Baisakhi Festival in Hindi
Baisakhi Festival in Hindi : इतिहास में बैसाखी पर्व का अपना एक विशेष महत्व हैं. इसकी सबसे ख़ास बात यह हैं की भिन्न – भिन्न धर्मो के लोग इसे मनाते हैं हालांकि ये बात अलग हैं की इसे मनाने की मान्यता सबकी अलग अलग हैं एवं अपने अपने धर्मो के कारण मनाने के पीछे सबकी धारणाए भी भिन्नताए दर्शाती हैं परन्तु महत्वपूर्ण बात यह हैं यहाँ पर सब मिल जुल कर इस त्यौहार को आपस में ख़ुशी के साथ मनाते हैं. सिखों के दुसरे गुरु श्री अंतरदेव जी का जन्म इसी माह में हुआ था जिन्हें वो बहुत पवित्र मानते हैं और आज के बहुत से सिख बंधु उनसे प्रेरणा लेकर उनके दिखाए गए मार्ग पर चलते हैं.
कहा ये भी जाता हैं की ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना भी इसी दिन की थी यानी की इसी दिन से मनुष्यों एवं इस संसार के सभी जीव जन्तुओ की शुरुवात की गाथा लिखनी प्रारंभ हुई थी, महाराज विक्रमादित्य वर श्रीविक्रमिसम्वत का शुभ आरम्भ इसी दिन से हुआ था, भगवान श्री राम का राज्य अभिषेक भी इसी दिन हुआ था और इसी कारणवश इसे पर्वो का महा पर्व भी कहा जाता हैं क्यूंकि यह दिन बहुत से त्योहारों को अपने साथ लेकर आता हैं और हम भारतवासियों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आता हैं.
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सिखों में आज के दिन रिवाज़ हैं की सफ़ेद और पीला रंग पहनते हैं क्यूंकि ये शुद्धता और पवित्रता का रंग होता हैं. हम आपको बता दे की ये पर्व केवल एक दिन के लिए नहीं हैं किसी गुरुद्वारे में इस दिन से शुरुवात हो कर हफ्ते भर पर्व चलता हैं. बैसाखी मनाने के दो कारण हैं – पहले तो गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पन्त की स्थापना की थी जिस पर सभी सीखो को गर्व होता हैं इस दिन और दूसरा हैं इस दिन पंजाब के किसानो की फासले काटना शुरू हो जाती हैं जो उनकी साल भर की मेहनत हैं उसके नतीजे आज आते हैं. आज के दिन पर सिख धर्म के लोगो के घर पर पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं नए नए कपडे सिलवाए जाते हैं.
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