चींटी और टिड्डा
The Ant and the Grasshopper : Moral Stories in Hindi
Moral Stories in Hindi : गर्मी के दिन थे. एक जगह एक मैदान मे एक टिड्डा यहाँ वहाँ कूद रहा था और फुदाक रहा था और काफ़ी चहक रहा था. वह बहुत मस्ती में था और गाना गाते हुए आगे बढ़ रहा था. अचानक एक चींटी उसके सामने से गुज़री. उसने देखा की वो चींटी एक मक्के के दाने को लुढ़काते हुए ले जा रही है और उसे अपने घर में ले जाने का प्रयास कर रही है.
यह देखकर टिड्डा बोला, “तुम क्यूँ ना मेरे पास आओ और मुझसे बात करो बजाए इतनी मेहनत और कठिन कार्य करने के.” चींटी ने कहा, “में Winter(ठंड) के लिए खाना जमा कर रही हू और में तुम्हे भी यहीं सलाह दूँगी की तुम भी खाना जमा कर लो” टिड्डी ने कहा, “Winter को आने मे तो अभी काफ़ी समय है. उसकी चिंता अभी से क्यूँ करनी.मेरे पास अभी के लिए पर्याप्त खाना है.”
चींटी वहाँ से चली गई और उसने अपना काम जारी रखा. टिड्डा हर दिन उस चींटी को खाना जमा करते हुए देखता पर उसने खुद अपने लिए काम करने की नही सोची. आख़िरकार Winter के दिन आ ही गये.टिड्डा तब भूख से बेहाल हो गया और दाने दाने का मोहताज हो गया, इसके उलट चींटी के पास खाने का भंडार था जो उसने गर्मी के सीज़न में अपने लिए जमा किए हुए थे. वह अपने घर मे आराम से जमा किए हुए खाने से समय बिताने लगी.
यह देखकर टिड्डे को भी अपनी ग़लती का एहसास हुआ और सोचने लगा की अगर उसने भी समय रहते अपने लिए खाना जमा कर लिया होता तो उसे आज दाने दाने का मोहताज नहीं होना पड़ता.
Moral of the Story : आज जो कार्य करोगे उसका लाभ तुम्हे कल के दिन अवश्य मिलेगा.
Nice story used as my assignment
It helped me in my daughters project. Thank you very much.
welcome sunipa ji 🙂
It is good. And helped me in my daughters project
happy to hear that anusha ji 🙂