राज और परिवार Raj and Family

Raj and Family : Inspirational Stories in Hindi

Raj and Family

Inspirational Stories in Hindi : राज तकरीबन 35 वर्ष का आदमी था. हालाँकि वह एक ग़रीब परिवार मे पैदा हुआ था.फिर भी उसके माता पिता ने उसका अच्छे से लालन पालन किया. उसके पापा एक वेलडिंग की दुकान चलाते थे और हर दिन 12 घंटे तक काम करते रहते थे जिससे की उसका परिवार एक सही जिंदगी जी सके.

 

हालाँकि राज के पिता इतना नही कमा पाते थे की उनके परिवार को एक बेहतर ज़िंदगी दे सके, पर जितना भी कमाते थे उसमे उनके परिवार का गुज़ारा सही से चलता था. राज एक average स्टूडेंट था स्कूल मे. वह 70% तक मार्क्स लाता था. राज का सपना एक डॉक्टर बनने का था.लेकिन वह अपना मनपसंद कोर्स नही कर पाया क्यूंकी उसके मार्क्स बहुत ज़्यादा नही थे. उसने उसके बजाय bachelor’s डिग्री का कोर्स कर लिया और उस कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा भी किया और आख़िरकार उसे एक कंपनी में जॉब भी मिल गयी.

 

उसकी लाइफ चलती रही और कोई ख़ास बदलाव नही आया. उसके पिता ने वेलडिंग का काम जारी रखा जिससे की उन्हे राज पर depend ना रहना पड़े. Permenant जॉब लगने के बाद राज के माँ – बाप ने उसकी शादी करा दी. जिस लड़की से राज की शादी हुई वह उन्ही के शहर की लड़की थी, और इसी के साथ साथ राज को भी प्रमोशन मिल गया. कुछ सालों बाद उसकी पत्नी ने एक प्यारे से बचे को जन्म दिया.

 

बाद में राज को अच्छी salary मिलने लगी और उसने अच्छा पैसा कमाना शुरू कर दिया. उसने एक नया घर खरीदा और एक नयी गाड़ी भी ली. उसने काफ़ी सारे ऐसे ऐशो आराम के सामान लिए जिसकी ज़रूरत नही थी. उसने एक नयी कार खरीदी जबकि उसकी कंपनी ने पहले ही उसे एक कार दे रखी थी.

 

6-7 साअल तक ऐशो आराम की जिंदगी बिताने के बाद, राज घर की सारी ज़रूरतों को उठाने मे दिक्कत महसूस करने लगा, और अपने बच्चे की बेसिक ज़रूरतों और उसकी पढ़ाई के लिए भी पैसों की कमी पड़ने लगी.

 

उसके पिता बीमार पड़ गये जिसके कारण वह अपनी दुकान में काम जारी नही रख पाए. उन्होने राज से अपने इलाज के लिए और घर के खर्चों के लिए पैसे माँगे.

 

राज जो की खुद पैसों की तंगी से गुजर रहा था, अपने paretns पे चिल्लाया और कहा की उसके पास मदद करने के लिए पैसे नही है.

 

उसने अपने parents से शिकायत की, “आपने कभी मुझे बड़े स्कूल नही भेजा. कभी महेंगे कपड़े लाकर नही दिए. आपने बहुत ही कम मुझे मेरा पसंदीदा भोजन खिलाया, ना ही मैं अलग अलग खानो का ज़ायक़ा ले पाया.जब मेरे मार्क्स कम आए आपने मुझे private coaching नही दिलवाई, और मुझे पूरे 10 साल लग गये settle होने में. अब जब मैं पैसों की तंगी से जूझ रहा हू आपने मेरी मदद नहीं की उपर से आप मुझ पर बोझ बन गये. इसलिए, प्लीज़ मेरे पास वापस मत आना कभी.”

 

यह सब सुनकर उसके parents को बहुत दुख हुआ और वे वहाँ से चले गये.

 

एक हफ्ते बाद, राज एक official tour पे था, वह एक 10 साल के लड़के से मिला जो की खिलौने बेच रहा था. लड़के ने राज से कुछ खरीदने के लिए अनुरोध किया. राज ने उससे पूछा की वह अभी पढ़ाई करने के बजाय खिलौने क्यूँ बेच रहा है. बच्चे ने जवाब दिया, “मेरे पिता ने एक दुर्घटना मे अपना एक हाथ गवां दिया, अब वह काम नही कर सकते. मेरी माँ कुछ घरों मे नौकरानी का काम करती है. मैं अपने माता पिता की मदद ये खिलौने बेच के कर रहा हू. मैं सुबह स्कूल जाता हूँ और शाम को खिलौने बेचता हूँ. मैं दिन मे 3 घंटा काम करता हूँ और रात को पढ़ाई करता हूँ.”

 

राज ने उससे कुछ खिलौने खरीद लिए. उसकी बातों का उसपर गहरा असर पड़ा और वह समझ गया की जब उसके माता पिता को उसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी तभी उसने उन्हे अपने से दूर कर दिया. उसके माँ बाप ने उसके लिए जाने क्या क्या किया पर उसने कभी अपने माता पिता की इज़्ज़त नही की उल्टा उन्हे नीचा ही दिखाया. उसने इस छोटे से बच्चे से जिंदगी का एक बड़ा सबक सिख लिया था. आज वह एक अलग इंसान बनके लौट रहा था.

 

वह छोटा बच्चा इतनी छोटी सी उमर में अपने माता पिता की मदद कर रहा था जबकि राज ने अपने माता पिता की मदद करना तो दूर इज़्ज़त भी नही की.

 

So हम क्या सीख सकते है राज से और इस छोटे से बच्चे से ?

 

Moral of the Story : किसी की इज़्ज़त करना उसका सम्मान करना प्यार का आधार है और ये हमारी ज़िम्मेदारी है की हम अपने parents की देखभाल करे जब हम इसके काबिल हो जायें.

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Hind Patrika

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