देवताओं की प्रार्थना : अयोध्यापति महाराज दशरथ की इस घोषणा से कि श्रीराम राजा बनेंगे, समूची अयोध्या प्रसन्नता के अतिरेक में बहने लगी। अगर बेचैनी थी, तो देवताओं में। देवताओं ने सोचा कि अगर ऐसा हुआ, तो राक्षसों का संहार कैसे होगा। सभी देवताओं ने मिलकर मां सरस्वती का आह्वान किया। मां प्रकट हुईं। देवताओं ने निवेदन किया, “मां श्रीविष्णु ने श्रीराम के रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया है ताकि देवत्व की रक्षा करें। लेकिन यदि वे अयोध्यापति बन गए तो अनर्थ हो जाएगा। लंकापति रावण आदि महाबली राक्षसों का संहार कैसे होगा। मां आप कुछ ऐसा कीजिए, ताकि श्रीराम राजा राम नहीं वनवासी राम बनें।” | मां सरस्वती गंभीर हो गईं। पूरे वातावरण में मौन व्याप्त हो गया। मां ने देवताओं को ‘तथास्तु’ कहा और अंतर्धान हो गईं।
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