Sangat ka asar संगत का असर
Sangat ka asar | Akbar Birbal Stories in Hindi : एक शाम अकबर व बीरबल शाही बगीचे में प्रसन्नतापूर्वक टहल रहे थे। बीरबल ने बादशाह अकबर से टिप्पणी करते हुए कुछ कहा, जो बादशाह को पसंद नहीं आया। परंतु बीरबल ने इस पर ध्यान नहीं दिया। वह अप्रत्यक्ष रूप से बादशाह के साथ मजाक करता रहा। कुछ समय बाद जब बादशाह अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं रख पाए, तो वह चिल्लाते हुए बोले, ” बीरबल, अपने बादशाह की शान में इस प्रकार कहने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? यह सच है कि मैं तुम्हारी बुद्धिमत्ता से प्रभावित होता हूँ, परंतु मैं यह देख रहा हूँ कि तुम अपनी सीमाओं को पार कर रहे हो। मैं यह भी देख रहा हूँकि तुम्हारा व्यवहार असभ्य होता जा रहा है। तुम्हारी भाषा मजाक और अशिष्टता की सीमा को पार कर रही है।” बादशाह को क्रोधित हुआ देखकर हमेशा की तरह अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हुए बीरबल बादशाह अकबर के सामने झुका और बोला, “महाराज, यह मेरी गलती नहीं है, यह सब मेरी संगति का असर है। आपके साथी आपके व्यवहार को प्रभावित करते हैं।” यह सुनकर बादशाह ठहाका मारकर हँसे। वे जानते थे कि बीरबल अपना सर्वाधिक समय स्वयं बादशाह के साथ ही बिताता है। इस प्रकार बीरबल ने एक बार फिर अपनी बुद्धिमत्ता से बादशाह को प्रभावित कर दिया।
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