Barley in Hindi | जौ के फ़ायदे
Barley in Hindi: भारत मे रबी की फसलों के साथ उगाई जाने वाली जौ, गेंहू की परिवार का ही एक हिस्सा है. देखने मे यह फसल गेंहू की फसल के समान ही दिखती है. यदि जौ के फायदे और महत्व की पर गौर करे, तो पता चलता है, की प्राचीन काल से ही यह फसल हमारे आहार का एक अभिन्न अंग रहा है. जौ के फ़ायदे को देखते हुए ही हमारे देश के ऋषि मुनि जौ को प्रमुख आहार के रूप में लेते थे. यहाँ तक की जौ के दानों को यज्ञ में आहुति के तौर पर स्वीकार किया जाता है.
जौ में पाए जाने वाले आवश्यक तत्व | Essential Minerals Found in Barley in Hindi
Barley in Hindi: जौ के फायदे को बेहतर समझने के लिए जौ में मौजूद तत्वों का ज्ञान आवश्यक है. जौ में अनेक तरह के पोषक तत्व मौजूद होते है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते है.
जौ में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, प्रोटीन, अमीनो एसिड, मैगनीज, जिंक, सेलेनियम, पोटेशियम, कैरोटीन, लेक्टिक एसिड, फास्फोरिक एसिड के अलावा कई तरह के एन्टीऑक्सीडेंट मौजूद होते है. जौ को अपने आहार का हिस्सा बनाकर इन सब पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सकता है.
जौ खाने के फायदे | Benfits of Eating Barley in Hindi
जौ करे कोलेस्ट्रॉल को कम
जौ कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए एक कारगर इलाज है. जौ में टोकल्स नाम का एक तत्व पाया जाता है, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में बहुत कारगर होता है. कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए जौ के पानी पिएं. इसके अलावा जौ की चाय भी कोलेस्ट्रॉल को कम करती है.
जौ तनाव को कम करता है.
जौ में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते है. ऑक्सीडेंट का सेवन इंसान के मन को खुश रखने का कार्य करता है. इसके सेवन से व्यक्ति का तनाव कम होता है, और चिंता दूर होती है.
मधुमेह से दे राहत.
जौ का सेवन डायबिटीज के मरीजो के लिए बहुत लाभप्रद होता है. यह खून में मौजूद शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है. खाने के बाद जौ का पानी ठंडा करके मधुमेह के रोगियों को दिया जा सकता है. इसके अलावा जौ के आटे से बनी रोटी भी काफी फायदेमंद होती है. इसके अलावा आटे का सत्तू भी बनाकर खा सकते है.
मोटापा कम करे.
जो व्यक्ति मोटापा से परेशान है, वो भी जौ का औषधि के रूप में प्रयोग कर सकते है. अधिकतर देखा गया है की मोटे लोगों में मधुमेह की समस्या अधिक पाई जाती है. इसलिए जो भी मोटापे से ग्रसित है, वो इसे नियंत्रित करने की कोशिश करे. मोटापा कम करने के लिए जौ के सत्तू में त्रिफला का काढ़ा और शहद मिलाकर खाने से मोटापा कम होता है.
शरीर की कमजोरी दूर करे.
जौ के दाने और दूध की बनी खीर, शरीर मे आई कमजोरी को दूर करती है. इसके लिए जौ के दाने को 12 घंटे तक पानी मे भिगो कर रखे. इसके बाद इन्हें पानी से निकाल कर छिलका उतार दे, और इन दानों को दूध में मिलाकर खीर बनाए. इस खीर का सेवन दिन में दो बार कर सकते है.
गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी.
गर्भवती महिलाओं के लिए जौ बहुत लाभकारी होता है. गर्भवती महिलाएं यदि जौ के पानी का सेवन करे तो गर्भावस्था के दौरान होने वाली अनेक समस्याओं से छुटकारा पा सकती है. जैसा कि जौ पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमे पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट महिलाओं को मानसिक तनाव से दूर रखते है. यह शरीर मे मौजूद शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है, जिससे गर्भावस्था के दौरान मधुमेह जैसी बीमारियों में राहत मिलती है.
कभी कभी गर्भवती महिलाओं के शरीर मे अतिरिक्त पानी जमा होने लगता है, जिससे पैरों और घुटनों में दर्द होने लगता है. जौ का सेवन शरीर से अतिरिक्त पानी को बाहर निकलने में मदद करता है.इसके साथ ही स्तन पान कराने वाली महिलाएं दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए जौ का सेवन कर सकती है. इसके लिए जौ के गर्म पानी मे सौफ मिलाकर 10 मिनट बाद पीना चाहिए.
गठिया रोग से दे राहत
जौ अपने अंदर अनेक औषधीय गुण समाये हुए है. जो व्यक्ति गठिया रोग से पीड़ित है, वह जौ के दानों को शक्कर के साथ मिलाए, और उसका लड्डू बनाकर खाए. इसके सेवन से गठिया रोग में राहत मिलती है.
पीलिया का इलाज करे.
जौ का सेवन पीलिया जैसी खतरनाक बीमारी से भी राहत दिलाता है. इसके लिए जौ के दानों का बना सत्तू बहुत फायदेमंद होता है. जौ का सत्तू खाने के बाद एक ग्लास गन्ने का रस पीने से 5-6-दिन के अंदर ही पीलिया से राहत मिलने लगती है.
पथरी को दूर करे.
कई लोगो मे देखा गया है अशुद्ध पानी या बहुत अधिक कैल्शियम युक्त पानी पीने की वजह से पेट मे पथरी बन जाती है. जो कि एक बहुत ही पीड़ादायी स्थिति होती है. स्थिति ज्यादा खराब होने पर ऑपेरशन करना पड़ता है. पर पथरी पड़ने के बाद यदि व्यक्ति नियमित रूप से जौ का पानी पीता है, तो पेट मे पड़ी पथरी गलने लगती है. इसके अलावा जौ के आटे से बनी रोटी खानी चाहिए.
चमकदार त्वचा
जौ का पानी हमारी त्वचा को चमकदार बनाता है. जौ शरीर मे निकलने वाले कील, मुँहासों को भी दूर करता है. इसमे एजेलिक एसिड के अलावा अच्छे एन्टी ऑक्सीडेंट मौजूद होते है, जो शरीर मे पढ़ने वाली झुर्रियों से निजात दिलाते है.
अधिक प्यास से राहत.
कुछ लोगो को बहुत अधिक प्यास लगने की समस्या देखी गई है. जो भी व्यक्ति अधिक प्यास लगने की समस्या का सामना कर रहे है, वो जौ के पानी का सेवन कर सकते है. इसके लिए जौ को कूटकर कम से कम 8 घंटे तक तक पानी मे भिगोकर रखे. इसके बाद इसे आग में उबाले, और पानी को छानकर गर्म पानी से ही गरारे करें. ऐसा करने से अधिक प्यास से राहत मिलती है.
मूत्र मार्ग का संक्रमण दूर करे.
जौ का पानी मूत्र मार्ग में संक्रमण से जुड़ी समस्याओं को दूर करने का एक बेहद ही सरल और कारगर प्राकृतिक उपाय है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका उपयोग बच्चों और गर्भवती महिलाओं के द्वारा भी किया जा सकता है. इसमे कई तरह के अच्छे गुण पाए जाते है. यह शरीर मे जमा अतिरिक्त पानी को बाहर निकलता है, जिससे किडनी और गुर्दा साफ रहता है. यह किडनी की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने के सहायक होता है. इसके अलावा किसी भी तरह के बैक्टीरिया, या विषाक्त पदार्थ हो, उन सबको यह बाहर निकाल देता है. गुर्दे में पथरी, आदि को भी यह गलाता है. जिससे पेशाब मार्ग संबंधी दिक्कते दूर होती है.
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जौ का पानी कैसे बनाएं? | Barley Water in Hindi
Barley in Hindi: जौ के पानी के महत्व को तो अब समझ ही गए होंगे. इसलिए यहाँ पर वह तरीका बताया जा रहा है, जिसके द्वारा जौ का पानी बना सके.
• सबसे पहले जौ को अच्छे से धो ले, और 6 से 8 घंटे के लिए पानी मे भिगो कर रख दे.
• 8 घंटे पश्चात जौ के पानी को अच्छी तरह छान लें और अलग रख दे. इसके बाद इन भीगे हुए जौ के दानों के ऊपर जौ के दानों का चार गुना शुद्ध ठंडा पानी डालें, और इसे गर्म करें.
• इसे कम से कम 1 घंटे तक कम आंच में ढककर पकाएं. इसके बाद इस मिश्रण को छान लें, और ठंडा करके पिए.
• इसका सेवन दिन में दो बार एक एक ग्लास किया जा सकता है. सुविधा के लिए बचे हुए पानी को फ्रीज़ में रख सकते है.
• इस तरह से जौ के फ़ायदे प्राप्त कर सकते है.