World Day Against Child Labour Essay in Hindi

World Day Against Child Labour Essay in Hindi

World Day Against Child Labour Essay in Hindi : भागती दौडती जिन्दगी की कमान शायद ही किसी के हाथो मे हो और बचपन को तो मानो कोई खरीद नही सकता लेकिन फर्क सिर्फ केवल इस बात का है कि किसी के पैरो को चुभे काँटो को चप्पल नसीब हुई भी है कि नही, फटे कपडे, बिखरे बाल शायद ही बचपन को मुस्कुराने से रोक सकते है लेकिन कभी-कभार भीड भी आपको सबसे अलग बना देती है जहाँ फर्क आता है अमीरी और गरीबी का

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World Day Against Child Labour Essay in Hindi

World Day Against Child Labour Essay in Hindi : चाहे हम आज की इस दुनिया में कितनी की ढकोसले बाज़ी क्यूँ ना कर ले हम सब ये चीज़ मानते हैं की अक्सर जो लोग दुनिया के सामने अच्छाई का नकाब पहने रखते हैं वो सिर्फ उनका दिखावा होता हैं. कितनी दिल को चीरने को आती हैं वो खबरे जब हम आये दिन अखबारों में, टीवी की खबरों में पढ़ते हैं की फलाना संस्था के रक्षक बन गए भक्षक.

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World Day Against Child Labour Essay in Hindi

World Day Against Child Labour Essay in Hindi : बचपन इतना मासूम होता है की उसे शुरुवात में इस चीज़ का भी ज्ञान नहीं होता की उसके पेट में दर्द क्यूँ हो रहा हैं ये बात उसे तब समझ में आती हैं जब बड़ा हो जाता हैं और इसी अनुभव में जी कर उसे समझ आता हैं की ज़िन्दगी जीनी हैं तो इसी दर्द से लड़कर कुछ करना होगा जिससे वो अपने साथ वालो का और अपना पेट का दर्द या कहूँ तो भूख को खत्म कर सके.

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World Day Against Child Labour Essay in Hindi

World Day Against Child Labour Essay in Hindi : इनमे से कुछ बदकिस्मत तो वो होते हैं जो इस दर्द के साथ खुद को ही मिटा देते हैं क्यूंकि इतनी गरीबी में लड़ना किसी को शौक तो ज़ाहिर सी बात हैं होगा नहीं और कुछ वो ऐसे भी होते हैं जो लड़ने की हिम्मत तो रखते हैं लेकिन बीमारी का राक्षस उनका हौंसला तोड़ कर उन्हें कमज़ोर बना कर अपने आगोश में लेना चाहता हैं और कभी कभी वो जीत भी जाता हैं.

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World Day Against Child Labour Essay in Hindi
World Day Against Child Labour Essay in Hindi : तेज धूप हो या भारी बरसात इन गरीब बच्चो की सडके परवाह नही करती मौसम के मार की हमको उन सबको देख कर लगता है कि पैसे ने अपनी ताकत से सबकुछ खरीद लिया है बस रह गया है तो वो बचपन जो आज भी अपनी जिन्दगी की कहानी ढूँढ रहा है
जब गन्दगी मे रहना उनकी मजबूरी बन जाती है तो इसे वो जिन्दगी का एक हिस्सा बना लेते है।

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