Chori ki Botal  चोरी की बोतल

Chori ki Botal  चोरी की बोतल : कभी-कभी राजकीय कायों में व्यस्तता के कारण अधिक थक जाने पर बादशाह अकबर कुछ समय के लिए दरबार से अवकाश ले लेते थे और अपने हरम में जाकर आराम करते थे अथवा अपनी पत्नियों के साथ हँसी-मजाक किया करते थे।
एक दिन दोपहर को बादशाह ने अपनी पत्नियों से कहा “तुम में से प्रत्येक को मुझे एक मूर्खतापूर्ण कहानी सुनानी होगी। जिसकी कहानी सबसे ज्यादा मूर्खतापूर्ण होगी, उसे पुरस्कार दिया जाएगा।” बादशाह अकबर के अतिरिक्त बीरबल ही एकमात्र ऐसा व्यक्ति था, जिसे अकबर के हरम में जाने की इजाजत थी। जैसे ही उसने हरम के दरवाजे पर कदम रखा, उसने बादशाह के विचित्र शब्दों को सुना। उसने सोचा, “यकीनन यहाँ कुछ गलत है। महाराज लगातार इतने समय तक दरबार से कभी अनुपस्थित नहीं रहे और न ही उन्होंने कभी ऐसी बेवकूफी भरा निवेदन किया है। शायद उन्होंने कोई नशीला पदार्थ प्रयोग करना शुरू कर दिया है, जिससे लोग मूखाँ के समान व्यवहार करते हैं। अगर ऐसा ही सिलसिला चलता रहा, तो ये राज-काज कैसे सँभालेंगे। जिस प्रजा का ये पुत्रवत् पालन करते हैं, रात-दिन जिसकी सुख-सुविधा का ध्यान रखते हैं, उसका क्या होगा? इनके पूर्वजों ने जितना संघर्ष करके इतना बड़ा साम्राज्य स्थापित किया है, भला उसकी रक्षा कैसे हो सकेगी? यह तो चिंता का बहुत गूढ़ विषय है।

इसका भेद किसी-न-किसी तरह से अवश्य निकालना चाहिए। अगर इसमें कुछ गड़बड़ है, तो उसके सुधार का प्रबंध करना चाहिए।’ यह जानने के लिए बीरबल ने एक उपाय सोचा। वह लगभग एक सप्ताह तक दरबार नहीं गया। प्रतिदिन अकबर बीरबल की प्रतीक्षा करते थे, परंतु वह नहीं आता था। तब बादशाह परेशान हो गए। उन्होंने सोचा कि कहीं बीरबल बीमार तो नहीं है। उन्होंने बीरबल के घर जाने का निर्णय लिया। जैसे ही राज-सवारी बीरबल के घर के निकट पहुँची, बीरबल के सेवकों ने उसे सूचित कर दिया। जब बादशाह ने घर के अंदर कदम रखा, तो उनका स्वागत् सेवकों ने किया। जैसा कि बीरबल का निर्देश था, उन्होंने बादशाह को बताया कि उनका मालिक इस समय घर में नहीं है और उन्होंने बादशाह को आदर सहित बैठाया। जल्दी ही बीरबल की बेटी ने बादशाह को जल-पान पेश किया। जब बीरबल की बेटी राजा को जल-पान करने में व्यस्त रखे हुए थी, तब बीरबल चुपचाप पीछे के दरवाजे से बाहर निकल गया। वह सीधा रानी के महल के उस कक्ष में पहुँचा, जहाँ बादशाह विश्राम किया करते थे। कक्ष में बीरबल ने एक बंद अलमारी देखी। पास ही मेज पर उसकी चाबी मिल गई। बीरबल ने अलमारी खोली। उसके आश्चर्य का ठिकाना न रहा, क्योंकि अलमारी में अनेकों प्रकार की शराब की बोतलें रखी हुई थीं। ” औह! महाराज ने शराब पीनी शुरू कर दी है। अब वह अपने घर पहुँच जाए, परंतु भाग्य को कुछ और ही मंजूर था।

रास्ते में बीरबल का सामना बादशाह अकबर से हो गया। उस समय बीरबल ने अपनी शाल में वह बोतल छिपा रखी थी। बीरबल, तुम यहाँ क्या कर रहे हो और तुमने शाल में यह क्या छिपा रखा ?” अकबर ने पूछा। कुछ नहीं, महाराज! यह तो एक तोता है।” बीरबल ने कहा। एक तोता! क्या तुम मजाक कर रहे हो?” अरे नहीं-नहीं, यह तो घोड़ा है, जिसे मैंने छिपा रखा है।” तुम्हारा दिमाग तो सही है, बीरबल?” अकबर ने पूछा। माफ कीजिए महाराज, यह तो एक हाथी है?” बीरबल ने उत्तर दिया। बीरबल, क्या तुमने कोई नशीला पदार्थ खा लिया है, जो इस प्रकार की तुकी बातें कर रहे हो?” नहीं महाराज, वास्तव में मैंने अपनी शाल में एक गधा छिपा रखा है।” बीरबल, बहुत हो चुका। अब अपनी बकवास बंद करो।” बादशाह कबर को गुस्सा आ गया। बीरबल ने शराब की बोतल बाहर निकाल ली।

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उसे देखकर बादशाह अकबर ने बीरबल को अपने साथ रानी के महल में चलने को कहा। वहाँ उन्होंने अलमारी खोली, जिसमें शराब रखी हुई थी। एक बोतल को गायब देखकर वे भाँप गए कि उनकी अनुपस्थिति में बीरबल वहाँ जरूर आया था। इसलिए उन्होंने कहा- “क्या तुमने शराब पी है, बीरबल? हमेशा तो तुम इस प्रकार व्यवहार नहीं करते, परंतु आज तुम मुझे बेवकूफों जैसे जवाब दे रहे थे। ” “नहीं, महाराज! मैंने किसी प्रकार का नशा नहीं किया। मैं तो केवल आपकी शराब का प्रभाव बता रहा था।” “वे प्रभाव क्या हैं?” अकबर ने पूछा। अपनी बातों को स्पष्ट करते हुए बीरबल ने समझाया “जब पहली बार मैंने कहा कि मेरी शाल में कुछ नहीं है, तो इसका मतलब यह है कि शराब का पहला प्याला, पीने वाले की बुद्धि को हर लेता है। जब मैंने तोता कहा तो उसका मतलब यह था कि शराब का दूसरा प्याला पीने से मनुष्य तोते की तरह बोलने लगता है। तीसरे प्याले के पीने पर तो वह घोड़े की तरह हिनहिनाने लगता है। जब मैंने हाथी का नाम लिया तो उसका अभिप्राय यह था कि चौथा प्याला पीने के बाद मनुष्य हाथी की तरह मस्त चाल चलने लगता है। अंत में मैंने गधा कहा, क्योंकि पाँचवाँ प्याला पीने के बाद मनुष्य गधे की तरह उलटी-सीधी हरकतें करने लगता है।” बीरबल की बातें सुनकर बादशाह ने अपनी गलती महसूस कर ली। उन्होंने तुरंत सभी बोतलों को फेंक दिया और शराब हमेशा के लिए छोड़ दी।

और कहानियों के लिए देखें : Akbar Birbal Stories in Hindi

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Hind Patrika

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