Hindi Varnamala हिन्दी वर्णमाला और Hindi Alphabet
हम आपके लिए लेकर आएं हैं Hindi Varnamala के स्वराक्षर और व्यंजनाक्षर जिसमे आप या फिर किसी भी छोटे बच्चे को सुविधा के लिए आप उसे ये पढ़ा और याद करा सकते हैं. यहाँ पर आपको हर अक्षर से जुड़े शब्दों के बारे में भी पढने को मिलेगा ताकि बच्चो को आसानी हो और वह सरलता से इन अक्षरों को अनुक्रम अनुसार याद सीख व याद कर सके और विद्या प्राप्त कर सके.
अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अ:
क ख ग घ ड च छ ज झ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ भ ब म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ
अ | आ | इ | ई |
उ | ऊ | ऋ | ए |
ऐ | ओ | औ | अं |
अ: |
क | ख | ग | घ | ङ |
च | छ | ज | झ | ञ |
ट | ठ | ड | ढ | ण, ड़, ढ़ |
त | थ | द | ध | न |
प | फ | ब | भ | म |
य | र | ल | व | श |
ष | स | ह | क्ष | त्र |
हिंदी वर्णमाला में 52 वर्ण होते है। इन वर्णो में 11 स्वर , 4 अन्तस्थ व्यंजन , 4 संयुक्त व्यंजन , 1 अनुस्वार , 25 स्पर्श व्यंजन , 4 ऊष्म व्यंजन , 2 द्विगुण व्यंजन , 1 विसर्ग है ।
वर्ण किसे कहते है ?
वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि है । वर्ण दो प्रकार के होते है –
- स्वर वर्ण
- व्यंजन वर्ण
स्वर वर्ण
जिन वर्णो के एक उच्चारण करने पर एक ही प्रकार की ध्वनि बनती है , उन्हें स्वर्ण वर्ण कहते है।
जैसे – अ , इ , उ
( वर्णमाला में 11 स्वर होते है , अं , अः को शामिल करने से स्वरों की संख्या 13 हो जाती है।
उदहारण – अ , आ , इ , ई , उ , ऊ ,ऋ , ए , ऐ , ओ , औ , अं , अः )
स्वर के प्रकार –
- हृस्व स्वर – वह स्वर जिनके उच्चारण में कम समय लगता है , वे हृस्व स्वर कहलाते है।
जैसे – अ , इ , उ
- दीर्घ स्वर – वह स्वर जिनके उच्चारण में ह्रस्व स्वर से दुगना समय लगता है , वे स्वर दीर्घ स्वर कहलाते है।
जैसे – आ , ई , ऊ , ऐ , ओ , औ
- प्लुत स्वर – प्लुत स्वर वह स्वर कहलाते है , जिन वर्णो के उच्चारण में स्वर वर्गों से कई ज्यादा समय लगे।
जैसे – रा ——– म ओ ——– म
व्यंजन वर्ण
वे वर्ण जिनका उच्चारण करते समय दो ध्वनियाँ सुनाई पड़े , वे व्यंजन वर्ण कहलाते है।
व्यंजन वर्ण के 5 वर्ग समूह होते है।
क वर्ग | क , ख , ग , घ , ङ |
च वर्ग | च , छ , ज , झ , ञ.
|
ट वर्ग | ट , ठ , ड ,ढ , ण
|
त वर्ग | त , थ ,द , ध , न
|
प वर्ग | प , फ ,ब , भ ,म
|
अन्तस्थ व्यंजन – य , र , ल , व
संघर्षी / उष्म व्यंजन – श , स , ष , ह
संयुक्त वयंजन – क्ष , त्र , ज्ञ , श्र
व्यंजन के प्रकार
- स्पर्श व्यंजन – वे व्यंजन वर्ण जिनके उच्चारण के समय वायु की टकराहट , कंठ , तालु , मूर्धा , दन्त , ओष्ठ – को छूते हुए निकले , उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते है।
स्पर्श व्यंजनों का उच्चारण स्थान –
कंठ | क , ख , ग , घ , ङ
|
तालु | च , छ , ज , झ , ञ.
|
मूर्धा | ट , ठ , ड ,ढ , ण
|
दन्त | त , थ ,द , ध , न
|
ओष्ठ | प , फ ,ब , भ ,म
|
- अन्तःस्थ व्यंजन – वे वर्ग जिनका उच्चारण स्वरों और व्यंजनों के बीच होता हो , उन्हें अन्तःस्थ व्यंजन कहते है।
जैसे – य ,र ,ल , और व
- ऊष्म या संघर्षी व्यंजन – जिन वर्णो के उच्चारण में मुख से विशेष प्रकार की गर्म (ऊष्म) वायु निकलती है , वे ऊष्म व्यंजन कहलाते है।
जैसे – श ,ष ,स ,ह
- उत्क्षित / द्विगुण व्यंजन – जिन वर्णो के उच्चारण में जीभ ऊपर उठकर मूर्धा को स्पर्श करते हुए तुरंत नीचे आ जाये , वे द्विगुण व्यंजन कहलाते है।
जैसे – ड़, ढ़
- संयुक्त व्यंजन – वे वर्ण जो दो अक्षर से मिलकर बने है , उन्हें संयुक्त व्यंजन कहते है।
जैसे – क्ष , त्र , ज्ञ , श्र
स्वर तंत्रियों के कम्पन / घोष के आधार पर व्यंजनों का वर्गीकरण
- अघोष वर्ण – वे वर्ण जिनके उच्चारण में केवल श्वाँस का उपयोग हो , वे अघोष व्यंजन कहलाते है।
जैसे – क , ख , च , छ , ट , ठ , त , थ , प , फ , श , ष , स
- सघोष वर्ण – वे वर्ण जिनमे केवल नाद का उपयोग होता है या जिन वर्णो के उच्चारण में कम्पन्न होता है , उन्हें सघोष वर्ण कहते है।
जैसे – ग , घ , ज , झ , द , ध , ड ,ढ , ब , भ
प्राण वायु के आधार पर व्यंजनों का वर्गीकरण
- अल्प प्राण वर्ण – वह व्यंजन जिनके उच्चारण मे कम समय लगे और उच्चारण करते समय मुख से कम वायु निकले , उन्हें अल्प प्राण वर्ण कहते है।
जैसे – क,ख ,ङ
च ,छ, ञ.
ट ,ड ,ण ,ड़
त , द , न
प ,ब , म
य ,र ,ल ,व
- महाप्राण वर्ण – वह व्यंजन जिनके उच्चारण में अधिक समय लगे और उच्चारण करते समय मुख से अधिक वायु निकले , उन्हें महाप्राण वर्ण कहते है।
जैसे – ख ,घ ,
छ ,झ ,
ठ , ढ ,
थ , ध ,
फ ,भ ,
ढ़ ,
श ,ष ,स ,ह
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हिन्दी वर्णमाला अ से ज्ञ तक | Hindi Varnamala from अ to ज्ञ
तो आइये सीखते है hindi varnamala अ से ज्ञ तक। अ से अनानास
आ से आलू
इ से इमली
ई से ईट
उ से उल्लू
ऊ से ऊन
ऋ से ऋषि
ए से एक
ऐ से ऐनक
ओ से ओखली
औ से औरत
अं से अंगूर
अ:
अब हम सीखेंगे व्यंजनाक्षर
क से कबूतर
ख से खरगोश
ग से गमला
घ से घर
ड
च से चम्मच
छ से छतरी
ज से जहाज
झ से झंडा
ट से टमाटर
ठ से ठठेरा
ड से डमरू
ढ से ढोलक
ण
त से तरबूज
थ से थरमस
द से दवाई
ध से धनुष
न से नल
प से पपीता
फ से फल
ब से बतख
भ से भालू
म से मक्का
य से यज्ञ
र से रथ
ल से लहसुन
व से वजन
श से शहनाई
ष से षटकोण
स से सांप
ह से हाथी
क्ष से क्षत्रिय
त्र से त्रिशूल
ज्ञ से ज्ञानी
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