Andhe jo Dekh Sakte hain अंधे जो देख सकते है
Andhe jo Dekh Sakte hain | Akbar Birbal Stories in Hindi : एक बार रानी ने सभी अंधों को भिक्षा देने की इच्छा व्यक्त की। बादशाह अकबर चाहते थे कि कोई भी अंधा भिक्षा से वंचित न रहे इसलिए उन्होंने अपने सेवकों को राज्य के सभी अंधों की सूची बनाने के लिए कहा। आज्ञा के अनुसार अंधों की सूची तैयार हो गई। यह सूची बादशाह को दी गई। सूची को भली प्रकार देखकर बीरबल को देते हुए बादशाह ने कहा, “बीरबल, यह हमारे राज्य के अंधों की सूची है, इसे लो और सभी को बुलाओ तथा उनके भोजन का प्रबंध करो।” बीरबल ने सूची देखकर कहा, “महाराज, यहाँ हमारे राज्य में इस सूची से बहुत अधिक अंधे हैं। वास्तव में दृष्टिहीन लोगों की संख्या दृष्टि वाले लोगों की तुलना में अधिक है।” “ये क्या मूर्खतापूर्ण बात कर रहे हो, बीरबल? यदि यह सत्य है तो इसे साबित करो।” बादशाह अकबर ने बीरबल को चुनौती दी। बीरबल ने इस चुनौती को स्वीकार कर लिया। अगले दिन बीरबल ने एक पुरानी चारपाई का ढाँचा लिया। वह उसे सड़क के किनारे बैठकर रस्सी से बुनने लगा। बीरबल के निकट ही हाथ में कागज-पैंसिल लिए उसका सेवक खड़ा था। तभी एक व्यक्ति ने बीरबल के निकट आकर पूछा, “बीरबल, तुम यह क्या कर रहे हो?” बीरबल ने सेवक को कुछ कहा। सेवक ने अपने हाथ में पकड़े कागज पर कुछ लिखा। थोड़े समय बाद ही कुछ लोगों की भीड़ सड़क पर एकत्रित हो गयी। ” बीरबल के साथ क्या हो गया?” “वह यह सब क्यों कर रहा है?” “वह यह सब करके क्या प्राप्त करना चाहता है?” हर व्यक्ति कोई-न-कोई, कुछ न कुछ टिप्पणी कर रहा था। बीरबल का सेवक सभी कुछ कागज पर लिखता जा रहा था।
Andhe jo Dekh Sakte hain : इसी प्रकार पूरा दिन बीत गया। शाम तक बादशाह अकबर ने भी यह सब सुना। वह भी बीरबल को देखने चल पड़े। जब वह बीरबल के पास पहुँचे तो उसे काम करते देखकर हैरान रह गए। कुछ देर ध्यान से देखने के पश्चात् उन्होंने कहा “मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूँकि तुम यह सब क्या कर रहे हो?” सेवक ने पुन: कुछ लिखा। बीरबल ने खड़े होकर बादशाह को सलाम किया। बीरबल ने एक सूची बादशाह को देते हुए कहा “महाराज, यह तीन सौ अंधे लोगों की सूची है।” बादशाह अकबर ने सूची लेकर बड़े ध्यान से पढ़ा, परन्तु नीचे जब अपना नाम पढ़ा तो चौंक पड़े। ‘परंतु इसमें मेरा नाम क्यों है?” बादशाह ने पूछा। “महाराज, आप भी इनमें से एक हैं। आप अंतिम व्यक्ति हैं जिसने यहाँ आकर यह पूछा कि तुम क्या कर रहे हो? जबकि आप देख सकते हैं कि मैं एक चारपाई बुन रहा हूँ।” बादशाह अकबर ठहाका मारकर हँसते हुए बोले “हाँ, बीरबल! मैं इस बात से पूर्णरूप से सहमत हूँ कि हमारे राज्य में अंधों की संख्या देखने वालों से अधिक है।”
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