धन्ना को लोगों की प्रताड़ना : सरस्वती का वरदान प्राप्त करके धन्ना ने मिट्टी से विष्णु की मूर्ति बनाई और उसे अपने खेतों में स्थापित कर दिया। अब वह रात-दिन भूखा-प्यासा भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने बैठा रहता और उसे ताकता रहता।
गांव के लोगों और पंडितजी को जब पता चला तो वे धन्ना के पास गए। पंडितजी ने धन्ना से कहा, * धन्ना ! तू पागल हो गया है क्या ? एक जाट होकर तू पूजा कर रहा है। यह काम तो हम जैसे ब्राह्मणों का है। तू एक साधारण जाट होकर प्रभु को कैसे पा सकता है।”
गांव वालों ने भी पंडितजी की हां में हां मिलाई। सभी धन्ना को भला-बुरा कहने लगे। परंतु धन्ना टस से मस नहीं हुआ।
पंडितजी बोले, “चलो भाइयो ! अब इस पागल को कोई नहीं बचा सकता। यह मरेगा।” पंडितजी के साथ गांव वाले वापस लौट गए।