Mature Love Story in Hindi | फर्क सीखे (प्रेम कहानी)
Mature Love Story in Hindi | फर्क सीखे (प्रेम कहानी) : “सिर्फ नारियल की चटनी। तुम्हें पता है ना, माँ डोसे के साथ हमेशा दही देती हैं।” शिव ने रेनू को बताया।
रेनू जवाब देना चाहती थी। लेकिन, उसके ससुर खाने की मेज पर बैठे थे। तो, उसने खुद को शांत रखा और और वहां से चली गयी।
इस घटना को देखते हुए, शिव के पिता ने उसे बताया, “तुम्हे एक बात बताऊ शिव, मेरी पत्नी ने कभी मेरे लिए नारियल चटनी नहीं बनाई।”
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“क्या? लेकिन माँ तो हमेशा…” शिव चौंकते हुवे अपनी बात पूरी कर ही रहा था कि, लेकिन उसके पिता ने उसे यह कहते हुए ही बीच में रोक दिया, “बिल्कुल! वह तुम्हारी माँ थी और तुम्हारी माँ ने वो सिर्फ तुम्हारे लिए किया था। तुम्हें पता है, हम पुरुष अक्सर मां की देखभाल की तुलना अपनी पत्नी की देखभाल से करते हैं। यही जो है हम गलत कर रहे हैं! ” शिव के पिता ने उसे समझाया।
“ठीक है, मेरे प्यारे पापा, अगर आपको यह पता था तो आप कई मौकों पर मेरी माँ की तुलना अपनी माँ से क्यूँ करते थे।” शिव ने सवाल उठाया।
“क्योंकि, मैंने छोटी सी उम्र में अपने पिता को खो दिया था इसलिए, मेरे पास कभी मेरे पिता नहीं थे जो मुझे इसके बारे में बता सके।” शिव के पिता ने उसे मुस्कुराते हुवे उसे समझाया और वहां से चले गए।
इसी बीच, रेनू लौट आई और शिव को मीठा दही देकर कहा, “ज्यादा मत खाओ। आप पहले ही ठंड से जुखाम लग रखा हैं।”
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शिव ने अपनी गलती को महसूस की। बाद में, बेडरूम में, उसने रेनू से माफ़ी भी मांगी, लेकिन फिर भी उसे रेनू को मनाने में दो घंटे लग गए। आखिरकार, वह एक पत्नी ही थी।
उस रात, खाने की मेज से बेडरूम तक, शिव संबंधों के विभिन्न स्वादों को समझ गया था।
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