Agyakari pati | Akbar Birbal Stories in Hindi
Agyakari pati | Akbar Birbal Stories in Hindi : एक दिन दोपहर के बाद बादशाह अकबर व बीरबल भेष बदलकर आगरा की सड़कों पर घूम रहे थे। जब वे ठीक बस्ती के बीच से गुज़र रहे थे तो अचानक एक घर के सामने ठिठक कर खड़े हो गए। उन्होंने देखा कि एक औरत जोर-जोर से चिल्ला रही थी। वह एक आदमी से कह रही थी। “तुम एक पति होने के योग्य नहीं हो। यहाँ से तुरंत चले जाओ। मेरे द्वारा दिए गए काम को पूरा किए बिना इस घर में कदम मत रखना।” यह सब देखकर बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा “बीरबल, वह नवयुवक कोई जवाब क्यों नहीं दे रहा? वह शक्तिशाली है और औरत पर भी पलट कर चिल्ला सकता है। वह ऐसा क्यों नहीं कर रहा है?” बीरबल ने कहा ‘महाराज, सभी पति ऐसे ही होते हैं। सभी पत्नी की आज्ञा को मानते हैं। यह शादी का कड़वा सच है।” अगले दिन बादशाह ने सभी विवाहित व्यक्तियों को महल में बुलाया।
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सभी के इकट्ठा होने पर वह बोले “वे सभी पति, जो अपनी पत्नियों की आज्ञा मानते हैं, मेरे दायीं तरफ खड़े हो जाएँ और वे सभी, जो अपनी पत्नी की इस आदेश पर सभी पुरुष बादशाह की दायीं ओर खड़े हो गए। केवल एक व्यक्ति ही बादशाह की बायीं ओर खड़ा रहा। यह देखकर कि मेरी इतनी बड़ी राजधानी में कम-से-कम एक विवाहित व्यक्ति तो ऐसा है जो पत्नी की आज्ञा नही मानता, बादशाह अत्यंत प्रसन्न हुए। उन्होंने बीरबल से उसे ईनाम देने को कहा, परंतु बीरबल उस व्यक्ति से एक प्रश्न पूछना चाहते थे। वे मुस्कराते हुए उसके पास गए और विनम्रतापूर्वक व्यक्ति से पूछा ” श्रीमान्, जब सभी व्यक्ति बादशाह की दायीं ओर खड़े हुए, तब तुम अकेले बाई ओर क्यों खड़े हुए? तुमने ऐसा क्यों किया?” उस व्यक्ति ने जवाब दिया, ‘श्रीमान्, दरअसल मेरी पत्नी ने मुझसे कहा था, कि ‘तुम भीड़ से अलग ही खड़े होना’ इसलिए मैं सभी से अलग खड़ा हुआ था।” मारकर हँसने लगे। बादशाह ने बीरबल से कहा, ” बीरबल, एक बार फिर तुम सही हो कि तुमने जो कहा उसे सच साबित कर दिया। कि सभी पति अपनी पत्नी की आज्ञा मानते हैं।”
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