Jaundice in Hindi | पीलिया एक जानलेवा बीमारी
Jaundice in Hindi : पीलिया एक ऐसी बीमारी हैं जिसमें आँखे और त्वचा पीली हो जाती है. आज हम इसी पीलिया के कुछ घरेलू उपायो के बारे में बात करेंगे
Jaundice in Hindi | पीलिया के लक्षण
लक्षण :
- आँखों और त्वचा का पीला हो जाना
- सभी चीज़े पीली दिखाई देना
- खुजली
- थकान / कमजोरी
- पेट में दर्द (लीवर में दर्द)
- चिकने पदार्थो का नहीं पचना
- वजन घटना
- उल्टी
- बुखार
- गहरे पीले रंग का मूत्र
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Jaundice in Hindi | पीलिया के कारण
कारण : खून में लाल रक्त कणों की कमी हो जाना, लीवर कमजोर होना, लीवर में बनने वाला पित्त खून में पहुँच जाना.
Jaundice in Hindi : हम आपको यह बता दे की परंपरागत चिकित्सा के द्वारा सभी भयावह रोगों से छुटकारा पाया जा सकता हैं लेकिन ख्याल रखे की रोग ही ना हो. स्वस्थ रहना उत्तम स्वास्थय का परिचायक हैं इसके लिए नियमित एक्सरसाइज और संयमित दिनचर्या का पालन करे फिर भी यदि कोई रोग आपको घेर लेता हैं तो परंपरागत आयुर्वेदिक व घरेलू उपचार द्वारा उससे निजात पा सकते हैं लीवर की परेशानी पीलिया, जलोदर व पित्त। ये ऐसी बीमारियाँ हैं जो गंभीर होने के बाद जानलेवा हो जाती हैं. लीवर और लीवर सम्बंधित बीमारियाँ व्यक्ति को मरनासन स्थिति में पंहुचा देती हैं. लीवर की खराबी से अनेक बीमारियों का जन्म होता हैं वही बीमारियाँ जब गंभीर रूप ले लेती हैं तो लीवर के प्रत्यर्पण तक की नौबत आ जाती हैं। जो की गरीब आदमी की क्षमता के बाहर हैं साथ ही स्वस्थ्य लीवर का मिलना भी बड़ी चुनौती हैं. लीवर की खराबी से पीलिया रोग भी होता हैं वैसे पीलिया अपने आप में कोई बीमारी नहीं हैं वरन मुलभुत रोगात्मक क्रियाओं का एक लक्षण हैं. पीलिया रक्त्रस में रक्त्रंजक रंज की अधिकता के कारण त्वचा व शलेश्मिक कला में पीला रंग आ जाता हैं वही पीलिया हैं .सामान्य रूप से बिलुरुबिन का स्तर 1.0 होता हैं लेकिन जब इसकी मात्रा 2.5 या इससे अधिक होती हैं तो पीलिया के लक्षण होते हैं और मात्रा बढ़ने के साथ ही पीलिया की गंभीरता भी बढ़ जाती हैं वैसे तो ये रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता हैं लेकिन गर्भवती महिलाओ व नवजात शीशओं के लिए जानलेवा हो सकता हैं.
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Jaundice in Hindi | जलोदर
जलोदर – पेट में पानी भर जाने के कारण पेट फूल जाता हैं. जलोदर की चिकिस्ता व खानपान में लापरवाही बरती जाए तो ये जानलेवा भी हो सकती हैं.
अनियमित खान – पान से पाचन क्रिया प्रभावित होती हैं और उसके दोष पेट में इक्कठा होने लगते हैं. प्यास अधिक लगती हैं और पानी अधिक पिने से वही पानी पेट में इक्कट्ठा होने लगता हैं वैसे जलोदर होने के कारणों में अधिक दिनों तक पीलिया रोग होना, ह्रदय रोग व गुर्दे की परेशानी भी एक कारण हैं जबकि महिलाओं में गर्भाशय की विकृति के कारण जलोदर होता हैं. पीहा, तिल्ली मनुष्य के शरीर का ख़ास अंग हैं जिसका हर समय स्वस्थ रहना आवश्यक होता हैं पीहा, तिल्ली बायीं ओर पसलियों के नीचे होता हैं अगर किसी कारण से ये पीहा, तिल्ली अपने स्वाभाविक आकार से बढ़ने लगता हैं तो इसके कारण शरीर में दुसरे कई प्रकार के रोग पैदा हो सकते हैं. वर्तमान की इन्ही समस्याओं के देखते हुवे हम आपके लिए इसके कुछ उपचार लेकर उपस्थित हुवे हैं.
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Jaundice in Hindi | पीलिया के लिए घरेलू उपचार
Jaundice in Hindi : आइये अब जान लेते हैं पीलिया के लिए घरेलू उपचा .
प्याज पीलिया में बहुत ही लाभदायक हैं
पीलिया प्राकर्तिक घरेलू उपचार नंबर 1 :
प्याज को काट लीजिये और निम्बू के रस में कुछ घंटो के लिए भिगो दीजिये, को निकल दीजिये। इसे नमक और काली मिर्च लगा कर खाना चाहिए दिन में 2 बार इस प्याज को खाने से पीलिया बहुत ही जल्दी दूर हो जाता हैं।
पीलिया प्राकर्तिक घरेलू उपचार नंबर 2 :
पीलिया के रोग में ये अमृत के सामान काम करता हैं . गन्ने के रस का सेवन करने से पीलिया का रोग बहुत ही जल्द ठीक हो जाता हैं।
पीलिया प्राकर्तिक घरेलू उपचार नंबर 3 :
पीलिया के रोग में एक ग्लास छाछ रोज़ाना पीनी चाहिए, इस छाछ में काली मिर्च का पाउडर मिला कर मिला कर पीने से इसका गुण और भी बढ़ जाता हैं. और ये कुछ ही दिनों में पीलिया के रोग को समाप्त कर देता हैं
पीलिया प्राकर्तिक घरेलू उपचार नंबर 4 :
फलो में खरबूजा और पीलिया दोनों ही बहुत लाभदायक हैं इन्हें अच्छी मात्रा में लेना चाहिए इससे पीलिया का रोग बहुत ही जल्दी ठीक हो जाता हैं।
पीलिया प्राकर्तिक घरेलू उपचार नंबर 5 :
पीलिया व लीवर में मेहँदी का प्रयोग – जड़ी बूटी के जानकारी के सन्दर्भ में अब हम चर्चा करने जा रहे हैं एक औषधीय पौधे की. यह पेड़ हैं जिसे शायद आप पौधे के रूप में भले ही ना जानते हो लेकिन नाम के रूप में हर कोई आज इसको जानता हैं क्युकी आज हर कोई सुंदर बनना चाहता हैं तो आपके जो सौन्दर्व्यवार्दक पौधे हैं उनमें से यह एक हमारा पौधा हैं जिसको हुम बोलते हैं मेहँदी। मेहँदी जौंडिस व पीलिया की जिनको बीमारी हैं उनको लिए आप 3 ग्राम से 5 ग्राम पत्तियों को किसी एक मिटटी के बर्तन में रात को भिगो दे कूट कर के. लगभग 300 – 400 ग्राम पानी में फिर सुबह उठ कर के रोज़ सुबह खाली पेट पिए. खाली पेट पीने से आपकी जो लीवर की परेशानी हैं वो ठीक हो जाएगी तथा लीवर के पाचन प्रक्रिया को बल और ताकत मिलेगी और आपका पेट एक दम ठीक रहेगा
पीलिया प्राकर्तिक घरेलू उपचार नंबर 6 :
पीलिया व लीवर में ममीरा का प्रयोग – अब जिस औषधि के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं इसे ममीरा व ममिरी नामो से पुकारा जाता हैं. ममीरा इसकी पुरुष प्रजाति को कहा जाता हैं व ममिरी उसकी स्त्री प्रजाति को कहा जाता हैं. ममीरा का प्रयोग आयुर्वेद के हिसाब से लीवर के लिए बहुत ही उत्तम औषधि मानी गयी हैं. ऐसे कहते हैं की यदि ममीरा उपलब्ध हो जाए तो कोई भी बीमारी हो, किसी भी तरह की कोई भी समस्या हो वो रह ही नहीं सकती हालाकि हमने देखा हैं की औषधिय गुण के रूप में यदि आपको प्रयोग करनी हो तो जितनी उच्चइयो की वस्पतियाँ हैं वो ज्यादा कारगर हैं संभवत वहाँ की जलवायु की शुद्धता, वहाँ के वातावरण की शुद्धता इसमें कारण हो तो इसके औषधिय गुण अधिक हैं. ममीरा भी आपके लीवर में बहुत अच्छा काम करता हैं जिनका बिलुरुबिन बढ़ा हुआ हैं और जिनके लीवर में समस्या हैं यदि सुबह – शाम इसका काढ़ा बना के पिए तो निश्चित रूप से इससे उनको बहुत लाभ पहुचेगा। ये हिमालय में प्राप्त होने वाली दिव्य वनस्पतीय हैं. ना जाने इस तरह की हजारो – हजारो वनस्पतियाँ हिमालय के चारो ओर बिखरी हुई हैं, फैली हुई हैं. इसको लेकर एक योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने की आवश्यकता हैं
पीलिया प्राकर्तिक घरेलू उपचार नंबर 7 :
पीलिया व तीली बढ़ने में मुली का प्रयोग -अब हम आपको बताएंगे मुली के विषय में. इसे हम सब्जी के रूप में प्रयोग करते हैं. ये सब्जी आपके पेट को ठीक रखने में बहुत ही लाभकारी हैं. जो आपके पेट का अफारा हैं, जो आपकी स्प्लीन बढ़ी हुई हैं, लीवर बढ़ा हुआ हैं, बढे हुई लीवर व स्प्लीन के लिए ये बहुत ही लाभकारी हैं. इस मुली को टुकड़े के चार चीरे लगा ले और जितनी मुली आप आराम से खा सके उतनी मुली में लगभग 3 – 4 ग्राम नौसादर छिड़क दे, छिड़क कर के खुले आसमान में रख दे, रात भर के लिए छोड़ दे. सुबह नव्सादर की वजह से पानी काफी निकल जाएगा. उस पानी को पिए और सुबह उस मुली को खा जाए खाली पेट इससे जो आपके पेट का अफारा हैं, जो सलीन बढ़ी हुई हैं, जो लीवर बढ़ा हुआ हैं. बढे हुवे लीवर के लिए, बढे हुवे स्प्लीन के लिए यह एक राम बाण अचूक व संतो के द्वरा एक गोपनीय प्रयोग हैं. हम आशा करते हैं की ढेर सारे इस तरह से प्रयोगों से आपको निपुण बना दें, अगर आपको इसकी और जानकारी दे तो यह भी एक ऐसा प्रयोग हैं जो संत लोग वर्षो से नहीं बल्कि पीढियों से परंपरागत रूप से प्रयोग करते रहे हैं. बढे हुवे स्प्लीन व लीवर के लिए कुछ समय आप इसका सेवन कर सकते हैं और यदि वह कोई छोटा बच्चा हैं तो मात्रा कम करे नव्सादर को कम मात्रा में आप डालिए क्युकी वो बहुत तृष्ण होता हैं तो इसका जरा आप थोडा सा ध्यान रखिये। पेट के दर्द के लिए, पेट के अफ्वारे के लिए और बढे हुवे लीवर और स्प्लीन के लिए बहुत ही गुणकारी व
लाभकारी प्रयोग हैं और जिनको पीलिया की शिकायत हैं उनके लिए मुली एक दम अमृत हैं यह हमारा पूरा देश जानता हैं. तो पीलिया के लिए हम कैसे सेवन करे मुली की सब्जी खाइए, मुली के पत्तियों की सब्जी खाइए और पीलिया के रोग के लिए इस रस को निकल कर के एक
कप सुबह सुबह आप खाली पेट पीजिये। इसे लगातार पीने से जो पीलिया हैं वो एक दम खत्म हो जाती हैं परन्तु एक बात और हम आपको बताना चाहेंगे इस मुली के सन्दर्भ में. मुली जो हैं वो प्रात काल अमृत माना गया हैं. सुबह की मुली सोना, दोपहर की मुली चांदी और शाम की मुली नल. ऐसा लोग कहते हैं की मुली का प्रात काल सेवन करना ज्यादा गुणकारी होता हैं चाहे वो मध्यं तक, रात की सब्जी में आप मुली की सब्जी ना खाए, दिन की सब्जी में मुली की सब्जी का प्रयोग करे. स्वाद के रूप में भी दिन में और प्रात काल सेवन करे तो इसके रस के सेवन से, इस मुली के सब्जी के सेवन से, इसके बीज के सेवन से आप बहुत सारे रोगों से बच सकते हैं और बहुत सारी बीमारियों से आप अपने आप को मुक्त कर सकते हैं इस मुली के द्वारा। हैं न ये मुली कमाल की चीज़ ! बस प्रयोग कर के आप पा सकते हैं चमत्कारिक लाभ और बताएं लोगो को भी की मुली केवल सब्जी नहीं हैं. लोग अक्सर केवल मुली के पराठे खा खा कर के पेट खराब कर लेते हैं। देखिये ये असल में अमृत हैं परन्तु संयोग से हम इसे विकृत बना देते हैं तो मुली के पराठे नहीं, मुली के बाकी के साग, सब्जी व दुसरे रूपों में आप इसका सेवन कीजिये।