Mahavir’s Incredible Lesson For Life in Hindi
Mahavir’s Incredible Lesson For Life in Hindi : मुझे ऐसा कोई रास्ता खोजना हैं जिस रास्ते पर चलने से किसी को दुःख ना हो, तकलीफ ना हो, वेदना ना हो, किसी ने कहा आप अपनी पत्नी और बेटी को छोड़ कर जा रहे हो दो को तो दुखी कर के जा रहे हो तो किसी को दुखी कर के आप सुखी होने के रास्ते पर जा रहे हो. महावीर ने कहा मै दो का दुःख नहीं दुनिया का दुःख देख रहा हूँ दो का दुःख की अनंत का दुःख मुझे क्या देखना चाहिए. दो को दुःख हो जाए वो देखना चाहिए की अनंत को दुःख हो रहा हैं वो देखना चाहिए. महावीर को फिर किसी ने कहा की उनके प्रति आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती तो महावीर ने कहा पुरे संसार की जिम्मेदारी मेरी हैं. मैं तो पुरे विश्व के लोगो को सुखी करना चाहता हूँ, किसी एक दो को सुखी करना वो तो स्वार्थ हैं. क्यूंकि वो मुझे मुझे सुखी कर रहे हैं ना इसलिए मैं उन्हें सुखी कर रहा हूँ. जिस दिन वो मुझे सुखी करना बंद कर दे उस दिन मैं भी उन्हें सुखी करना बंद कर दूंगा. ये तो स्वार्थ हैं. शादीशुदा ज़िन्दगी में क्या होता हैं. जब तक वो तेरी तब तक तू उसका रहेगा. जिस दिन मालुम पड़ा उसके लिए कोई हैं तो क्या हो जाएगा. झगड़ा शुरू हो जाएगा, परेशानियां शुरू हो जाएंगी इसलिए दुनिया में हम उसी को सुख दे रहे हैं जिसने मुझे कही न कही सुखी किया हो. जो सुखी करता हैं उसे सुखी करना. ये स्वार्थ नहीं हैं क्या? हम क्यूँ अपना ये जीवन व्यर्थ स्वार्थ में बिता कर खुद को कही न कही कष्ट पहुंचाते हैं और अपने आप को पाप का भोगी बनाते हैं. यदि किसी का कुछ अच्छा करना ही हैं तो केवल उनका ही क्यूँ जिनसे आपका कुछ न कुछ स्वार्थ जुड़ा हैं भला करना ही हैं तो विश्व का करो. हर भाई बंधु लका करो. और ये सब बाते कह कर महावीर ने अंत में कहा कि मैं तो सबको सुखी करना चाहता हूँ किसी एक को नहीं.
Also Check :Bhagwan ka naay भगवान का न्याय