गांधी जी गोलमेज कॉन्फ्रेंस में : दांडी मार्च का यह नतीजा सामने आया कि ब्रिटिश हुकूमत ने उनसे समझौता करने के लिए उन्हें लंदन बुलवाया।
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‘बा’ का निधन : महात्मा गांधी उन दिनों आगा खां महल में नजरबंद थे। गांधी जी की पत्नी कस्तूरबा गांधी उनके साथ ही थीं। अपने
गांधी जी नोआखाली में : 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश हुकूमत ने भारत को आजादी तो दे दी, परंतु हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच भारत
गांधी जी का बलिदान : हरिजन बस्ती शरणार्थियों से खचाखच भरी हुई थी। इसलिए गांधी जी को बिड़ला हाउस में भेज दिया गया। गांधी जी
तिलक और गोखले से भेंट : भारत आकर गांधी जी ने बाल गंगाधर तिलक और पंडित गोपाल कृष्ण गोखले से भेंट की। | तिलक ने
सीसो का प्रभाव : सीसो इटली के एक व्यापारी का पुत्र था। उसका वास्तविक नाम ‘जीओवानी बर्नाड्रोन’ था। उसके मां-बाप लाड़-प्यार में उसे ‘सीसो’ पुकारते
मदर टेरेसा का बचपन : यूगोस्लाविया (अब मेसेडोनिया) के स्कोपजे नामक शहर में एक संपन्न परिवार में एक कन्या का जन्म हुआ था-27 अगस्त 1910
मां की शिक्षा : एक दिन गोंजा की मां ने अपने बच्चों को मुहल्ले के असभ्य और गंदे बच्चों के साथ खेलते देखा तो उसने
जैसा देश, वैसा भेष : सन् 1927 में गोंजा ने भारतभूमि पर अपना पहला कदम रखा। स्पेन की एक संन्यासिनी ‘टेरेसा’ से प्रेरणा लेकर उसने
मैं भारत की हूँ : कलकत्ता में सन् 1946 के दिसंबर मास में, मदर टेरेसा ‘मिशन ऑफ चैरिटी’ की स्थापना के लिए भाग-दौड़ कर रही
भारत के सम्मान की रक्षा : मदर टेरेसा में अहंकार का लेशमात्र नहीं था, किंतु अपने स्वाभिमान की रक्षा करना वे जानती थीं। एक बार
मोती झील में पहला स्कूल : मदर कलकत्ता में अपना खर्च एक स्कूल में अध्यापन करके चलाती थीं। उनका मन स्वयं एक स्कूल खोलने का
वो गरीब औरत और बीमार बच्चा : भीगते-भीगते मदर टेरेसा मेबेल के साथ मोती झील की बस्ती में पहुंचीं। बारिश अभी भी बहुत तेज हो
मिशन ऑफ चैरिटी की स्थापना : मदर के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे असभ्य थे, पर मदर ने धीरे-धीरे उन्हें सभ्य बनाया। कुछ बड़े लोग
प्रधानमंत्री नेहरू से भेंट : 15 अगस्त, सन् 1947 को भारत अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद हो गया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में