हिंदी साहित्य में हरिवंशराय बच्चन जी का योगदान काफी अतुल्य एवं सराहनीय रहा है। इनका जन्म २७ नवंबर सन् १९०७ में प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश में
Author: Hind Patrika
महात्मा गांधी का परिवार : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। गुजरात में यह प्रथा है कि पुत्र के । नाम
गांधी जी का बचपन : मोहनदास गांधी का बचपन पोरबंदर में ही बीता। सात वर्ष की उम्र में उन्हें राजकोट की एक पाठशाला में भरती
पुस्तक और नाटक का प्रभाव : बचपन में मोहनदास को पढ़ने-लिखने में कोई विशेष रुचि नहीं थी। परंतु एक बार उन्हें कहीं से ‘श्रवण पितृ-भक्ति’
मोहनदास गांधी का विवाह : मोहनदास गांधी अभी मैट्रिक में आए भी नहीं थे कि बारह-तेरह वर्ष की उम्र में ही उनका विवाह कस्तूरबा से
Alaska इतना बड़ा है कि उसमें अमेरिका के 19 राज्य समा सकते हैं | | Alaska के Talkeetna शहर में एक बिल्ली 15 सालों तक
मोहनदास गांधी की पिटाई : मोहनदास गांधी खेल-कूद में बिलकुल भाग नहीं लेते थे। उनका कहना था कि शिक्षा का खेलसे कोई संबंध नहीं है।
पिता का देहावसान : उन दिनों मैट्रिक की परीक्षा का निकटतम केंद्र अहमदाबाद था। गांधी जी राजकोट से मैट्रिक की परीक्षा देने अहमदाबाद गए थे।
बचपन की बुरी संगत : गांधी जी के बड़े भाई का एक दोस्त बुरी संगत में उठता-बैठता था। वह बीड़ी-सिगरेट और मांसमदिरा का सेवन भी
अपराध की स्वीकारोक्ति : धीरे-धीरे मोहनदास को सिगरेट पीने और मांस खाने का चस्का लग गया। घर में वे झूठ बोलने लगे और कभी-कभी पत्नी
गांधी जी विलायत की ओर : गांधी जी विलायत जाकर डॉक्टर बनना चाहते थे। परंतु जब गांधी जी के पिता के मित्र श्री भाव जी
इंग्लैंड के नए माहौल में : चौबीस दिन की यात्रा के बाद 28 सितंबर, 1888 को गांधी जी इंग्लैंड की धरती पर उतरे। सबसे पहले
अंग्रेजीयत सीखने की धुन : इंग्लैंड में लोग उन्हें जंगली या असभ्य न समझें, इसके लिए उनके मन में अंग्रेजी सभ्यता और शिष्टाचार सीखने की
स्वदेश वापसी : 11 जून, 1891 को बार-एट-लॉ की डिग्री लेकर गांधी जी स्वदेश लौट आए। इन तीन वर्षों के प्रवास में गांधी जी ने
बैरिस्टर मोहनदास गांधी : बैरिस्टर बनने के कुछ दिन बाद तक गांधी जी राजकोट में ही रहे। फिर वे अपने एक मित्र की सलाह पर