Amitabh Bachchan Success in Hindi | सदी के महानायक अमिताभ बच्चन
Amitabh Bachchan Success in Hindi : ये कहानी हैं एक ऐसे आदमी की जिसने अपनी जिंदगी में बड़े से बड़ा रिजेक्शन सहा और फिर वो बन बैठा इस सदी का महानायक. अब तो आप महानायक शब्द से ही समझ गये होंगे की हम किसकी बात कर रहे हैं क्युकी वो कोई ऐसा – वैसा शख्स नहीं हैं. वो एक ऐसा इंसान हैं जिसने अपनी ज़िन्दगी में बहुत कुछ देखा हैं और दिखाया हैं अपने अभिनय के जादू से. बहुत कम ही ऐसे कलाकार होते हैं जो अपनी नजरो से ही ऐसा खेल दिखाते हैं की दुनिया उनकी दीवानी हो जाती हैं, उनकी आवाज़ लोगो की धडकनों में सुने देती हैं, लोगो के दिल में सुने देती हैं. आज का बच्चा बच्चा अमिताभ बच्चन बनना चाहता हैं और बनना चाहेगा भी. शक्सियत ही कुछ ऐसी हैं. शायद उनके लिए ये कहावत बिलकुल सटीक बैठती हैं की जिसने दुनिया का दिल जीत लिया उसने सब जीत लिया’ वैसे चाहे मर्ज़ी जितने शब्द, भाषाए हमे दी जाए. महान लोगो के बारे में बात करते हुवे ये हमेशा कम ना जाने क्यों पड़ जाते हैं खैर हम आपको अमिताभ बच्चन की ज़िन्दगी के कुछ पहलुओ से रूबरू कराने वाले हैं. तो तैयार हैं आप. तो चलिए शुरुवात करते हैं इस सफ़र की.
अमिताभ बच्चन की फिल्मो में शुरुवात | Amitabh Bachchan Success in Hindi
Amitabh Bachchan Success in Hindi : ये बात तो सभी जानते हैं की फिल्म सात हिन्दुस्तानी से अमिताभ बच्चन ने अपनी एक्टिंग कैरियर की शुरुवात की, अपना पहला डेब्यू दिया. जिसमे वो सात लीड एक्टरो में से एक रहे लेकिन ये बात कम ही जानते हैं की आल इंडिया रेडियो से अमिताभ को उनकी आवाज़ की वजह से ही रिजेक्ट कर दिया गया था और उसका कारण था उनकी अयोग्य आवाज़. जी हाँ बिलकुल सही पढ़ा आपने. अमिताभ बच्चन को आल इंडिया रेडियो के द्वारा कहे गए उनकी आवाज़ को रिजेक्ट करने का यही कारण खुद अमिताभ बच्चन ने बताया एक इंटरव्यू में बताया था लेकिन फिर भी फिल्म इंडस्ट्री में उनकी पहली कमाई एक वौइस् ओवर के जरिये ही थी. मिर्नाल सेन की फिल्म भुवन शौन में अमिताभ बच्चन ने वौइस् ओवर करकेपहली बार इंडस्ट्री से 300 रूपये कमाए थे.
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अमिताभ बच्चन की फिल्मो में पतन का सिलसिला | Amitabh Bachchan Success in Hindi
Amitabh Bachchan Success in Hindi : अमिताभ बच्चन का मख्तसी का दौर कुछ ऐसा था की जब वो कलकत्ता से नौकरी छोड़कर बम्बई आये तो मरीन ड्राइव की बेंच पर कुछ राते उन्होंने काटी. क्युकी उन्हें पता तो था की उन्हें क्या काम करना हैं लेकिन इंडस्ट्री में अपनी जगह बना पाना बेहद मुश्किल हैं और वो भी तब जब वहां पर आपका कोई कनेक्शन ना हो, आप बहुत अमीर ना हो, या फिर जबतक आपको कोई जानता ना हो. हर किसी की ज़िन्दगी में एक ना एक बार तो काम के या कह सकते हैं सफलता के शुरुवाती दौर में भगवान् परीक्षा लेता ही हैं अगर आप इस परीक्षा में खरे उतर गये तो आपने सफलता की ओर एक और सबसे महत्वपूर्ण कदम बढ़ा लिया और यदि नहीं तो आप वही कही कुवे के मेंडक बन कर रह जाते हैं. जिनमे हिम्मत होती हैं केवल वही कुछ चुनिन्दा लोग कुछ कर पाते हैं, कुछ बन पाते हैं जिन में से एक नाम हैं अमिताभ बच्चन का. हाँ तो मरीन ड्राइव में कुछ समय राते गुज़ारने के बाद क्युकी उनके पास कुछ काम नहीं था, फिल्मो में ना होने की वजह से कोई उन्हें जानता भी नहीं था वो कुछ कुछ निराशा की ओर बढ़ते ही जा रहे थे यहाँ तक की अंत में वो एक फिल्म में एक एक्स्ट्रा के रूप में भी काम करने को तैयार हो गए थे लेकिन तभी उस दौर के एक मशहूर एक्टर शशी कपूर ने अमिताभ बच्चन को डांटा और कहा की “तुम बड़ी चीजों के लिए बने हो खबरदार जो कभी एक्स्ट्रास की लाइन में खड़े नज़र आये तो.” और तब तक अमिताभ बच्चन को काम मिल चूका था लेकिन उनकी फिल्म एक के बाद एक फ्लॉप होती जा रही थी
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अमिताभ बच्चन का इंडस्ट्री पर राज | Amitabh Bachchan Success in Hindi
Amitabh Bachchan Success in Hindi : और तभी उनके गॉड फादर ऋषिकेश मुखेर्जी ने उन्हें फिल्म आनंद के लिए साइन किया और उस समय भला कौन जनता था कि आनंद का ‘बाबु बोशाई’ एक दिन बन जाएगा ‘बिग बी.’ ये बात सही हैं की अमिताभ बच्चन की फिल्म ज़ंजीर बॉक्स ऑफिस पर धमाल कर गयी लेकिन उनकी ‘एंग्री यंग मैन की इमेज ऋषिकेश मुखेर्जी की फिल्म ‘नमक हराम’ से ही बनी थी. 70 का दशक बड़ा ही जज्बाती था जहाँ पर रोमांस फेड आउट हो रहा था और एंग्री यंग मन आगे बढ़ रहा था इसकी असल वजह यही थी की जनता व दर्शक अधिकतर उन फिल्मो को पसंद करते हैं जो उन्हें खुद को फिल्म से जोडती हैं इसी कारण हमारे यहाँ की फिल्म इंडस्ट्री बॉलीवुड और बाहर की हॉलीवुड की फिल्म स्क्रिप्ट्स के कंटेंट में जमीन – आसमान का अंतर होता हैं. उस समय में भारतीय पब्लिक में एक तरफ गरीबी थी, गुस्सा था और उस गुस्से को ट्रांसफॉर्म किया अमिताभ बच्चन की पर्सनालिटी द्वारा उनकी फिल्म्स में जिसमे उनका धमाकेदार एक्शन होता था और वो गरीबो की मदद करते थे. अमिताभ बच्चन की जोड़ी एक से बड कर एक प्रोडूयुसर, डायरेक्टर के साथ बनी चाहे वो यश चोपड़ा हो, प्रकाश मेहरा, रमेश सिप्पी या फिर मसाला फिल्मो का जाना माना नाम मनमोहन देसाई. इन सभी के साथ अमिताभ बच्चन की जोड़ी ऐसे बनी की बस बॉक्स ऑफिस पर इनका ही राज हुआ.
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अमिताभ बच्चन का मौत को मात | Amitabh Bachchan Success in Hindi
Amitabh Bachchan Success in Hindi : एक तरफ अमिताभ की अमिट आभा केवल भारत में ही नहीं बल्कि पुरे दुनियाभर में जगमगा रही थी वही अमिताभ बच्चन की जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया जहाँ पर उनकी जान जाते – जाते बची. मनमोहन देसाई की फिल्म ‘कुल्ली’ में अमिताभ बच्चन इस तरह घायल हुवे की ये उम्मीद कम ही थी की अमिताभ की जान बच पाएगी उन्हें फिल्म के सीन में विलेन से एक मुक्का खा कर टेबल पर गिरना था लेकिन गलती से टेबल पर गिरते समय टेबल का कोना जो की काफी नोकीला था उनके पेट में जा कर लग गया. वही सेट पर इतना खून बह गया था की उसी समय लोगो को लग रहा था की उनके बचने के चांसेस नहीं हैं. उन्हें कुछ ही देर बाद प्लेन में बैठा के हॉस्पिटल ले जाया गया जहां पर डोक्टरो ने बताया की उनकी आंत में गहरा घाव पहुचा हैं और खून की बहुत ही ज्यादा कमी उनके शरीर में हो गयी हैं. बस इसी खबर से पूरा देश स्तब्ध था हर कोई उनके जीने की कामना कर रहा था शायद इतनी ज्यादा तादाद में लोगो की प्रार्थना को भागवान ने सूना होगा तभी शायद इतनी ज्यादा और इतनी बुरी तरह से घायल हो जाने के बावजूद वो मौत के मुह से निकल सके. जिसका श्रेय वो पुरे हिन्दुस्तान को देते हैं. और तभी शायद ये भी कहा गया हैं की ‘जाको रखे साईया, मार सके ना कोई, बाल न बाका कर सके चाहे जग बैरी होए’ अमिताभ बच्चन पर ये कहावत एक एक दम फिट बैठती हैं क्युकी एक तरफ तो उनके फैंस मंदिरों में, मस्जिदों में, गिरजाघरो में उनकी अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना कर रहे थे वही दूसरी तरफ ब्रीज कैंडी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स दिन रात एक कर रहे थे अमिताभ बच्चन की जान बचाने को. इस सब मशक्कत के बाद अमिताभ बच्चन मौत के मुह से बाहर आ गए और सबको शुक्रिया कहा.
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अमिताभ बच्चन का पॉलिटिक्स में हाथ आज़माना | Amitabh Bachchan Success in Hindi
Amitabh Bachchan Success in Hindi : फिर उस हादसे के एक साल बाद तक भी उन्होंने फिल्मे साईंन नहीं की थी क्युकी ज़ाहिर सी बात हैं अगर कोई व्यक्ति मौत से बच कर लौट आया हैं तो उसे थोडा सामान्य होने पर वक़्त तो लगना ही था खुद को मानसिक व शारीरिक रूप से तैयार करने में. ये वो दौर था जब अमिताभ बच्चन ने कुछ समय के लिए पॉलिटिक्स भी ज्वाइन की और ‘द मेम्बर ऑफ़ पार्लियामेंट’ सर्फ किया और अपनी जनम स्थली इलाहाबाद से वो द मेम्बर ऑफ़ पार्लियामेंट’ भी चुन कर आये.
अमिताभ बच्चन का कौन बनेगा करोड़पति से वापस शुरुवात की ओर कदम | Amitabh Bachchan Success in Hindi
Amitabh Bachchan Success in Hindi : उसके बाद जब अमिताभ ने फिर दोबारा से इंडस्ट्री का रुख किया तो उस समय हिंदी फिल्मो का दौर बदल रहा था. एक्शन से रोमांस की तरफ ट्रेंड बढ़ता नज़र आ रहा था वही अमिताभ बच्चन की फिल्म्स चाहे वो प्रकाश मेहरा के साथ हो या मनमोहन देसाई के साथ बॉक्स ऑफिस पर खासा कमाल नहीं दिखा पा रही थी इस पर अमिताभ बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री से रिटायर होने का फैसला किया फिर फिल्म ‘खुदा गवाह’ के बाद वो फिल्म इंडस्ट्री की जगमगाहट से काफी समय तक दूर रहे. ये वो टाइम था जब ‘अमिताभ बच्चन कारपोरेशन टाइम लिमिटेड’ अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी ज्या बच्चन ने शुरू की और इस कंपनी के बाद लगा की अमिताभ बच्चन नाम का सितारा पूरी तरह डूब चूका हैं. कंपनी बैंकरप्ट की तरफ बढ़ रही थी तब अमिताभ बच्चन को एक और रियलाइजेशन हुआ की वो सिर्फ एक्टिंग के लिए बने शायद बिज़नस या पॉलिटिक्स के लिए नहीं. और उसके बाद वो नज़र आये छोटे परदे पर ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के पहले सीजन में ये शो अमिताभ बच्चन के डूबते केर्रिएर के लिए तिनका बन के आया था और मझदार से निकाल कर फिर से सुपर स्टारडम की तरफ ले चला.
और आज इस उम्र में भी अमिताभ बच्चन बहुत सारे यंग हीरोज से कहते हैं की ‘बुड्ढा होगा तेरा बाप.’
एक महान व्यक्तित्व की रोशनी (अमिताभ बच्चन) | Amitabh Bachchan Success in Hindi
Amitabh Bachchan Success in Hindi : वैसे भी जब इंसान पैदा होता हैं तो कहा जाता हैं की उसके पैदा होने के पीछे एक ख़ास मकसद छुपा हैं यानी वो कुछ पूरा करने के लिए इस दुनिया में आया हैं. यहाँ पर हर किसी के अस्तित्व की कोई न कोई वजह जरुर हैं इसी वजह से हमे अपने पैशन को ढूढना जरुरी होता हैं. जिस दिन हमे वो मिल जाता हैं समझो तुम्हे तुम्हारे संसार में आने की वजह पता चल गयी क्युकी तुम उसी चीज़ में आगे बढ़ कर नाम कमाने आये हो और इतना बड़ा नाम की कोई दूसरा उसके आस पास भी न पहुच सके. यही मकसद हैं और यही वजह लेकिन ज़िन्दगी बड़ी प्यारी सी कहानी हैं हमेशा कुछ न कुछ नए नए मोड़ हमे दिखाती रहती हैं और लगातार हमे कुछ नया सिखाती रहती हैं. यही हुआ अमिताभ बच्चन की ज़िन्दगी में भी. इतना बड़ा सुपर डुपर स्टार बन जाने के बावजूद उन्होंने पॉलिटिक्स और बिज़नस में हाथ आजमाया क्यों. क्युकी इसका सिर्फ एक ही कारण हैं और वो हैं इसमें हारकर ही तो अपने अपने पैशन को प्यार करना और इतना प्यार करना की किसी और चीज़ के बारे में ये सोचा ही ना पाए सीखा. कैसा हो अगर हमारे पास कुछ ऐसा हो जिससे हम अपनी जी जान से प्यार करते हैं. शायद आप सोचेंगे की हम उसको बहुत संजो के रखेंगे, सजा के रखेंगे पर असल में होता क्या हैं. हमारे पास वो चीज़ होती हैं और हम उसकी कदर करना बंद कर देते हैं तब तक जब तक वो कही खो नहीं जाती हमारे हाथो से. और अमिताभ बच्चन भी के साथ यही हुआ. पर जैसा की हम सभी जानते हैं जो कुछ भी होता हैं, अच्छे के लिए होता हैं. इसका सबसे बड़ा जीता जागता उदाहरण हम सभी के सामने हैं. अगर अमिताभ बच्चन से उनका एक्टिंग कैरियर कुछ समय के लिए नहीं खोता और वो पॉलिटिक्स और बिज़नस में अपना हाथ नहीं आजमाते तो हमे बिग बी कहा से मिलते और हम शुक्रगुजार हैं ऐसे महान व्यक्ति के जिसने अपनी ज़िन्दगी से हमे बहुत कुछ सिखाया हैं बहुत बड़ी सीख दी हैं.