बुरे व्यक्ति की संगत बुरा परिणाम ही लाती हैं | Bure Vyakti Ki Sangat Bura Parinam hi Lati Hain बुरे व्यक्ति की संगत बुरा परिणाम
Category: Short Moral Stories in Hindi
मित्रता का फल | Mitrta Ka Fal मित्रता का फल | Mitrta Ka Fal : किसी जंगल में कबूतरों का एक समूह रहता था। उस समूह
मृत्यु – जरासंध की | Mrityu – jarasandh Ki मृत्यु – जरासंध की | Mrityu – jarasandh Ki : पाण्डव, रिश्ते में कृष्ण के भाई लगते
मालिक भागो व भाई लालो | Malik Bhago v Bhai Lalo मालिक भागो व भाई लालो | Malik Bhago v Bhai Lalo : एक दिन गुरु
मार्कन्डेय | Markandey मार्कन्डेय | Markandey : मार्कण्डेय, मृकुन्द कभी भी विवाह न करने का प्रण लिया हुआ था। वह सदा नर नारायण के नाम के
महोत्कट अवतार में | Mahotkat Avtaar mein महोत्कट अवतार में | Mahotkat Avtaar mein : रूद्रकेतु अंग नामक राज्य में पुजारी थे। वह और उनकी पत्नी
मक्का में गुरु नानक देव | Makka Mein Guru Nanak Dev मक्का में गुरु नानक देव | Makka Mein Guru Nanak Dev : गुरु नानक देव
मुर्ख गंगादत्त मेंढक | Murkh Gangadatt Mendhak मुर्ख गंगादत्त मेंढक | Murkh Gangadatt Mendhak : आग और पानी या घोड़ा और घास की भला क्या मित्रता?
माँ का प्रेम | Maa Ka Prem माँ का प्रेम | Maa Ka Prem : ब्रह्मदत्त दूर किसी नगर में काम से जा रहा था।
राजकुमार का विषैला पौधा | Rajkumar Ka Vishela Paudha राजकुमार का विषैला पौधा | Rajkumar Ka Vishela Paudha : एक राजा अपने बेटे से बहुत दुखी
तलाश धन की | Talash Dhan Ki तलाश धन की | Talash Dhan Ki : एक बार एक गांव में चार ब्राह्मण युवक रहा करते थे।
मेंढको का बेवकूफ राजा | Mendhako Ka Bevkuf Raja मेंढको का बेवकूफ राजा | Mendhako Ka Bevkuf Raja : एक बार किसी पहाड़ पर मांडीवेश्या नामक
धन का भय | Dhan Ka Bhay धन का भय | Dhan Ka Bhay : एक बार देवशर्मा नामक संन्यासी गांव से दूर एकांत स्थान पर
चोर और राक्षस | Chor Aur Rakshas चोर और राक्षस | Chor Aur Rakshas : बहुत समय पहले की बात है। किसी नगर में एक
बिना जांचे परखे होता हैं ये हाल | Bina Janche Parkhe Hota Hain ye Haal बिना जांचे परखे होता हैं ये हाल | Bina Janche