जाए जाम,
पेट को न दे जरा आराम,
मोटूराम ! मोटूराम !
स्कूल जो जाए मोटूराम,
दोस्त सताए खुलेआम,
मोटू, तू है तोंदूराम !
हमारी कमर, तेरा गोदाम !
तैश में आएँ मोटूराम !
भागे पीछे सरेआम,
पर बाकी सब पतलूराम !
पीछे रह जाएँ मोटूराम !
रोते घर आएँ मोटूराम,
सर उठा लें पूरा धाम,
माँ पुचकारे छोटूराम,
मत रो बेटा , खा ले आम !
जब जब रोतें मोटूराम,
तब तब सूते जाए आम,
और करें कुछ, काम न धाम,
मुटियाते जाएँ मोटूराम !
एक दिन पेट में उठा संग्राम !
डाक्टर के पास मोटूराम,
सुई लगी, चिल्लाए ‘ राम’ !
‘ राम, राम ! हाए राम !’
तब जाने सेहत के दाम,
अब हर रोज़ करें व्यायाम,
धीरे धीरे घटा वज़न,
पतले हो गए मोटूराम !जितना हो सके, उत्ती कर लें,
झूठी नहीं, सच्ची मुच्ची कर लें,
ग़म से कर ले, हम कुट्टी ,
और खुशियों से , पुच्ची कर लें !
Hasya Kavita in Hindi
ग़म होती है, गन्दी चिज्जी :
ग़म होती है, गन्दी चिज्जी,
ख़ुशी होती, चिज्जी अच्छी,
अच्छी अच्छी, करें पक्की,
गन्दी को, हम ‘छी छी’ कर दें !
मिल जुल कर रहे सदा हम,
न लड़े, न हो खफा हम,
गुस्सा आए, तो उसे हम ,
माँ जैसी प्यारी, थप्पी कर दें !
हँसता चेहरा सबको जँचता,
लगता सबको अच्छा अच्छा,
जैसे गोलू मोलू बच्चा,
सबको लगता – पप्पी कर दें !
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महीने की :
महीने की,
पहली तारीख को,
कितनी अच्छी,
लगती थी तुम,
मेरे हाथ में,
पूरी की पूरी !
गोया,
तुम और मैं,
बने है,
सिर्फ,
एक दूसरे के लिए,
पूरे के पूरे !
एक अनकहा वादा था,
साथ निभाने का,
पूरे महीने भर का !
मगर तुम,
ऐ नाज़नीन !
निकली बेवफा,
उस पूनम के चाँद की तरह,
जो होता चला गया,
कम,
रोज़ ब रोज़,
और गायब हो गयी तुम,
बीच महीने में,
पूरी तरह से,
मेरा साथ छोड़ कर,
चाँद की तरह !
अब मैं बैठा हूँ,
तन्हा !
खाली मलते हुए,
अपने हाथ,
और,
मेरे सामने बचा है,
काटने को,
आधा महीना,
पूरा का पूरा !
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ऐसी लत पड़ गयी है, की छुटती नहीं :
ऐसी लत पड़ गयी है, की छुटती नहीं,
आदत SMS करने की फुटती नहीं,
पिछले हफ्ते का recharge ख़तम होने को,
mobile से पर उँगली है उठती नहीं!माना SMS दस पैसे per head है,
पर network में ‘मजाल’, friends भी दो सौ दस है,
सबको करने में तो खर्चा है जी!कोई offer अच्छा है जी ?
क्या इससे सस्ता है जी ?हमे क्या पता था, status हमारा, friends पे यूँ जाहिर भी होगा,
करो न SMS , तो झट ताड़ लेते, ‘Balance तेरा काफी न होगा !’जेब तंग अपनी, कैसे ख़र्च करें ?
बेहतर है internet पे ही search करें !Net के जैसा कुछ, मुफ्त सा नहीं है!
हजारों sites पे ‘Free SMS Send ‘ है,
सारे messengers में भी free option है,
मामला यूँ भी निपटता है जी!ये offer अच्छा है जी !
हाँ, सबसे से सस्ता है जी !
Hasya Kavita in Hindi
दो घंटे खड़ा कराने के बाद कहतीं हैं :
दो घंटे खड़ा कराने के बाद कहतीं हैं,
‘दुकान में आप हड़बड़ी कर देतें है!’
‘चलो फ़ोन रखती हूँ’ कहने का मतलब,
आधा घंटा और मसखरी कर लेतें है!
जिस दिन है होती उनसे बहस,
शरबत को वो कढ़ी कर देतें है!
फुर्सत गज़ब, तरकीबें अजब,
फिर से कपडे घड़ी कर लेतें है !ख़ुशी की बची न कोई गुंजाईश,
सारे ग्रहों को वो शनि कर देतें हैं!
उलझ के उनसे कौन शामत बुलाए,
वो जैसा कहें, हम वहीँ कर देतें है!
बस देतें है धमकी जाने की माइके,
हसरत कहाँ हमारी पूरी कर देतें है!
यूँ करते है दूध में किफ़ायत वो ‘मजाल’,
सीधे दिमाग का ही वो दही कर देते हैं!
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जैसे, किसी शायर ने :
जैसे, किसी शायर ने,
जो जो,
जैसा जैसा,
जहाँ जहाँ,
सोच कर कहा था,
उसे,
वहाँ वहाँ,
उन उन,
जगहों में,
मिल जाए,
ठीक,
वैसी की वैसी,
दाद…..
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बस इसलिए की, जयका-ए-जिंदगी पता चले :
बस इसलिए की, जयका-ए-जिंदगी पता चले,चखते है ग़म जरूर, पर हलवाई की तरह !
नहीं देतें है पनाह, ज्यादा देर हम ग़म को ,
वाकिफ है, ये टिक जाता घरजमाई की तरह !
इक बार कर गया जो घर, ये ग़म अन्दर,
ताउम्र सहना पड़ सकता, लुगाई की तरह !कड़क वक़्त, कड़क जेब, कड़क ठण्ड थी ‘मजाल’,
ग़म को ही ओढ़ सो गए रजाई की तरह !
Hasya Kavita in Hindi
i dont understand this hindi..@! hindi is bully subject for me.. 🙁
कोई बात नहीं मोनिका जी! कभी भी कुछ नया सीखने के लिए देर नहीं होती. आप आज भी सीख सकती हैं. 🙂
How could i publish my poems?
Is there any platform for me?
रोहन आप अपनी कविताए [email protected] पर मेल कर दीजिये. हम आपकी कविताए जल्द ही पब्लिश करेंगे आपके पुरे नाम के साथ 🙂
give some special and interesting hasya kavita for students
थोडा दिन और सब्र कीजिये. हम आपके लिए एक बहुत अच्छा कलेक्शन लेकर आएँगे सुमंत जी 🙂
hasya kavita sunke mann khush ho jaata hai sachhi, bhot achhi kavitayein haain, bus ek-do samjh ni aayi mujhe, baaki achhi hain bhot. shukriya.
धन्यवाद मानव जी! 🙂
Pls publiss some hasya kavita for 5 year old kids