समय-समय पर जिन व्यक्तियों से सम्पर्क ने मेरे चिन्तन की दिशा और संवेदन को गति दी है, उनके संस्मरणों का श्रेय जिसे मिलना चाहिए उसके
Category: Hindi Poems
‘रेखाचित्र’ शब्द चित्रकला से साहित्य में आया है, परन्तु अब वह शब्दचित्र के स्थान में रूढ़ हो गया है। चित्रकार अपने सामने रखी वस्तु या
साहित्यकार की साहित्य-सृष्टि का मूल्यांकन तो अनेक आगत-अनागत युगों में हो सकता है; पर उनके जीवन की कसौटी उसका अपना युग ही रहेगा। पर यह
‘संस्मरण’ को मैं रेखा चित्र से भिन्न साहित्यिक विधा मानती हूं। मेरे विचार में यह अन्तर अधिक न होने पर भी इतना अवश्य है कि
एक युग बीत जाने पर भी मेरी स्मृति से एक घटाभरी अश्रुमुखी सावनी पूर्णिमा की रेखाएँ नहीं मिट सकी है। उन रेखाओं के उजले रंग
Atal Bihari Vajpayee Ki Kavitao Ka Sabse Behtareen sangrah |अटल बिहारी वाजपेयी की बेहतरीन कविताओ का संग्रह Atal Bihari Vajpayee Ki Kavitao Ka Sabse Behtareen
मैं अभागा पेड़ हूँ काया नहीं | Hindi Poem on Nature मैं अभागा पेड़ हूँ काया नहीं | Hindi Poem on Nature मैं अभागा पेड़