शत्रु को आश्रय देने का परिणाम | Shatru Ko Ashray Dene Ka Parinam

शत्रु को आश्रय देने का परिणाम | Shatru Ko Ashray Dene Ka Parinam : एक राजा का अत्यंत मनोहर शयनगृह था। वहां राजा के वस्त्रों में दो स्वच्छ वस्त्रों की सीवन के बीच मंद विसर्पिणी नाग कि एक यूका (जूं) रहती थी. राजा का खून पीती हुई वो बड़े आनंद से अपना समय व्यतीत कर रही थी एक दिन कहीं से घूमता-घामता अग्निमुख नाम का एक खटमल वहां आ पहुंचा। उसको देखकर जू बड़े खेद-भाव में बोली-‘अरे अग्निमुख ! तुम कहां से इस स्थान में आ गए ? इससे पहले कि कोई तुम्हें देखे, तुम यहां से तुरंत भाग जाओ।”

Also Check : True Horror Stories in Hindi


शत्रु को आश्रय देने का परिणाम | Shatru Ko Ashray Dene Ka Parinam : खटमल बोला-तुम्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए। घर में आए हुए मेहमान को तो कोई भी नहीं दुकारता, भले ही वह कितना ही दुष्ट क्यों न हो। कहा भी गया
है कि अभ्यागत के रूप में यदि कोई नीचजन भी आ जाए, तो सज्जन व्यक्ति का यह कर्तव्य होता है कि उसे प्रेमभाव से उचित मान-सम्मान के साथ आदर भाव दे। धर्मशास्त्रों में भी ऐसा ही कहा गया है। ”
‘धर्मग्रंथों की बात तो ठीक हो सकती है, जू बोली-किंतु मैं तो जब राजा सो जाता है तब धीरे से उसका रक्त चूसती हूं। तुम तो अग्निमुख हो और स्वभाव से ही चपल हो। यदि स्वयं पर नियंत्रण रख सको तो बात दूसरी है, अन्यथा यहां से तुरंत भाग जाओ।”

Also Check : Hindi Short Love Stories

शत्रु को आश्रय देने का परिणाम | Shatru Ko Ashray Dene Ka Parinam : खटमल बोला-‘तुम जैसा कहोगी, मैं वैसा ही करूंगा। मैं अपने देवता और गुरुकी सौगंध खाकर कहता हूं कि जब तक तुम राजा के रक्त का आस्वादन कर तृत नहीं हो जाओगी और मुझको आज्ञा नहीं दोगी, तब तक मैं शांत बैठा रहूंगा।’ पर खटमल तो खटमल ही होता है, उसमें धैर्य कहां ? राजा के लेटने पर कुछ क्षण तो वह उसके सोने की प्रतीक्षा करता रहा, किंतु जब अधिक प्रतीक्षा करना उसके लिए असह्य हो गया तो उसने राजा का रक्त चूसना आरंभ कर दिया। किसी के स्वभाव की उपदेश द्वारा तो बदला नहीं जा सकता|

Also Check : Religious Messages in Hindi

शत्रु को आश्रय देने का परिणाम | Shatru Ko Ashray Dene Ka Parinam :  जल को चाहे कितना ही खौला लिया जाए, आग से उतरने के कुछ समय बाद वह ठंडा हो ही जाता है। बस, ज्योंही खटमल ने दंश मारा, राजा तिलमिलाकर उठ बैठा। उसने अपने सेवकों से कहा-‘देखो, इस बिस्तर में कहीं कोई खटमल तो नहीं छिपा है ?’ राजा के उठते ही खटमल तो चारपाई की किसी संधि में जा छिपा, और जब सेवकों ने ध्यान से बिस्तर को देखना आरंभ किया तो मंद विसर्पिणी नामक वह जू दिखाई दे गई। बस फिर क्या था एक सेवक ने उसे पकड़ा और मसलकर मार दिया। यह कथा सुनाकर दमनक ने कहा-‘इसलिए मैं कहता हूं कि जिस व्यक्ति के स्वभाव की जानकारी न हो, उसे आश्रय नहीं देना चाहिए। क्योंकि जो व्यक्ति सम्पन्न कर देता है, वह मूर्ख चंडख की तरह कटकर मृत्यु को प्राप्त होता है।’ पिंगलक ने पूछा-‘‘यह चंडख की क्या कथा है ?’ दमनक बोला – ‘सुनो, सुनाता हूं।’

Also Check : Personality Development Tips for Students

Share
Published by
Hind Patrika

Recent Posts

Go2win रिव्यु गाइड, बोनस और डिटेल्स | 2024 | Hind Patrika

Go2Win - भारतीय दर्शकों के लिए स्पोर्ट्सबुक और कैसीनो का नया विकल्प आज के दौर…

3 months ago

Ole777 रिव्यु गाइड, बोनस और डिटेल्स | 2023

Ole777 समीक्षा  Ole777 एक क्रिप्टो वेबसाइट  (crypto gambling website) है जिसे 2009 में लॉन्च किया…

2 years ago

मोटापा कैसे कम करें- 6 आसान तरीके – 6 Simple Ways for Weight Loss

मोटापे से छुटकारा किसे नहीं चाहिए? हर कोई अपने पेट की चर्बी से छुटकारा पाना…

2 years ago

दशहरा पर निबंध | Dussehra in Hindi | Essay On Dussehra in Hindi

दशहरा पर निबंध | Essay On Dussehra in Hindi Essay On Dussehra in Hindi : हमारे…

3 years ago

दिवाली पर निबंध | Deepawali in Hindi | Hindi Essay On Diwali

दिवाली पर निबंध  Hindi Essay On Diwali Diwali Essay in Hindi : हमारा समाज तयोहारों…

3 years ago

VBET 10 रिव्यु गाइड, बोनस और डिटेल्स | जनवरी 2022 | Hind Patrika

VBET एक ऑनलाइन कैसीनो और बैटिंग वेबसाइट है। यह वेबसाइट हाल में ही भारत में लांच…

3 years ago