ऐतरेय का तर्क, ‘भगवान का नाम ही सत्य है

ऐतरेय का तर्क, ‘भगवान का नाम ही सत्य है

ऐतरेय का तर्क, ‘भगवान का नाम ही सत्य है : कुछ देर सोचकर ऐतरेय ने अपनी मां की ओर देखा और कहा, “माते ! तुम्हारी आसक्ति । इस संसार की मोह-माया से अभी तक नष्ट नहीं हुई है। जबकि मैं जान गया हूं कि यह सकल जगत के पदार्थ नाशवान हैं। इस संसार में जो भी भोग्य सामग्री है, वह भी नष्ट हो जाने वाली है। केवल भगवान का नाम ही सत्य है। इसीलिए मैं उसी नाम का जाप करता हूं। परंतु अब मैं समझ गया हूं कि मेरा अपनी मां के प्रति भी कुछ कर्तव्य है। मैं अब उसे पूरा करूंगा और तुम्हें ऐसे स्थान पर पदासीन करूंगा, जहां अनेक यज्ञ करने के पश्चात भी नहीं पहुंचा जा । सकता।” | ऐतरेय ने भगवान विष्णु की सच्चे हृदय से वेदों की विधियों के अनुसार स्तुति की। इससे । भगवान विष्णु प्रसन्न हो गए। उन्होंने साक्षात प्रकट होकर ऐतरेय और उसकी माता को । आशीर्वाद दिया, “पुत्र! यद्यपि तुमने वेदों का विधिवत अध्ययन नहीं किया है। लेकिन मेरी कृपा से तुम सभी वेदों के ज्ञाता और प्रकाण्ड विद्वान हो जाओगे। तुम वेद के एक अज्ञात भाग की भी खोज करोगे। वह तुम्हारे नाम से ‘ऐतरेय ब्राह्मण’ कहलाएगा।”
ऐसा कहकर भगवान अंतर्धान हो गए।

ऐतरेय का तर्क, ‘भगवान का नाम ही सत्य है

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.