World Day Against Child Labour in Hindi
World Day Against Child Labour in Hindi : आज हमारे देश में बहुत से ऐसे बच्चे होंगे जो मस्ती में नाच गा रहे होंगे और उनके खुश होते हुवे चेहरों के पीछे जो मुस्कान हैं उसके पीछे एक कहानी भी छिपी हुई हैं. अगर आप आज उनकी हंसी देखेंगे तो आप अंदाज़ा भी नहीं लगा पाएंगे की कुछ ऐसे लम्बे दिन भी थे उनकी मासूम ज़िन्दगी में जिस दिन वो अपनी मर्ज़ी से हंसने खेलने को भी तरस जाते थे ऐसे हजारो बच्चो के बचपन को अपनी कोशिशो और बुलंद हौसलों से कैलाश सत्यार्थी ने वापस लौटाया.
Also Check : Poster on Child Labour
World Day Against Child Labour in Hindi : अपने बचपन बचाओ आन्दोलन से छोटे छोटे बच्चो को बाल और बंधुवा मजूदरी से मुक्त कराने वाले कैलाश ने एक मिसाल कायम की हैं. कैलाश सत्यार्थी ने ऐसे हजारो बच्चो को जीने का सहारा दिया जो किसी ना किसी वजह से बाल मजदूरी में लगे हुवे थे. जिसका नतीजा ये हुआ की आज बाल मजदूरी से मुक्त हुवे ये बच्चे अपनी मर्ज़ी से आज़ादी की ज़िन्दगी जी रहे हैं साथ ही भविष्य में कुछ बनने का सपना भी देख रहे हैं.
Also Check : Poster Making on Child Labour
World Day Against Child Labour in Hindi : उनका कहना हैं की “इंजिनियर तो मैं बाद में बना लेकिन उससे पहले मैं एक नौजवान था, एक बच्चा था और लगता हैं की बाल मजदूरी के खिलाफ थोड़ी सी समझ और गुस्से की शुरुवात बहुत बचपन मे मेरे साथ हुई. जिस दिन पहली बार मैं अपने स्कूल गया 5 – 6 साल का था मैं तब, मैंने अपने स्कूल के बाहर से सीढियों के नीचे एक बच्चे को अपने पिता के साथ देखा जो की जूते पोलिश करते थे और जूते सिलते थे तो पहली बार मुझे एक बड़ा भारी अंतर विरोध लगा की हम लोग तो बहुत उत्साह के साथ स्कूल जा रहे हैं और एक बच्चा हमारी तरफ तक ताक लगा कर देख रहा हैं की हम अपने जूते चप्पल उससे पोलिश करवाएंगे – साफ़ करवाएंगे तो जहाँ हम बाल मजदूरी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं वहां इस मानसिकता के खिलाफ भी लड़ रहे हैं लड़ाई क्यूंकि यही मानसिकता कुछ लोगो के बच्चो के, या बहुत लोगो के बच्चो के लिए मजदूरी और गुलामी करने के लिए मजबूर करती हैं.
Also Check : Poster Against Child Labour
World Day Against Child Labour in Hindi : चाइल्ड लेबर (child labour) जैसी बुराइयों को खत्म करने के लिए कैलाश हमेशा से आगे रहे हैं इतना ही नहीं बच्चो के लिए उनके प्यार और जज़्बात इस कदर जुड़े हुवे थे की इंजीनियरिंग के पद को भी उन्होंने अपने आन्दोलन की वजह से अलविदा कह दिया.
Also Check : Child Labour in India Posters
जानते हैं इन्होने समाज में चल रहे इस अपराध को रोकने की शुरुवात कैसे की :
World Day Against Child Labour in Hindi : सबसे पहले इन्होने एक पत्रिका निकली थी, शुरुवात उन्होंने वही से की, “संघर्ष जारी रहेगा” नाम से हिंदी का एक पाक्षिक उन्होंने निकाला और वो पाक्षिक इन्ही लोगो के लिए (बाल मजदूरी के शिकार बच्चो पर) पूरी तरह से समर्पित था इन्ही मुद्दों पर, इन्ही बातो पर, उसमे किसी तरह की कोई राजनीति नहीं थी – कोई खेल नहीं – कोई और तमाशा नहीं. सिर्फ ये जो लोग मुख्यधारा से बाहर हैं सामजिक सामाचार और लोगो की समझ में लाने के लिए इसकी शुरुवात की गयी.
Also Check :
World Day Against Child Labour in Hindi : समाज से बाल मजदूरी जैसी बुराइयों को खत्म करने के लिए कैलाश सत्यार्थी ने दिन – रात एक कर दिए. 1980 में बंधुवा मजदूरी के खिलाफ कैलाश ने ऐसी चिंगारी फेकी जिसकी लपटों ने चारो तरफ आग लगा दी. कैलाश को इन आंदोलनों से बाल मजदूरी को खत्म करने में काफी ताकत मिली.
Also Check : Child Labour Drawings
1980 में जब उन्होंने ये शुरू किया तो उस समय दिल्ली में एशिया खेल होने वाले थे तो उन्होंने कई संगठनों के साथ मिल कर ये कोशिश कि की एशिया को खेल गाँव बनाने के लिए और दुसरे फ्लाई ओवर, सड़के बनाने के लिए, हजारो हजार मजदुरो को लाया गया हैं जिनमे हजारो हजार बच्चे भी थे जो गुलामी जैसी ज़िन्दगी जी रहे थे.
Also Check : Essay on Child Labour in Hindi
World Day Against Child Labour in Hindi
कैलाश सत्यार्थी ने जब बाल मजदूरी के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई तो उसकी गूंज देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी सुनाई दी. चाइल्ड लेबर (child labour) जैसी बुराई जो समाज के लिए एक अभिशाप थी अपनी कोशिशो से कैलाश ने ना सिर्फ लोगो की सोच को बदला बल्कि इसे एक मुद्दा बना कर लोगो की चेतना को भी जगाने का काम किया.
Also Check : Poems on Child Labour in English
परिवर्तन तो धीरे धीरे आ रहे हैं कानून बन रहे हैं, अन्तराष्ट्रीय कानून बन रहे हैं लागू होने की बात हैं लेकिन ये सबसे बड़ी सफलता हैं, दूसरी हमे लगता हैं की शिक्षा और बाल मजदूरी जो चैरिटी के मुद्दे माने जाते हैं – गरीब का बच्चा हैं चलो इसकी मदद कर दो – रोटी दे दो, दाल दे दो, सब्जी दे दो, इसको कम्बल दे दो, इसको किताब दे दो, पढाई दे दो यानी की जो चैरिटी के काम होते हैं धर्मपालन जैसा कुछ तो कैलाश सत्यार्थी इन सब के खिलाफ लडे हैं की ये चैरिटी का मुद्दा नहीं हैं ये मानव अधिकार का मुद्दा हैं.
Also Check : Poem on Child Labour in Hindi
World Day Against Child Labour in Hindi
गरीबी और गुलामी को समाज के लिए श्राप समझने वाले कैलाश सत्यार्थी का सफ़र काफी मुश्किलों भरा रहा. बाल मजदूरी को खत्म करने की राह में कैलाश को भी कई ऐसे रास्तो से गुज़ारना पड़ा जिसे वो आज तक नहीं भुला पाएं हैं.
Also Check : Stop Child Labour Quotes in Hindi
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा की “हमने जब भारत में ये मुद्दा उठाया और भारत के बाहर भी उठाया तो पहला जो हमने आन्दोलन शुरू किया वो ये था की बच्चो द्वारा बनाई गयी चीजों का बहिष्कार किया जाए और उनकी सेवाओ का बहिष्कार किया जाए और उसके बदले में सुनिश्चित किया जाए की कोई एक सर्टिफिकेशन कोई एक प्रमाणीकरण और चिन्हीकरण का काम शुरू किया जाए पूरी जांच पड़ताल के बाद ये बताया जाए की ये वस्तुए बाल मजदूरी से रहित हैं.
Also Check : Slogans on Child Labour in Hindi Language
World Day Against Child Labour in Hindi
भारत में बाल मजदूरी जैसी बीमारी ने अपने पैर इतने मजबूती से जमा लिए थे की बच्चो की मासूमियत मजदूरी में कही खोती जा रही थी. ऐसे में कैलाश सत्यार्थी पिछले 30 सालो से बाल मजदरी के खिलाफ लड़ रहे हैं बिना स्वार्थ के समाज की बुराइयों को खत्म करने का जिम्मा अपने कंधो पर उठा कर कैलाश ने दुनिया में ऐसी मिसाल कायम की हैं की जिसका कही और मिलना मुश्किल हैं. ऐसे लोगो को हमारा सलाम. बाल मजदूरी के विरोध में आज का ये विश्व इसकी भरपूर निंदा करता हैं.
Also Check : Slogans for Child Labour in Hindi