गांधी जी का बचपन : मोहनदास गांधी का बचपन पोरबंदर में ही बीता। सात वर्ष की उम्र में उन्हें राजकोट की एक पाठशाला में भरती करा दिया गया। बारह वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते वे हाई स्कूल (मैट्रिक) में पहुंच गए थे। हाई स्कूल की प्रथम वर्ष की परीक्षा के समय एक महत्वपूर्ण घटना घटी। शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर मि. जाइल्स स्कूल के निरीक्षण के लिए आए थे। उन्होंने विद्यार्थियों से अंग्रेजी में पांच शब्द लिखवाए। | मोहनदास गांधी ने उनमें से एक शब्द’ कैटल’ की स्पेलिंग गलत लिखी थी। कक्षा अध्यापक ने इशारे से उसे पास वाले लड़के की कॉपी देखकर ठीक करने के लिए कहा, परंतु मोहनदास ने ऐसा नहीं किया। पूरी कक्षा में उन्हीं की कॉपी का शब्द गलत था।
निरीक्षक के जाने के बाद अध्यापक ने गांधी को फटकारा। लेकिन गांधी ने कहा, “मास्टर जी ! नकल करके मैं अपनी सत्यनिष्ठा को कलंकित नहीं कर सकता था।” | ऐसी थी उनकी सत्यनिष्ठा, जो उन्हें विरासत में अपनी मां से मिली थी। थी।
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