Hindi Poem on Maa

Hindi Poem on Maa : उसने जन्म दे कर कितनी मुश्किलों से संसार दिखाया होगा कितनी पीड़ा सही होगी, सिर्फ तुम्हे इस संसार में लाने में. ऐसा कहा जाता हैं की जब माँ अपने बच्चे को जन्म देती हैं उस समय जितनी पीड़ा उसे होती हैं वो किसी सामान्य व्यक्ति के एक साथ 20 हड्डियाँ टूटने जैसा ही हैं. इतना दर्द सोच कर ही हमारे रोंगटे खड़े हो उठते हैं. और इस संसार में हर महिला उस पीड़ा से गुजरी हैं या फिर गुजरेगी. वो ही हैं जो माध्यम बनी हैं इस संसार को चलाने की. इस कारण नारी का सम्मान करो और माता से प्रेम करो. कभी उसे ये ना लगने पाए की सिर्फ इसलिए मैंने इतना कष्ट सहा. उन्हें गौरवानित महसूस करवाओ ताकि तुम भी एक खुशहाल ज़िन्दगी जी पाओ क्यूंकि जिसने अपने जीवन में माँ बाप को खुश रखा हैं वो ही एक खुशहाल ज़िन्दगी जी पाने में कामयाब हो पाया हैं. हम यहाँ माँ को समर्पित कुछ कविताओं का संग्रह लेकर आएं हैं. इन्हें पढ़े और अपने विचार comment section में दे. 🙂

Also Check : Best Poem on Mother in Hindi

Maa – Usne janam dekar kitni mushkilo se sansar dikhaya hoga (Hindi Poem on Maa)

Usne janam dekar kitni mushkilo se sansar dikhaya hoga….
Khud se pahle mujhe, apne komal komal haatho se khana khilaya hoga….
Pyaar hai mujhe apni saari ungliyon se, kyuki pta nhi konsi ungli pakad kar usne mujhe chalna sikhaya hoga…..

Main khush rahu yahi to hain uski aas…
Jaruri nahi h mere liye roza aur upwaas…
Kuch bigad nahi sakta mera….
Kyuki ma ki dua hai mere saath….

Mujhe khush dekh, mann hi mann khush hua karti hain….
Ishwar to sirf janam deta hain, hifazat to maa ki dua karti hain….

Har badi cheez maa ke samne chhoti h….
Mujhe dukhi dekh uski mamta roti hain…
Ab samajh me aa gya na, maa to maa hoti hain…

 

 

ममतामयी दर्पण है माँ (Hindi Poem on Maa)

जिसमे दीखता इस जीवन का अक्स, वो ममतामयी दर्पण है माँ,

बच्चों की खुशियों के खातिर, ख़ुशी से करती जीवन अर्पण है माँ।

कभी स्नेह की ज़िंदा मूरत, तो कभी दया की सर्जन है माँ,

कभी शिशु की सारी दुनिया, तो कभी ईश्वर का दर्शन है माँ।

रोते शिशु को सिखाती है हँसना, जीवन की पहली गुरु है माँ,

सोती फिर उस मुस्कान को देख, उसी मुस्कान को देख, दिन करती शुरू है माँ।

शिशु को रखती फूल के जैसे, उसकी बाग़बानी करती माली है माँ,

भरी हुई है भावों से निरंतर, फिर भी क्रोध-द्वेष से खाली है माँ।

जो होती है निराशाओं की शाम कभी, तो आशाओं की भोर है माँ,

जो संभाले भटकने से हर डगर पर, वो हौसलों की डोर है माँ।

अगर दुनिया है धूप घनेरी, तो शीतलमय छाँव है माँ,

अगर संसार है समन्दर तूफानी, तो उनसे लड़ती नाव है माँ।

जो बचाती दुनिया की बुरी नज़रों से, माथे का वो काजल है माँ,

जिसकी पनाह में मिलता सुकून, वात्सल्य का वो आँचल है माँ।

कितनी भी हो विकट परेशानी, हर समस्या का सीधा हल है माँ,

नहीं व्यक्त कर सकते शब्द जिसे, ईश्वर की लिखी वो ग़ज़ल है माँ।

I believe this to be my best ever poem…

Also Check : Poem on Mother in Hindi

 

जो मां ना होती (Hindi Poem on Maa)

जो मां ना होती, तो क्या होता?
सबसे पहले ये संसार ना होता
ममता की बरसात ना होती,
प्यार की कोई बात ना होती,
मां से बढ़ कर धीरज किसका?
है सारे जग में तेज़ उसका
उसके तन से काया ढलती है,
ममता की छाया में औलाद पलती है
मां की छवी कैसी न्यारी
सब बातें उसकी प्यारी प्यारी,
दर्द सभी वो सह लेती है,
दान जीवन का वो देती है,
वो जननी है दुख हरणी है,
आँखों में आँसूं जब आते हैं,
हाथ मां के सहलाते हैं,
भगवान का एक वरदान है मां,
हमारी ही पहचान है मां,
कभी दिल उसका जो रो उठता है,
धीरज भी जब खो उठता है,
मन को वो समझा लेती है,
ममता की चादर में आँसूं सारे छुपा लेती है,
आज ज़माना बदल गया है,
चमक दमक में सब ढल गया है,
कभी बचपन खुद का याद करो,
कुछ बीती बातें याद करो,
मां की खुश्बू आयेगी,
बहा तुम्हें ले जायेगी,
होती है क्या प्यार की बारिश,
सब कुछ हमें बतायेगी,
ना दुखे कभी किसी मां का दिल,
ये वादा ही तो करना है,
अपनी मां के चरणों में,
सर को ही तो धरना है,
ममता का कोई मोल नहीं,
बिन मांगे मिल जाती है,
मां का भी कोई तोल नही,
पीछे दुनिया रह जाती है|

 

मां – फूलो से जिसने बचपन को सावरा था (Hindi Poem on Maa)

फूलो से जिसने बचपन को सावरा था ,

मेरी आँखों में जिसे कभी पानी गवारा न था..

मॉम सा था दिल उसका जो पत्थर भी बन जाया करता था,

दुनिआ से लड़ने को आँखों का पानी भी सूख जाया करता था….

जीवन जीना जिसने सिखाया था,

हर गम को पीना जिसने सिखाया था,

दर्द सहे थे कई उसने मुझे दुनिआ में लेन को,

और मेरी पहली झलक को उसने अपना मरहम बनाया था.

ख़ुशी मेरी उसकी आँखि से झलक जाया करती थी,

गम से मेरे आंसू उसके छलक जाया करते थे,

मेरी राह देखते देखते समय थम जाया करता था,

और दो प्यार भरे लफ्ज़ो से दिल उसका भर जाया करता था..

जो माथे पर शिकंज देख कर हाथ सहला दिआ करती थी,

और छोटे बच्चे की तरह बातो से बहला दिआ करती थी..

आँखो में अपने नींद समेटकर जो साड़ी रात जगा करती थी

बस मेरी एक करवट पर यु चौक जाया करती थी..

आज जब देखती हूँ उस माँ को तो अंदर कुछ टूट सा जाता है…

क़ि जिन हाथों ने लिखना सिखाया था उन हाथो को मेरे सहारे क़ि ज़रूरत हो गई ,

जिन आँखों ने दुनिआ से रूबरू कराया था उन आँखों को मेरे नज़ारो क़ि ज़रूरत हो गई..

जिन पैरो ने बढ़ना आगे सिखाया था वो दो कदम पर रुक जाते है…

कहने को अल्फ़ाज़ बहुत है पर होठ सिले रह जाते है….

 

Also Check : Best Whatsapp Status in Hindi

ममता की मूरत (Hindi Poem on Maa)

क्या सीरत क्या सूरत थी
माँ ममता की मूरत थी

पाँव छुए और काम बने
अम्मा एक महूरत थी

बस्ती भर के दुख सुख में
एक अहम ज़रूरत थी

सच कहते हैं माँ हमको
तेरी बहुत ज़रूरत थी

 

माँ! (Hindi Poem on Maa)

तुम्हारे सज़ल आँचल ने
धूप से हमको बचाया है।
चाँदनी का घर बनाया है।

तुम अमृत की धार प्यासों को
ज्योति-रेखा सूरदासों को
संधि को आशीष की कविता
अस्मिता, मन के समासों को

माँ!
तुम्हारे तरल दृगजल ने
तीर्थ-जल का मान पाया है
सो गए मन को जगाया है।

तुम थके मन को अथक लोरी
प्यार से मनुहार की चोरी
नित्य ढुलकाती रहीं हम पर
दूध की दो गागरें कोरी

माँ!
तुम्हारे प्रीति के पल ने
आँसुओं को भी हँसाया है
बोलना मन को सिखाया है।

 

 

माँ तुम सबसे प्यारी हो (Hindi Poem on Maa)

 

माँ तुम सबसे न्यारी हो
माँ तुम सबसे सुन्दर हो
माँ तुम रब से बढ़कर हो
माँ तुम सबसे कोमल हो
माँ तुम जल से भी शीतल हो
माँ तुम्हारी डांट में भी है मीठा प्यार छुपा
माँ तुम्हारी ममता सबसे ममतामयी
माँ तुमको है मेरा सदा प्रणाम

 

 

अनपढ़ माँ (Hindi Poem on Maa)

 

चूल्हे-चौके में व्यस्त

और पाठशाला से दूर रही माँ

नहीं बता सकती

कि ”नौ-बाई-चार” की कितनी ईंटें लगेंगी

दस फीट ऊँची दीवार में

…लेकिन अच्छी तरह जानती है

कि कब, कितना प्यार ज़रूरी है

एक हँसते-खेलते परिवार में।

त्रिभुज का क्षेत्रफल

और घन का घनत्व निकालना

उसके शब्दों में ‘स्यापा’

क्योंकि उसने मेरी छाती को

ऊनी धागे के फन्दों

और सिलाइयों की

मोटाई से नापा है

वह नहीं समझ सकती

कि ‘ए’ को ‘सी’ बनाने के लिए

क्या जोड़ना या घटाना होता है

…लेकिन अच्छी तरह समझती है

कि भाजी वाले से

आलू के दाम कम करवाने के लिए

कौन सा फॉर्मूला अपनाना होता है।

मुद्दतों से खाना बनाती आई माँ ने

कभी पदार्थों का तापमान नहीं मापा

तरकारी के लिए सब्ज़ियाँ नहीं तौलीं

और नाप-तौल कर ईंधन नहीं झोंका

चूल्हे या सिगड़ी में

…उसने तो केवल ख़ुश्बू सूंघकर बता दिया है

कि कितनी क़सर बाकी है

बाजरे की खिचड़ी में।

घर की कुल आमदनी के हिसाब से

उसने हर महीने राशन की लिस्ट बनाई है

ख़र्च और बचत के अनुपात निकाले हैं

रसोईघर के डिब्बों

घर की आमदनी

और पन्सारी की रेट-लिस्ट में

हमेशा सामन्जस्य बैठाया है

…लेकिन अर्थशास्त्र का एक भी सिद्धान्त

कभी उसकी समझ में नहीं आया है।

वह नहीं जानती

सुर-ताल का संगम

कर्कश, मृदु और पंचम

सरगम के सात स्वर

स्थाई और अन्तरे का अन्तर

….स्वर साधना के लिए

वह संगीत का कोई शास्त्री भी नहीं बुलाती थी

…लेकिन फिर भी मुझे

उसकी लल्ला-लल्ला लोरी सुनकर

बड़ी मीठी नींद आती थी।

नहीं मालूम उसे

कि भारत पर कब, किसने आक्रमण किया

और कैसे ज़ुल्म ढाए थे

आर्य, मुग़ल और मंगोल कौन थे,

कहाँ से आए थे?

उसने नहीं जाना

कि कौन-सी जाति

भारत में अपने साथ क्या लाई थी

लेकिन हमेशा याद रखती है

कि नागपुर वाली बुआ

हमारे यहाँ कितना ख़र्चा करके आई थी।

वह कभी नहीं समझ पाई

कि चुनाव में किस पार्टी के निशान पर

मुहर लगानी है

लेकिन इसका निर्णय हमेशा वही करती है

कि जोधपुर वाली दीदी के यहाँ

दीपावली पर कौन-सी साड़ी जानी है।

मेरी अनपढ़ माँ

वास्तव में अनपढ़ नहीं है

वह बातचीत के दौरान

पिताजी का चेहरा पढ़ लेती है

काल-पात्र-स्थान के अनुरूप

बात की दिशा मोड़ सकती है

झगड़े की सम्भावनाओं को भाँप कर

कोई भी बात

ख़ूबसूरत मोड़ पर लाकर छोड़ सकती है

दर्द होने पर

हल्दी के साथ दूध पिला

पूरे देह का पीड़ा को मार देती है

और नज़र लगने पर

सरसों के तेल में रूई की बाती भिगो

नज़र भी उतार देती है

अगरबत्ती की ख़ुश्बू से

सुबह-शाम सारा घर महकाती है

बिना काम किए भी

परिवार तो रात को

थक कर सो जाता है

लेकिन वो सारा दिन काम करके भी

परिवार की चिन्ता में

रात भर सो नहीं पाती है।

सच!

कोई भी माँ

अनपढ़ नहीं होती

सयानी होती है

क्योंकि ढेर सारी डिग्रियाँ बटोरने के बावजूद

बेटियों को उसी से सीखना पड़ता है

कि गृहस्थी

कैसे चलानी होती है।

Also Check : Happy Birthday SMS in Hindi for Best Friend

माँ मैं फिर (Hindi Poem on Maa)

 

माँ मैं फिर जीना चाहता हूँ, तुम्हारा प्यारा बच्चा बनकर
माँ मैं फिर सोना चाहता हूँ, तुम्हारी लोरी सुनकर
माँ मैं फिर दुनिया की तपिश का सामना करना चाहता हूँ, तुम्हारे आँचल की छाया पाकर
माँ मैं फिर अपनी सारी चिंताएँ भूल जाना चाहता हूँ, तुम्हारी गोद में सिर रखकर
माँ मैं फिर अपनी भूख मिटाना चाहता हूँ, तुम्हारे हाथों की बनी सूखी रोटी खाकर
माँ मैं फिर चलना चाहता हूँ, तुम्हारी ऊँगली पकड़ कर
माँ मैं फिर जगना चाहता हूँ, तुम्हारे कदमों की आहट पाकर
माँ मैं फिर निर्भीक होना चाहता हूँ, तुम्हारा साथ पाकर
माँ मैं फिर सुखी होना चाहता हूँ, तुम्हारी दुआएँ पाकर
माँ मैं फिर अपनी गलतियाँ सुधारना चाहता हूँ, तुम्हारी चपत पाकर
माँ मैं फिर संवरना चाहता हूँ, तुम्हारा स्नेह पाकर
क्योंकि माँ मैंने तुम्हारे बिना खुद को अधूरा पाया है. मैंने तुम्हारी कमी महसूस की है .

 

 

यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे (Hindi Poem on Maa)

यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे

मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे

ले देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली

किसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली

तुम्हें नहीं कुछ कहता पर मैं चुपके-चुपके आता

उस नीची डाली से अम्मा ऊँचे पर चढ़ जाता

वहीं बैठ फिर बड़े मजे से मैं बांसुरी बजाता

अम्मा-अम्मा कह वंशी के स्वर में तुम्हे बुलाता

सुन मेरी बंसी को माँ तुम इतनी खुश हो जाती

मुझे देखने काम छोड़कर तुम बाहर तक आती

तुमको आता देख बाँसुरी रख मैं चुप हो जाता

पत्तों मे छिपकर धीरे से फिर बाँसुरी बजाता

गुस्सा होकर मुझे डाटती, कहती “नीचे आजा”

पर जब मैं ना उतरता, हँसकर कहती, “मुन्ना राजा”

“नीचे उतरो मेरे भईया तुंझे मिठाई दूँगी,

नये खिलौने, माखन-मिसरी, दूध मलाई दूँगी”

बहुत बुलाने पर भी माँ जब नहीं उतर कर आता

माँ, तब माँ का हृदय तुम्हारा बहुत विकल हो जाता

तुम आँचल फैला कर अम्मां वहीं पेड़ के नीचे

ईश्वर से कुछ विनती करतीं बैठी आँखें मीचे

तुम्हें ध्यान में लगी देख मैं धीरे-धीरे आता

और तुम्हारे फैले आँचल के नीचे छिप जाता

तुम घबरा कर आँख खोलतीं, पर माँ खुश हो जाती

जब अपने मुन्ना राजा को गोदी में ही पातीं

इसी तरह कुछ खेला करते हम-तुम धीरे-धीरे

यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे

Also Check : Suicidal Thoughts Quotes

Share
Published by
Hind Patrika

Recent Posts

Go2win रिव्यु गाइड, बोनस और डिटेल्स | 2024 | Hind Patrika

Go2Win - भारतीय दर्शकों के लिए स्पोर्ट्सबुक और कैसीनो का नया विकल्प आज के दौर…

3 months ago

Ole777 रिव्यु गाइड, बोनस और डिटेल्स | 2023

Ole777 समीक्षा  Ole777 एक क्रिप्टो वेबसाइट  (crypto gambling website) है जिसे 2009 में लॉन्च किया…

2 years ago

मोटापा कैसे कम करें- 6 आसान तरीके – 6 Simple Ways for Weight Loss

मोटापे से छुटकारा किसे नहीं चाहिए? हर कोई अपने पेट की चर्बी से छुटकारा पाना…

2 years ago

दशहरा पर निबंध | Dussehra in Hindi | Essay On Dussehra in Hindi

दशहरा पर निबंध | Essay On Dussehra in Hindi Essay On Dussehra in Hindi : हमारे…

3 years ago

दिवाली पर निबंध | Deepawali in Hindi | Hindi Essay On Diwali

दिवाली पर निबंध  Hindi Essay On Diwali Diwali Essay in Hindi : हमारा समाज तयोहारों…

3 years ago

VBET 10 रिव्यु गाइड, बोनस और डिटेल्स | जनवरी 2022 | Hind Patrika

VBET एक ऑनलाइन कैसीनो और बैटिंग वेबसाइट है। यह वेबसाइट हाल में ही भारत में लांच…

3 years ago