छोटा बच्चा और सेब का पेड़
The Boy and the Apple Tree : Short Stories in Hindi
Short Stories in Hindi : एक समय की बात है, एक गाँव में एक किसान रहता था. उसका घर जंगल के पीछे था. उसके पास एक बड़ा सा बगीचा था जिसमे कई पेड़ पौधे और प्यारे प्यारे फूल थे.उन सब में एक बहुत पुराना पेड़ था सेब का. जब किसान एक छोटा बच्चा था तब वह सेब के पेड़ पर खूब खेलता था. हालाँकि अब उस बड़े से सेब के पेड़ ने कई समय से फल देना बंद कर दिया था.
अपने समय मे उस पेड़ ने उस किसान को कई सेब दिए, उसमे काफ़ी स्वादिष्ट और बड़े सेब हुआ करते थे. पर अब किसान को लगने लगा की वो पेड़ अब किसी काम का नही है. इसलिए उसने decide किया की वह उस पेड़ को काट देगा और उसकी लकड़ियों का नया furniture बनाएगा. क्यूंकी पेड़ बहुत ही बड़ा और पुराना था, इसलिए उसका furniture भी बढ़िया ही होना था. लेकिन किसान यह भूल गया की उसने अपना पूरा बचपन इस पेड़ पर चढ़ते हुए, इसके साथ खेलते हुए और इसके बढ़िया सेब ख़ाके गुजारी है.
सेब के पेड़ में कई तरह के पशु पक्षी निवास करते थे. गिलहरियाँ, कबूतर और कई तरह के पक्षी और कीड़ों का घर था. जब उस लड़का ने, जो की अब एक नवयुवक किसान बन गया था, कुल्हाड़ी उठाई और पेड़ को काटना शुरू किया, तब सारे छोटे जानवर भागते हुए बाहर आ गये.
सब मिलकर किसान से विनती करने लग गये, लेकिन वह पेड़ को नीचे गिराने के लिए लगातार कुल्हाड़ी चला रहा था. सारी भीड़ उस किसान के आस पास जमा हो गयी और कहा, “प्लीज़, पेड़ को मत काटिए. हम सब इस पेड़ के नीचे एक छोटे बच्चे के साथ खेलते थे. यह हमारा घर है और हमारे पास रहने के लिए कोई दूसरा ठिकाना नही है.”
लेकिन किसान ने उनकी एक ना सुनी और वह कुल्हाड़ी चलाता रहा.
इस बीच गिलहेरी ने कहा, “प्लीज़ पेड़ मत काटिए, वरना हमारा घर तबाह हो जाएगा और हमारे छोटे छोटे बच्चों का क्या होगा?” छोटे पक्षी बोले, “प्लीज़, इस पेड़ को मत काटिए वरना हमारे घोंसले तबाह हो जाएँगे.” “प्लीज़ इस सेब के पेड़ को मत काटिए.” टिड्डे ने कहा.
वह किसान, हालाँकि अपना बचपन भूल चुका था और ये भी की उसके बचपन में कौन दोस्त थे. उसने फिर से कुल्हाड़ी को और तेज़ी से चलाना शुरू कर दिया. सब पशु पक्षी किसी भी कीमत पे अपने घर को बचाना चाहते थे.
छोटे प्राणियों ने बोला, “जब तुम मैदान मे काम करते करते थक जाओगे तब हम तुम्हारे लिए गाना गाएँगे. हम तुम्हारे छोटे बच्चे की देखभाल करेंगे. वह रोएगा नही बल्कि वह और भी ज़्यादा खुश रहेगा और हम उसका मनोरंजन भी करेंगे. तुम्हे हमारे गाने अच्छे लगेंगे और तुम अपनी थकान भूल जाओगे.” लेकिन उनका यह सब बोलना भी व्यर्थ गया. किसान ने सब कुछ अनसुना करते हुए पेड़ को नीचे गिराने का अपना काम जारी रखा.
अचानक उसने कुछ चमकती हुई चीज़ notice की. नीरक्षण करने के उसे पता लगा की वह मधुमक्खी का छत्ता था जो की पूरा शहद से भरा हुआ था. उसने थोड़ा सा शहद हाथ पे लिया और उसे टेस्ट किया. उस शहद के स्वाद ने उसके अंदर के छोटे बच्चे को जगा दिया. अचानक से उसे अपने बचपन के दिनो की सारी बाते याद आ गयी. शहद का स्वाद इतना अच्छा था की वह और लेना चाहता था. इसकी वजह से उसके अंदर एक खुशी महसूस हुई. वह मुस्कुराया और कहा, ” इसका स्वाद बहुत बढ़िया है.”
किसान के attitude में बदलाव देखकर सबने एक एक करके कहा. मधुमक्खी बोली, ” मैं तुम्हे हमेशा बढ़िया शहद दूँगी.” गिलहेरी बोली, “मैं तुम्हारे साथ अपना खाना share करूँगा.” पक्षी बोले, “हम तुम्हारे लिए ढेर सारे गाने गाएँगे.”
आख़िरकार, किसान को अपनी ग़लती का एहेसास हुआ. उसने अपनी कुल्हाड़ी नीचे रख दी. वह समझ गया की ये पेड़ ना सिर्फ़ फल देने वाला है बल्कि कई पशु पक्षियों का घर भी है जो की हमे और भी बहुत कुछ देता है. वह दुबारा अपने छोटे बच्चे के रूप में खुद को महसूस कर रहा था.
उसके अंदर के छोटे बच्चे ने सेब के पेड़ को कटने से बचा लिया.
उसने अपनी कुल्हाड़ी दूर फेंक दी और छोटे प्राणियों से कहा, “मैं वादा करता हूँ की मैं इस पेड़ को नही काटने वाला. मुझे अपनी ग़लती का एहसास हो गया है और अबसे आप सब यहाँ खुशी और शांति से रह सकते है. यह आप सब का घर है.”
सभी जानवरों ने मधुमक्खी का धन्यवाद किया. अगर किसान उस मधुमक्खी के छत्ते को नहीं देखता तो आज सब बेघर हो जाते.
Moral of the Story : हमें किसी चीज़ की कीमत तब तक नहीं पता चलती जब तक हम उसे खो नही देते.
बहुत ही उम्दा …. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति …. Thanks for sharing this!! 🙂 🙂
Very very nice story
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