Bunny :
बन्नी और उसके दोस्त Bunny and his friends
Bunny : ये कहानी एक प्यारे से खरगोश की एक प्यारे से बन्नी की और उसके दोस्तों के पात्रो ने भी इस कहानी को कहानी बनाने में साथ दिया हैं. ये बहुत ही छोटी सी प्यारी सी कहानी हैं. उम्मीद करते हैं. ये Short Moral Story आपको पसंद आएगी.
Bunny and his friends : Short Moral Stories in Hindi
Short Moral Stories in Hindi : एक जंगल मे Bunny नाम का एक खरगोश रहता था.उसके जंगल में कई दोस्त थे. इस बात का उसे हमेशा गर्व रहता था की उसके इतने अच्छे दोस्त हैं.
एक दिन Bunny खरगोश ने कुछ जंगली कुत्तों के भोंकने की आवाज़ सुनी. वह बहुत डर गया. उसने मदद माँगने का निश्चय किया. वह तुरंत अपने दोस्त हिरण के पास गया और कहा, “प्यारे हिरण, कुछ जंगली कुत्ते मेरा पीछा कर रहे हैं. क्या तुम उन्हे अपने नुकीले सींग की सहायता से भगा सकते हो.” हिरण बोला, “हाँ बिल्कुल, में कर सकता हूँ पर अभी में व्यस्त हूँ, तुम भालू से मदद क्यूँ नही माँगते, वो तुम्हारी ज़रूर मदद करेगा.”
Bunny सीधे भालू के पास पहुँचा और कहा, “प्यारे भालू, तुम बहुत ही ताकतवर हो, क्या तुम मेरी मदद करोगे, कुछ जंगली कुत्ते मेरे पीछे पड़े है, प्लीज़ उन्हे यहाँ से भगा दो.”
भालू बोला, “मुझे माफ़ करना Bunny, मैं तुम्हारी सहायता नही कर सकता, में अभी भूखा हूँ और बहुत थक गया हूँ. मुझे खाना ढूँढने भी जाना है. तुम बंदर से सहयता ले लो. वह तुम्हारी ज़रूर मदद करेगा.
बेचारा Bunny बंदर, हाथी, बकरी आदि सभी दोस्तों के पास गया पर सभी ने मदद करने से किसी ना किसी तरीके से इनकार कर दिया. Bunny को बहुत दुख हुआ की उसकी किसी दोस्त ने मदद नही करी. उसे समझ आ गया की उसे ही खुद की मदद करनी पड़ेगी. उसे ही बचने का कोई रास्ता खोजना पड़ेगा. वह भाग कर घनी झाड़ियों में छुप गया. जंगली कुत्ते आये पर उसे ढूँढ ना सके. आख़िरकार वे हार कर वापस चले गये.
Short Moral Stories In Hindi : इससे हमे समझ में आता हैं की कभी भी हमे इस चीज का घमंड नहीं करना चाहिए की हमारे कितने दोस्त हैं और ना ही इस चीज़ पर विश्वास करना चाहिए की जितने ज्यादा हमारे दोस्त यानि मित्र होंगे उतने ही ज्यादा chances हैं की वो हमे हर मुश्किल से निकाल देंगे क्युकी अक्सर लोग झूठ का नकाब पहन कर रखते हैं और जब असल में हम पर मुश्किलों का पहाड़ टूटता हैं तो कुछ ही होते हैं जो असल में हमारी मदद करने के लिए आगे आते हैं और वो ही होते हैं जो दुःख में भी साथ निभाते हैं ऐसे ही दोस्तों को हमारा सलाम. दोस्त चाहे एक हो लेकिन नेक हो जो आपको समझे और आपका ख्याल रखे. हमे अपने अंदर इतनी तो सूझ बुझ विकसित करनी ही चाहिए की हम इस चीज़ का पता लगा सके की कौन हमारे सच्चे मित्र हैं और कौन झूठे. लेकिन हां एक बात हमे हमेशा याद रखनी चाहिए की अगर किसी ने बुरे वक़्त में हमारी मदद नहीं की इसका मतलब ये नहीं हैं की जब उसका बुरा वक़्त आएं तो तुम भी उसी की तरह व्यहवार करो. उसने बुरा सिखा हैं, उसने बुरा किया हैं जो उसने तुम्हारे बुरे वक़्त में तुम्हारा साथ नहीं दिया लेकिन तुम वो नहीं हो और ना ही तुम बुरे हो. इसीलिए हमेशा वो ही करो जो अच्छा हैं और मदद करो हर किसी को जो भी परेशानी में हैं क्या पता तुम्हे अच्छा करता देख कर वो भी बदल जाए. याद रखो जो सच्चा हैं वही अच्छा हैं. खुद पर विश्वास रखो हमेशा मित्र उन्ही को बनाओ जिन पर तुम भरोसा कर सको. और हमेशा हर किसी का अच्छा ही करो.
धन्यावाद!