Love Shayari

बेहतरीन Love Shayari का कलेक्शन

चाहे वो इंसान की पहनपने के पहले कुछ क्षण हो या आज की यह इकीसवीं सदी, इंसान हमेशा से ही प्यार के माध्यम से ही दूसरे इंसान से जुड़ा हुआ है। हम आज भी अपने प्रेमी से अपनी दिल की बात बड़े सहज ढंग से कहना चाहते है, हर इंसान यह चाहता है की उसका साथी को पता चले की वह उससे कितना प्रेम करता हैं। खैर कुछ लोग कहते है की प्रेम की कोई भाषा नहीं होती और प्रेम को मापा नहीं जा सकता लेकिन फिर भी इंसान हज़ार कोशिश करता है अपने साथी को अपने प्रेम के बारे में बताने के लिए। हम भी इस पोस्ट में आपके प्यार को बयां करने के लिए बहुत सारे Love Shayari लेकर आए है। जिन्हे पढ़ कर अपना मन खुशी से झूम उठेगा और वह आपकी प्यार की वैथा या आपके प्रेम के बारे में आपके साथी को बता पाएंगे। तो लीजिये कुछ बेहतरीन Love Shayari

Love Shayari

 

तुम्ही पे मरता है ये दिल, अदावत क्यों नहीं करता….
कई जन्मों से बंदी है……बगावत क्यों नहीं करता… !!

 

इश्क के समंदर में सब डूबना चाहते हैं,
इश्क में लोग कुछ खोते हैं तो कुछ पाते हैं,
इश्क तो एक गुलाब है जो सब तोडना चाहते हैं,
लेकिन हम तो ये गुलाब आपको देना चाहते हसीन |

 

बहुत नायाब हो तुम जिन्हें हम अपना कहते हैं,
चलो तुमको इज़ाजत है कि तुम अनमोल हो जायो !!

 

वो दिल ही क्या जो वफ़ा न करे,
तुझे भूल कर जिए कभी खुदा न करे,
रहेगी तेरी मोहब्बत जिंदगी बन कर,
वो बात और है जिंदगी वफ़ा न करे।

 

हर रोज़ हर वक़्त तेरा ही ख़याल
न जाने किस क़र्ज़ की किश्त हो तुम…

 

सूखे पत्तो से प्यार कर लेंगे हम,
खुद पर फिर से ऐतबार कर लेंगे हम,
सिर्फ एक बार कह दो तुम मेरे हो सनम,
कसम से तेरा जिंदगी भर इंतज़ार कर लेंगे हम

आदत न डालो मुझे पढ़ने की…
या तो ऊब जाओगे या फिर डूब जाओगे…

 

नजरो से क्यों जलाती हो आग चाहत की,
जलाकर क्यों बुझाती हो आग चाहत की,
सर्द रातों में भी कराती हो तपन का एहसास,
हवा देकर क्यों बढ़ाती हो आग चाहत की।

 

अगर कभी उदास हो जाओ तो मेरे हँसी मांग लेना,
अगर कभी कोई गम आपके पास आये तो मेरी ख़ुशी मांग लेना,
खुदा आपको लम्बी उम्र दे जीने के लिए,
अगर एक पल भी कम पड़े तो मेरी
मेरी जिंदगी मांग लेना।

 

आँखों के सामने हमने हर पल आपको ही पाया है,
हमने तो हर पल इस दिल में बस आपको ही बसाया है,
हम आपके बिना जिए भी तो कैसे,
क्या कोई अपनी जान के बिना भी जी पाया है।

इश्क तो बेपनाह हुआ कसम से,
गलती बस ये हुई कि हुआ तुमसे !!!

 

एहसास के दामन में आंसू गिरा कर देखो,
प्यार कितना है कभी हमे आज़मा कर देखो,
बिछड़ कर तुमसे क्या होगी दिल की हालत,
कभी किसी आईने पर पत्थर गिरा कर देखो।

दाँतो तले उँगलियाँ दबा के तेरी बातें सौ बार पढ़ी हमने …
कितने ही जुगनू आये गएँ तुझसे ना नज़र हटा पाएं हम!!!

 

हर एक हसीन चहरे में गुमान उसका था,
वस सका न इस दिल कोई क्योंकि ये मकान उसका था,
मिट गया हर एक गम मेरे दिल से,
लेकिन जो मिट न सका मेरे दिल से वो नाम उसका था।

 

मेरे इश्क़ के तरीके बेहद जुदा हैं.. औरों से,
मुझे तन्हा होने पर भी इश्क़ करना आता है.. तुमसे !!

 

मोहब्बत की शमा जला कर तो देखो,
ये दिलो की दुनिया सज़ा कर तो देखो,
तुझे हो न जाए मोहब्बत तो कहना,
ज़रा हमसे नजरे मिला कर देखो।

 

नज़र, नमाज़, नज़रिया
सब कुछ बदल गया
तुझसे इश्क़ क्या हुआ
मेरा खुदा ही बदल गया…!

 

अपनी मोहब्बत से सजाना है तुझको,
कितनी चाहत है तुझसे ये बताना है तुझको,
राहों में तेरी बिछाकर मोहब्बत अपनी,
इश्क के सफर पर ले जाना है तुझको।

 

ले जाओ ना इस टूटी छतरी को …
मुहोब्बत की बारिश में आधा आधा भीगेंगे …

 

तुझ पर एतवार करना हैं,
दिल जान से प्यार करना है,
मेरी ख्वाइश ज्यादा नही बस इतनी हैं,
तुझे हर लम्हे में अपना बना कर रखना है।

 

??ये #चाय की #मोहब्बत.
तुम क्या #जानो जनाब.!!??
हर #घूंट मे बस..
#तुम को ही #याद करते है??

 

किसी मोड़ पर उसका दीदार हो जाये,
काश उसे भी मुझ पर एतवार हो जाये,
उसकी पलके झुकें और इकरार हो जाये,
काश उसे भी मुझ से प्यार हो जाये।

बहुत हुई कडवाहट ….अब अल्पविराम दो
मीठा कर लो मुँह …….मुस्कुराहट इनाम दो

 

चुपके से आकर मेरे दिल में उतर जाते हो,
सांसो में मेरी खुशबू बन कर बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोतें जागते अब तो तुम ही तुम नज़र आते हो।

 

जिक्र करता है ये दिल सुबह शाम तेरा,
बहते हैं आँसू और बनता है नाम तेरा,
किसी और को क्यों देखे ये आँखे मेरी,
जब दिल पर लिखा है मेरे नाम तेरा।

 

खुदा कसम ना खुश हूँ ना उदास हूँ
मैं जिसकी याद में गुम हूँ उसी के पास हूँ…….!!

 

?”तुम जो कहना चाहो कहो,
ये हक भी है तुम्हारा…..
हम तो यही कहेंगे की
“दिल” तुम पे हमने है “हारा”!!..?

 

अभी मशरूफ हूँ काफी,कभी फुर्सत से सोचूँगी,
कि तुझको याद रखने में,मैं क्या क्या भूल जाती हूँ….!!

 

तेरे “भींगे होंठो” को देखा तो एक बात उठी जहन में..
वो लफ्ज़ कितने नशीले होंगे,जो इनसे होकर गुजरते हैं?

 

बिन तेरे #महफ़िल अधुरी लगती है,
#बिन तेरे ये ज़िन्दगी #अधुरी लगती है!
#इंतज़ार है तेरा कब से इस #दिल को,
बिन तेरे हर #धड़कन अधुरी #लगती हैं!.
दिल से..

पिघल पड़ा चूमने से तेरे बर्फ की तरह
बड़े दिनों बाद धुप खिली थी मुझपर

 

इजाजत हो तो जुबा खोल दू।
इश्क़ हैं तुमसे तुम्हें बोल दू।
खबर जाननी हैं मेरे जज्बात की
अखबार हू कहो तो खोल दू।

 

करीब ना होकर भी, हमेशा करीब पाओगें .. हमें ।
मैं वो, अहसास हूँ, जो सदा दिल मैं उतर जाता हूँ।।

 

गिला नही है कि तुम… मुझको समझ न सके,
शिकायत खुद से है कि जिन्दगी तेरे नाम कर दी…!!

 

वो मुझे एक बार मिली थी
न जाने कौन सी गाथा खिली थी
इश्क़ का जूनून सवार था
हम दोनों का बेडा पार था

 

है न मेरा ख्वाब खूबसूरत
जब भी तुम्हे देखा अपने साथ देखा

 

अगस्त में जो होगी वो बारिश हो तुम
मेरे प्यार के एक लोते वारिश हो तुम

 

मिल जाये अगर तेरे
साथ जीने के कुछ पल
बाकि की ज़िन्दगी मैं
अपनी खैरात करदु।

 

तकिये के निचे दबा
रखे है तुम्हारे ख्याल
एक तस्वीर बेपनह इश्क़ और
बहुत सारे सवाल

 

क्यों एक दिल दूसरे दिल की
खबर न हो
व दर्द ए इश्क़ ही क्या जो
इधर हो और उधर न हो

 

दूर रह कर भी हर रोज़
मुलकात में हूँ
मैं बड़े सुकून से तुम्हारे
ख्यालो में हूँ

 

मेरी ही तरह, मुझे वो भी बहुत उदास लगता है..
कोई रिश्ता तो नही उससे,,,
फिर भी वो बहुत खास लगता है..!!

 

चलो आज खामोश प्यार को
इक नाम दे दें,
अपनी मुहब्बत को
इक प्यारा अंज़ाम दे दें,
इससे पहले कहीं 
रूठ न जाएँ मौसम अपने,
धड़कते हुए अरमानों को
एक सुरमई शाम दे दें ।

 

???????
दिल का ये ग़ुरूर भी तेरी वजह से है
ये इश्क का सुरूर भी तेरी वजह से है !!

 

मंजिल मिलने से दोस्ती भुलाई नहीं जातीं ;
????????????
हमसफर मिलने के दोस्ती मिटाई नही जाती !
??????????
दोस्तो की कमी हमेशा रहती है ;
??????????
दूरियों से दोस्ती छुपायें नही जाती !!
????????????

 

बादलों में छुप रहा है चाँद क्यों अपने हुस्न की शोखियों से पूछ लो
चांदनी पड़ी हुई है मंद क्यों अपनी ही किसी अदा से पूछ लो…

 

रुक रुक के आ रही है सांस….कोई बात होने वाली है….
या तो दूर जा चुका है कोई…या मुलाक़ात होने वाली है.!!

 

मुहब्बत ना बना मुझे, तू ना मिला तोअधूरी हो जाऊंगी
अपनी मजबूरी बना, हमेशा के लिये जरूरी हो जाऊंगी

 

भगवान् जब किसी अपने को हमारी जिंदगी से जोड़ना भूल जाता है तब वह उसे दोस्त बना कर हमे उससे जोड़ देता है…….
दोस्ती जिंदगी का सबसे खूबसूरत और अनमोल रिश्ता.

 

उम्र मत पूछो उनकी….
जो इश्क मै ड़ूबे रहते है….
वो हर वक्त जवां रहते है….
जो महबूब की आंखो में खोए रहते है….

जरूरी नहीं है इश्क में बाँहों के सहारे ही मिले,
किसी को जी भर के महसूस करना भी मोहब्बत है !!

 

हमने पुछा कल रात सपने मे क्यू ना आई….??
वो पैरो की मेहंदी दिखा के हँस पड़ी….❤️❤️❤️

 

मन की ये बेचैनियाँ
शब्दो का ये मौन
आँखो की विरानियाँ
तुम बिन समझे कौन ….. ????

 

अब इन निगाहों को कोई और शख्स नहीं है गवारा
मोहब्बत भी तुमसे है और सजदा भी तुम्हारा…

 

कभी कभी इतनी शिद्दत से तुम्हारी याद आती है,
जब पलकों को मिलाती हूँ तो आँखें भीग जाती हैं !!

 

ना धूप का पता चला, ना ही बरसात का
जब होश आया, मेरे हाथ में तेरे हाथ था

 

??. अल्फाज़ तो जमाने के लिए हैं,
तुम आना..तुम्हे धड़कनें सुनानी है ….!!??

 

यूँ ईश्क भी काम, कोई आसान नहीं,
मोहब्बत भी सिर्फ पाने का नाम नहीं!
मुद्दतें बीत जाती हैं ,इजहारे ईश्क में ,
ये सिर्फ पल-दो-पल का काम नहीं!

 

बहुत नायाब हो तुम जिन्हें हम अपना कहते हैं,
चलो तुमको इज़ाजत है कि तुम अनमोल हो जायो !!

 

उसने कहा लफ्जों में ब्याँ करो महौब्बत ,
हमने कहा दायरों के दरम्यान इश्क नहीं करते हम !!

 

हमें न बताइये मुहब्ब्त की तहज़ीब,
एक उम्र सिर्फ दूर से देखा है तुम्हे ❤️????

 

सुबह सुबह की कोमल ओस
जैसे नाज़ुक भीगे होंठ तेरे
ख़ूबसूरत हैं दोनों इतने
कि होश उड़ा देते हैं मेरे

 

ब बरसा सावन……बूंदों की लड़ी छाई है,
आज दिल मचले वो…….बन बैठें हरजाई है,
लग रही है आग कि..सावन भी न बुझाती है,
मेरे प्यासे नैनो में फिर…बरस रही तन्हाई है

 

फिर तेरी याद, फिर तेरी तलब, फिर तेरी बातें..!!
क्यूँ मेरे दिल को तेरे बिना सुकूँ नहीं आता….!!

 

तुम्हें दिल में लिखूँ या किसी पोस्ट में सवांर दूँ आ बैठ मेरे पास मैं तुझे लफ़्ज़ों में उतार दूँ…!
हक़ीकत में तुम मुझे कभी मिलो या ना मिलो ख़्वाबों में तुम्हें सजा के ख़्यालों में प्यार दूँ…!

 

बारिश से कहो की मेरा महबूब ले आए…
मुझे यूँ अकेले भीगना अच्छा नहीं लगता।

 

हुए बदनाम मगर फिर भी
न सुधर पाए हम… ?
फिर वही शायरी.. ?
फिर वही इश्क… ?
फिर वही तुम…?
? ? ? ? ? ?

 

आँखों में नमी थी विटामिन की कमी थी जिससे
रात भर चेटिंग करते रहे वो गर्लफ्रेंड की मम्मी थी..
????☹️

 

इश्क़ में ऐसा इतिहास_रचाऊंगी
मेरा बाबू_भूखा है तो
मैं उसके हिस्से का खाना भी खाऊँगी..???

 

तुम्हें तलाशती इन आंखों को
मैं क्या जवाब दूं ??
ला जवाब है ये रूह
पागल तेरे बगैर.. ❤️????

तुम तक पहुंच ही जाता हैं जितना भी बहलाऊं…
मंजिल अपनी मालूम है इस दिल को…!!!

 

पूजता हूं तुझे ,पीपल की तरह..
प्यार तेरा मेरा, गंगाजल की तरह ❤️????

 

कुछ याद आया तो लिखेगें फिर कभी…
फिलहाल तो रूह बेचैन है तेरी तस्वीर देखकर…!!!
❤❤

 

सुनो ना…!!
तुम जो कहती हो ना..!
ख़ुश रहा करो….!!!
?
तो फिर सुन लो_
हमेशा मुझसे बात किया करो .!!❤❤?

 

??सुनो…निगाहों में कोई भी दूसरा चेहरा नहीं आया???
???भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का…??
❤❤❤❤

 

छोडो यह बहस और तकरार की बातें…
यह बताओं रात ख्वाबों में क्यों नही आये. !???

 

मेरे इस दिल को तुम ही रख लो,
बड़ी फ़िक्र रहती है इसे तुम्हारी..!?❤❤❤

 

तुझे रोज देखू करीब से…?
मेरे शौक भी है अजीब से..❤️

 

तुम वो मेरी स्माइल हो
जिसे देखकर सब घर वाले,
मुझ पर शक करते है।???

 

तो उठा कर देख लो
मेरी आशिकी की किताब का हर पन्ना आज भी हमारी मोहब्बत की पाकिजगी की गवाही देता है ।

 

मेरी रूह की तलब हो तुम
कैसे कहें अलग हो तुम …

 

किताब मेरी
सोच मेरी
कलम भी मेरी
पर जो लिख रही हूँ
वो ख्याल हैं तेरा

 

हम कहाँ चाहते थे तुमको ख़ामख़ा बदनाम करना…❤
वो तो लोग इश्क़ इश्क़ चिल्ला रहे थे और हम तुम्हारा नाम ले बैठे…..??

 

आंखों से आँखे मिला गया कोई,,
दिल की कलियाँ खिला गया कोई..
दिल की धड़कन यूँ बेताब न थी,,
मुझको दीवाना बना गया कोई..

 

तुझको निगाहें नाज़ में जबसे बसा लिया
रातों को जागने का मजा हमने पा लिया
तुझको मै भूल जाऊं ये मुमकिन नहीं कभी
इक साथ जीने मरने का रिश्ता बना लिया

 

मेरा चाहना भी गजब का था
तेरी य़ादे थी और मैं तन्हा था

 

इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना;
दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना।

 

मैं ज़िन्दगी…
गुजा़रना नहीं चाहती….
मैं ज़िन्दगी… जीना चाहती हूँ……..
” तुम्हारे साथ ”

 

इश्क़ को एक #उम्र चाहिए,,,
और उम्र का #ऐतबार नहीं…

 

फिर इश्क का जूनूँ चढ़ रहा है सिर पे,
मयखानों से कह दो दरवाजा खुला रखे…

ये यादे..ये बाते…ये मिजाज क्या है
हो गया इश्क फिर इलाज क्या है..!!

 

सिर्फ #बेचैनियां लिखी जाती हैं दिल की,
लफ्जों से पूरी कहा होती है #कमी सनम तेरी…!!

 

मेरा लहजा मेरी बातें बहुत ही आम है लेकिन,
मैं जज़्बा पाक रखती हूँ मोहब्बत खास रखती हूँ !!!

 

#उफ्फ्फ्फ़….
#कयामत है उनका #इश्क भी
#मोहब्बत भी करना चाहते है…
वो भी #दोस्ती की आड़ मे❤?
??✍??

 

इन बारिश की बूंदो में अपने इश्क़ की मिलावट कर दो …!!
आ जाओ मेरे पास और मोहब्बत की सजावट कर दो…

 

इश्क़ का ख्याल है और ख्याल में है इश्क़..!!
मत पूछ यार किस हाल में है इश्क़………..!!

 

पोछो न अरक रुखसारों से रंगिनिये हुस्न को बढ़ने दो
सुनते हैं कि शबनम के क़तरे फूलों को निखारा करते हैं

 

रोज़ ख़्वाबों में नए रंग भरा करता था
कौन था जो मेरी आँखों में रहा करता था
उँगलियाँ काट के वो अपने लहू से अक्सर
फूल पत्तों पे मेरा नाम लिखा करता था
हाए क़िस्मत कि यही छोड़ के जाने वाला
उम्र भर साथ निबाहेंगे कहा करता था

 

चांद से फूल से या मेरी ज़ुबाँ से सुनिए…
हर जगह आपका क़िस्सा हैं जहाँ से सुनिए…
सबको आता नहीं दुनिया को सजाकर जीना…
ज़िन्दगी क्या है मुहब्बत की ज़बां से सुनिए…
क्या ज़रूरी है कि हर पर्दा उठाया जाए…
मेरे हालात भी अपने ही मकाँ से सुनिए…
मेरी आवाज़ ही पर्दा है मेरे चेहरे का…
मैं हूँ ख़ामोश जहाँ , मुझको वहाँ से सुनिए…
कौन पढ़ सकता हैं पानी पे लिखी तहरीरें…
किसने क्या लिक्ख़ा हैं ये आब-ए-रवाँ से सुनिए…

 

?सुना है कोई और ♠♠
♠♠भी चाहने लगा है तुमको,??
??हमसे बढ कर अगर चाहे ♠♠
♠♠तो उसी के हो जाना??

 

इक अजीब सी जंग है मुझ में…!
कोई मुझ से ही तंग है मुझ में…!

 

आज भी दरवाजे से छुपकर देखती है रोज मुझे..!!
गाँव का इश्क़ है जनाब शहर की नोटँकीयां नही..!!

 

दर्द अगर काजल होता तो आँखों में लगा लेते;
दर्द अगर आँचल होता तो अपने सर पर सजा लेते;
दर्द अगर समुंदर होता तो दिल को हम साहिल बना लेते;
और दर्द अगर तेरी मोहब्बत होती तो उसको चाहत-ऐ-लाहासिल बना लेते।

 

????????????
कैसी बीती रात किसी से मत कहना
सपनों वाली बात किसी से मत कहना
कैसे ऊठे बादल और कहाँ टकराऐ
कैसी हुई बरसात किसी से मत कहना

 

काश फुरसत में उन्हें भी ये ख्याल आ जाये,
कि कोई याद करता है उन्हें ज़िन्दगी समझकर.

 

उसने कहा अच्छी बडी शायरी लिखते हो तुम
हमने भी कह दिया आपकी वाह के लिये कलम उठ जाती है

 

मेरे आशिकी का काफिला बस वहां तक चला?
जहां तक उसकी खुशबू से भरी?
हवाओं से मुझे सांसें मिलती रही❤

 

कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखती हूँ,
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखती हूँ,
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आँसू,
मैं जब भी तेरी याद में अल्फाज़ लिखती हूँ !!

 

नशा कुछ यूँ चढ़ा तेरे आग़ोश का,
पैमाना छलका भी नहीं और हम मदहोश हो गये !!

हम पर तेरे हुस्न का खुमार हैं
इश्क हैं रोग..तो हम बहुत बीमार हैं..?

 

*चाँद से अपना प्रेम लिखूँ या निंदिया से अपना बैर लिखूँ….*
*तुम तो इस दिल के धड़कन हो फिर तुमको भी कैसे गैर लिखूँ….*…

 

खाली ना समझ मेरे हाथों को,
मेरे हाथों मे तेरे लिए मांगी हुई मन्नत रखीं हैं।

 

कितना नाजुक मिज़ाज़ है उनका, ये ना पूछिए “फ़राज़”..
नींद नहीं आती उन्हें….अपनी ही धड़कनों के शोर में…!!
अधूरा,अनसुना ही रह गया प्यार का किस्सा,
कभी तुम सुन न सके,कभी मैं कह नही पाई..!!

 

नज़र उतार लूँ , या नज़र में उतार लूँ…
तुम आ जाओगे यूँ ही, या फिर से पुकार लूँ।❤️

 

अंदाजा नहीं था…..इतनी गहरी हो तुम….
जरा सा क्या उतरे….डूबते चले गए हम… !!

 

एक था गुल एक थी बुलबुल
बुलबुल बोले सुन बाबुल
????
दिल में है प्यार तेरा होठों पे गितवा
झूट बोले जो उसे काट खाये बिछुवा
रब दी कसम सच बोले मेरे मितवा

 

फ़कत रेशम की गाँठें थी जरा सी खोल लेते तुम…..
अगर दिल में शिकायत थी,जुबां से बोल देते तुम..?

 

आग लगाकर पैसो में हर खेल हमने भी खेला हैं
जाकर कहदो मेरे चाहने वालो से दिल की दुनिया में अखिलेश आज भी अकेला हैं

 

कुछ उसकी मजबूरीयाँ कुछ मेरी कश्मकश बस यूँ ही,
एक खूबसूरत कहानी को खत्म कर दिया हमने…..॥

 

सब की नजरों में नजारे थे जमाने के बहुत ,
पर मुझे तेरे सिवा और दिखा कुछ भी नहीं !!

 

आख़री ख्वाहिश…..जो पूछी वक़्त ने…
पहली ख्वाहिश…..मुस्कुराकर रह गई…!!

 

तुमसे महौब्बत जब तक रही चुनरी मेरी बेदाग़ रही,
तू वफा पर दाग दे गया तो क्या हुआ,महौब्बत तो मेरी पाक रही !!

 

चॉद लाकर कोई नहीं देगा, अपने चेहरे से जगमगाया…. करो ।
धूप मायूसी से लौट जाती है,छत पे,कपडें सुखाने आया करो।

 

कितनी गहरी समझ…….. रखता होगा वो शख्स
जिसने पहली बार ……….मुहब्बत को खुदा कहा होगा!!

 

नाज़ुक सा दिल कभी भूल से ना
टूटे छोटी छोटी बातों से आप ना
रूठे ,थोड़ी सी भी परवाह है अगर
आप को हमारी,तो कोशिश करना
कि ये दोस्ती कभी न टूटे।

 

जो मस्तियाँ थीं कल वो नहीं हैं आज़ में।
न हुस्न है तेरा न है जोश-मिज़ाज़ में।
पत्थर सी लुढ़क रही है जैसे ज़िन्दग़ी-
न ख़्वाब है कोई न बुलंदी आवाज़ में।

 

गुजरता हूं जब उसकीं गली से तो वो छुप के देखती है मुझे
और ये भी चाहती है, कि कोई, जाकर बातें……. ना बनाए।।

 

मोहब्बत की एक मिसाल हों तुम ..!
मेरा जहाँ, मेरा खुदा, मेरी इबादत हो तुम

 

मेरी शायरी
मेरे तजुर्बों का इजहार है
और
कुछ भी नही…..
सोचता हुं…..
कोई तो संभल जायेगा
मुझे
पढने के बाद…..!! ???

मैंने देखा नही कोई मौसम,
बस मैंने चाहा है तुझे लम्हा-लम्हा…..!!

 

???????
यूँ कब तक ख़ामोश रहोगी अब तो दिल की कहदो
लब कुछ कह न पाएँ तो तुम आँखों से ही कहदो !

 

हसीन लबों को देखा, तो देखते ही रह गए
नज़रें मिलती तो शायद हम बुत्त बन जाते

 

यूँ तो मुद्दतें गुजार दी है हमने तेरे बगैर मगर,
आज भी तेरी यादों का एक झोंका मुझे टुकड़ो में बिखेर देता है !!

 

मेरा प्रेम आसमान की तरह है
जिसका कोई जमीं नहीं….

 

नींद पूरी लिया कीजिये, आधी आँखों में हम नहीं समाने वाले…!!?
मिलना है तो रूबरू होइए , यूँ ख्वाबों में हम नहीं आने वाले….!!??

 

#कंही फ़िसल न जाओ कहीं जरा
समहल्के रहना !
#मौसम बारिस काभी है
और मोहब्बत का भी !

 

साथ भीगें बारिश मेंअब यह मुमकिन नहीं
चलो भीगते हैं यादों में तुम कहीं हम कहीं…!!

 

रात की काली घटा में नैन क्यों मटकाये,
दिन में भींगी बिल्ली बनती रात में आँख दिखाये।
?
कौन है वो ?

 

#ससुराल ?कैसा भी हो
#फर्क_नहीं पड़ता,,,
बस #फोन_में_नेटवर्क
#अच्छा होना चाहिए….

 

पनाह मिल जाए..
रूह को जिस का हाथ छूके..
उसी हथेंली में..
घर बना लो..

 

शीशा टूटे और बिखर जाये वो बेहतर है,
दरारें ना जीने देती हैं ना मरने देती हैं।

 

अर्ज़ किया है
तुम तो ऐसे उदास बैठे हो
जैसे बीवी के पास बैठे हो
???

 

हमें मोहब्बत
सिर्फ तुमसे है,
वरना हमें भी
चाहने वाले बहुत है !!
सुना तुमने..‌….

 

गुजर रहा था तेरी गलियों से
सोचा तेरे घर की खिड़कियों को भी सलाम कर लूं
जो कभी मुझे देख कर खुला करती थीं…!!

 

मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ,
सोचता हूँ कि तुझे हाथ लगा कर देखूँ।

 

 
आपकी मुस्कुराहट मेरी पहचान हैं
आपकी खुशी मेरी शान हैं
कुछ भी नहीं आपके बिना मेरी ज़िन्दगी में,
बस इतना समझ लो,आपकी दोस्ती ही मेरी जान है….

 

तेरी आरज़ू ने यही काम किया है।
मेरी ज़िन्दग़ी को बदनाम किया है।
मैं कैसे छुपाऊँ अंज़ाम को सबसे?
दर्द ने नुमाइश तेरे नाम किया है।

 

कसा हुआ है तीर हुस्न का
जरा संभलकर रहिएगा
नजर नजर को मारेगी
तो कातिल हमें ना कहिएगा

 

रिमझिम बारिश में तुझसे मुलाकात का ?
?जवाँ दिलों में धड़कते हुए जज़्बात का ?
?भीगी जुल्फें और होठों पे सरकती बूँदें ?
?कुछ ऐसा मंज़र हो तो मज़ा है बरसात का.

मुझसे ज्यादा तुझे मेरी आँखें चाहती हैं…
जब भी तुझे सोचती हूं तो ये भर आती हैं…

 

“कुछ हम कोरे- कोरे से,
कुछ हम भी सादे-सादे से…
एक आसमान पर जैसे ,
दो चाँद आधे- आधे से

 

तेरी मोहब्बत ने दिल को
ऐसा बना दिया
इश्क हुआ है जबसे तुमसे
इसने तेरे इश्क में मरना सिखा दिया

 

एक बार ही बहकती है,
ये नज़रें
किसी को देखकर
ये इश्क़? है साहब
सौ बार नही होता…??

 

न थी जिसको मेरे प्यार की कदर
इत्तेफ़ाक़ से उसी को चाह रही थी मै..
उसी दिए ने जलाया मेरे हाथ को
जिस को हवा से बचा रही थी मै….

 

आपके प्यार को सलाम किया हे,
जीने का हर अंदाज़ आपके नाम किया हे,
मांग लीजिये आज खुदा से कुछ भी,
हमने अपनी हर मन्नत को आपके नाम किया हे….

 

तुझे चाँद कहूं या चाँदनी
बस मेरे दिल में है
तुमसे ही मोहब्बत की रोशनी

 

तेरी आँखों के काजल ने
मेरे दिल को
इश्क में घायल कर दिया
देख कर तेरी आँखों के काजल को
निकले कुछ अल्फ़ाज़ दिल से 
तो लोगों ने मुझे शायर कह दिया 

 

सुनो ना जान
भरी महफ़िल में मेरे दिल ने
दिल की मोहब्बत से
तुझे सलाम किया
देखकर तेरी सादगी को
मेरा दिल तेरी सादगी पर
फिदा हो गया 

 

शायरी में दिल हो या दिल में शायरी हो ….
समझता वही है जिसके दिल में मुहब्बत हो .

 

वो पत्थर भी मारे तो उठाकर झोलियां भर दूंं
कभी महबूब के तोफों को ठुकराया नहीं करते

 

???ज़िंदगी रहे ना रहे “दोस्ती रहेगी”???
??पास रहो या ना रहो “जान” यादें हमेशा रहेगी”???

 

इश्क़ की तारीफ़ में क्या लिखूं???
सब छिन लिया सिवाय तन्हाई के….!!

 

जब बात हुई तुमसे तब मोहब्बत,?
बिलकुल ना थी तुमसे………..?!
फिर बात कुछ एसी हुई……….?
‘तुमसे’
की मोहब्बत बेपनाह हो गयी…..?
‘तुमसे’

 

ये तेरी आँखों की मुसकुराहट
और ये तेरी सादगी का श्रिंगार
दिल में इश्क ए मोहब्बत
और भी महक ऊठती है
जिस पल होता है तेरा दीदार

 

यूं ना कहो थमने की
आज इश्क ए बरसात होने दो
यूं ना रोको खुद को
आज खुलकर मोहब्बत की बारिश होने दो

 

आपकी नजर का ही है असर
दिल में दर्द है आठों पहर
अभी छोड़कर मत जाइए
अभी मौत है थोड़ी दूर पर
जिंदगी में बस इंतजार है
आप कह रहीं हाथ थामकर
वही अश्क है, वही दर्द है
हम चल पड़े दिल की राह पर

 

सरे राह…..
जो उनसे नज़र मिली तो
नक़्श दिल के उभर गए,
हम नज़र मिला कर झिझक गए
वो नज़र झुका कर चले गए..!

 

तेरा मेरा रिश्ता सावन और बारिश के जैसा है,,,
बिन बारिश सावन सूना
तुम बिन हम भी अधूरे हैं ???

 

वक़्त तुम्हारे हुस्न पर भी झुर्रियां डाल देगा एक रोज,
तुम अकेली नहीं हो जो खुद को चाँद समझती हो…!!!

बस एक शख्स के हंसने से काम चलता था
हमारे शहर में फूलों की कोई दुकान नही थी

 

गुलाब की महक भी फीकी लगती है,
कौन सी खुश्बू मुझमे बसा गये हो आप ,
ज़िंदगी है क्या आपकी चाहत के सिवा,
यह कैसा ख्वाब आँखो को दिखा गये हो आप ।

 

सुनो…
आदत न डालो मुझे पढ़ने की,,
या तो ऊब जाओगे ,,या फिर डूब जाओगे…!!!

 

सुन ओये इश्क करने का इरादा बिलकुल ना था…♥️♥️
मूड बन गया बस तेरे रसगुल्ले से होंठ देख कर…♥️♥️♥️
???

 

सादगी हो लफ्ज़ों में तो यकीन मानो…,
इज्जत बेपनाह
और दोस्त बेमिसाल मिल ही जाते हैं….!
जैसे कि आप..

 

〰️?〰️
❣️〰️❣️कितना प्यार है तुझसे………
〰️〰️〰️वो लफ्जो के सहारे कैसे बताऊं!
〰️❣️〰️❣️महसूस करो मेरे एहसास को….
〰️〰️〰️〰️अब गवाही कहां से लाऊं।।

 

अब कोई ख्वाब# नया दिल में# उतरता ही नहीं …
बहुत ही सख्त पहरा है… तुम्हारी# चाहत का …!!!

 

क्या खुब होगा जिस दिन तेरा दिदार होगा
एक दिवाने के लिए इससे बड़ा उपहार क्या_होगा

 

सिलसिला चाहतों का यूं ही चलता है
ना मैं दूर होता हूं ना वो पास होता है

 

तुम्हें भूल पाना अब मुमकिन तो नहीं है,
तुम्हारी याद भी रोज़ दिल को तन्हा कर जाती है..!!

 

ग़ज़ब ? है उनका हँस कर नज़रें ? जुखा लेना ?
पूछो तो कहते हैं कुछ नहीं बस यूँ ही

 

गीत की ज़रूरत महफील मे होती हैं
प्यार की ज़रूरत हर दिल मे होती हैं ,!
बिना दोस्ती के अधुरी हैं ज़िन्दगी ,
क्योकी दोस्त की ज़रूरत हर पल होती हैं ..!!
?????????????

 

कंही फ़िसल न जाओ कहीं जरा
समहल्के रहना !
मौसम बारिस काभी है
और मोहब्बत का भी !

 

कुछ पलों की किताब नहीं जो कुछ दिन में पुराने हो
जाओगे …???
ऐसे रूह के एहसास से जुड़े हो कि अन्तिम सांस तक समाए रहोगे ????

 

*?युँ ख्वाब बनकर
नींदो में न आया करो
*समझ दार बनो जरा
खुद ही आ जाया करो…???*

 

अपनी मुस्कराहत को ज़रा control मे रखो ,
नादान सा दिल मेरा कही शहीद ना हो जाय ..!!
?????????????

 

दिल की दहलीज पर, फिर दस्तक दी है किसी ने…
आज मेरे अरमानों को, फिर महक दी है किसी ने…!!

 

“थाम लूँ..कि जाने दूँ..
वो परछाईयाँ इज़हार की…?”??
“देख लूँ…कि जाने दूँ…
ख़्वाब तेरी चाह की…?”??
“लिख दूँ…कि रहने दूँ…
नज़्म तेरे नाम की…?”??
“जीत लूँ…कि हार जाऊँ…
ये बाज़ी इंतज़ार की…?”??
????????.
?????

 

सुनो
ये जो तुम अपने नैनों से
मेरे दिल पर मोहब्बत का
वार करती हो ना
कसम से अपने नैनों से
बहुत कमाल करती हो

 

*किसी बन्धन में नहीं?*
*किसी सीमा में नहीं*
*बस है… ?*
*तो एक*
*खूबसूरत अहसास*
*तेरी….मेरी…. दोस्ती का?*

 

मोहब्बत की आज यूँ बेबसी देखी,
उसने #तस्वीर तो जलाई मगर #राख नहीं फेंकी !!

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